चंडीगढ़, 18 मार्चः
सरकारी योजनाओं को लागू करने में पारदर्शिता और जवाबदेही यकीनी बनाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा राज्य में सरकारी स्कीमों का लाभ सीधा लाभार्थीयों के खातों में हस्तांतरित करने संबंधी योजनाएँ (डी.बी.टी.) लागू करने और इनकी प्रगति की समीक्षा के लिए मजबूत और एकीकृत तकनीक अपनाने का फैसला किया गया है।
इस संबंधी प्रोजैक्ट को आज यहाँ मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन की अध्यक्षता में पंजाब स्टेट डी.बी.टी. सैल के सलाहकार बोर्ड की पहली मीटिंग के दौरान सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई।
मौजूदा समय में राज्य में 18 विभागों की 135 योजनाएँ, जिनमें 66 केंद्र प्रायोजित, 68 राज्य द्वारा चलाईं जा रही योजनाएँ और 1 सैंटर-सैक्टर स्कीम शामिल है, डी.बी.टी. फॉर्मेट के अंतर्गत लागू की जा रही हैं।
यह फैसला प्रशासकीय सुधार विभाग द्वारा राज्य में डी.बी.टी. स्कीमें और भी सभ्यक ढंग से लागू करने और इनकी समीक्षा के लिए संबंधित विभागों को तकनीकी मदद देने के लिए केंद्रीयकृत तकनीक अपनाने के प्रस्ताव के बाद लिया गया।
इस प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी देते हुए बोर्ड ने यह भी यकीनी बनाने का फैसला किया कि इस प्रणाली के लिए अपेक्षित वित्तीय मदद सरकार द्वारा दी जायेगी।
मुख्य सचिव विनी महाजन ने कहा कि राज्य में सार्वजनिक योजनाएँ लागू करने के ढांचे को और सुचारू बनाने के लिए मजबूत और एकीकृत तकनीक विकसित करने पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए।
बोर्ड ने संबंधित विभागों को आधार कानून के नियमों का समयबद्ध पालन यकीनी बनाने के लिए कहा। सभी विभागों को राज्य के फंडों से चलने वाली योजनाओं संबंधी 31 मार्च तक आधार कानून की धारा 7 अधीन नोटीफिकेशन जारी करने के लिए कहा गया।
प्रशासनिक सुधार विभाग को इस बारे संबंधित विभागों को अपेक्षित सहायता देने के लिए निर्देश दिए गए।
प्रशासनिक सुधार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मीटिंग के दौरान विभिन्न योजनाओं और उनके लागू होने की स्थिति संबंधी विवरण पेश किये।
-NAV GILL