जानी नुक्सान की रोकथाम को यकीनी बनाने के लिए यत्नों के साथ-साथ कोविड सम्बन्धी रोक भी जारी रहेंगी – कैप्टन अमरिन्दर सिंह

चंडीगढ़, 5 मार्च:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा कोरोना की रोकथाम और राज्य के लोगों का जानी नुक्सान होने से रोकने को यकीनी बनाने के लिए स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य में कोरोना सम्बन्धी सुरक्षा उपाय और नियम लागू रहेंगे।
राज्य में महामारी को सफलतापूर्वक रोकने बारे पंजाब विधानसभा में जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह यह बात तसल्ली के साथ कह सकते हैं कि जबसे महामारी आई है, तबसे ही हमने इसे रोकने के लिए शानदार काम किया है, जिसके लिए लोगों के सहयोग के साथ-साथ स्वास्थ्य, फ्रंट लाईन वर्करों, जि़ला और पुलिस प्रशासन, ग़ैर-सरकारी संगठनों, स्थानीय नुमायंदे धन्यवाद के पात्र हैं।

 

क्या आपका पार्टनर हर छोटी बात पर उलझता है || Dr. HK Kharbanda ||

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों की धरती होने के कारण पंजाब उच्च जोखिम वाले राज्यों में शामिल था, परन्तु देश की 2.5 प्रतिशत आबादी पंजाब में होने के अनुपात के अनुसार पंजाब में कोरोना केस देश के कुल 1.1 करोड़ मामलों का सिफऱ् 1.6 प्रतिशत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 5887 लोगों की कोरोना के कारण जान चली गई, जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में राज्य में चाहे पॉज़ीटिवटी रेट 2.3 फीसदी है परन्तु हम लापरवाह नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना की दूसरी लहर आ रही है और हमें इसके मुकाबले के लिए तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्लाज्मा बैंक स्थापित करने और प्लाज्मा का प्रयोग करने में पंजाब के अग्रणी रहने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा कोविड सम्बन्धी आंकड़ों में पूरी पारदर्शिता बरती गई और राज्य के तजुर्बों के आधार पर इनको और सटीक करने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए हैल्थ रिस्पाँस टीमों द्वारा माहिरों के साथ संबंध स्थापित करके बेहतरीन प्रयास किये गए।
स्वास्थ्य सम्बन्धी ढांचे के सुधार के लिए पंजाब सरकार द्वारा उठाये कदमों संबंधी बोलते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से प्रभावित लोगों के इलाज, उनके संपर्कों की तलाश करके टैस्ट करने और मार्च 2020 में महामारी की शुरुआत से लेकर अब रोजमर्रा के 30 हजार टैस्ट करने का सामथ्र्य विकसित किया गया है। इसके अलावा मिशन फतेह के अंतर्गत लोगों को महामारी से बचाव सम्बन्धी जागरूकता फैलाने में बड़ी मदद मिली।
महामारी के दौरान उचित मंडीकरण के द्वारा फसलों की ढुलाई में किसानों की भूमिका की सराहना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि महामारी के दौरान दोनों फसलों की एवज में किसानों को 62000 करोड़ रुपए की अदायगी हुई, जिस दौरान मंडियों में फसल बेचने आए 10 लाख किसानों के लिए कोरोना से बचाव संबंधी पुख्ता प्रबंध किये गए।
कोरोना के दौरान प्रवासी मजदूरों की समस्याओं का जिक्र करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा 5 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को 375 विशेष रेल गाड़ीयों के द्वारा घर भेजा गया जिस पर 35 करोड़ रुपए खर्च किये गए। इसके अलावा 21000 वर्करों को भी 725 विशेष बसों के द्वारा वापिस भेजा गया। इसके इलावा देश के दूसरे हिस्सों में फंसे पंजाब के 4000 से ज्यादा श्रद्धालुओं को श्री नांदेड़ साहिब और 2000 से ज्यादा विद्यार्थियों को कोटा से वापस लाया गया।
उन्होंने सामाजिक और आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों की सहायता के लिए उठाये कदमों संबंधी बताते हुये कहा कि जरूरतमंदों को भोजन, दवाएं उपलब्ध करवाने के इलावा पंचायतों और निगमों के द्वारा आगामी पैंशन, मनरेगा वर्करों को अदायगी, निर्माण कामगारों को वित्तीय सहायता, कर्मचारियों को एक्स ग्रेशिया अनुदान के इलावा सुचारू तरीके से गेहूँ और धान की खरीद की गई।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार की तरफ से कोरोना के कारण वित्तीय तौर पर आहत लोगों को राहत देने के लिए टैक्सों और बिलों की वसूली लेट करने के इलावा अनेकों तरह के जुर्माने माफ किये गए। इसके इलावा पंजाब स्टेट पावर कोरर्पोशन लिमिटेड की तरफ से 500 करोड़ रुपए की राहत उपभोक्ताओं को दी गई, जिसके अंतर्गत बिजली बिलों की देरी से अदा करने की सुविधा, वर्तमान बिलों पर एक प्रतिशत रिबेट, एक्टेंशन चार्जों को मुलतवी करना और मीटर की सिक्यूरिटी में कोई तबदीली न करना शामिल है।
रियल अस्टेट क्षेत्र को दी राहतों संबंधी मुख्यमंत्री ने कहा कि कठिन हालातों के मुकाबले के लिए प्रशासकीय सुधार किये गए और वित्तीय स्रोतों को कार्यशील करके राज्य की अर्थव्यवस्था को दोबारा पटड़ी पर लाया गया है।
-NAV GILL

LEAVE A REPLY