डॉ.धर्मेन्द्र संधू
भारत में कुछ ऐसे पेड़-पौधे पाए जाते हैं जिनका उपयोग आयुर्वेद में सदियों से किया जा रहा है। आज हम आपको एक ऐसे ही पेड़ के बारे में जानकारी देंगे जो औषधीय गुणों का खज़ाना है। उस पेड़ को ‘बबूल’ के नाम से जाना जाता है। देश के कुछ हिस्सों में इसे ‘कीकर’भी कहा जाता है।
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बबूल के पेड़ की पत्तियों व छाल का प्रयोग कई प्रकार की दवाईयां बनाने के लिए किया जाता है। इसके साथ ही बबूल के पेड़ से एक खास तरह की गोंद भी प्राप्त होती है। यह गोंद भी आयुर्वेदिक दवाओं में उपयोग की जाती है। बबूल की दातुन भी दांतों व मसूड़ों के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से गुणकारी मानी जाती है।
बबूल के पेड़ के फायदे
दांतों के लिए है विशेष गुणकारी
दांतों के स्वास्थ्य के लिए बबूल की दातुन विशेष गुणकारी मानी जाती है। इसके अलावा बबूल की छाल भी मसूड़ों के लिए लाभकारी है। इसे चबाने से मसूड़ों से खून आने की समस्या दूर हो जाती है। बाजार में मिलने वाले कई टुथ पेस्टस में भी बबूल के तत्व पाए जाते हैं।
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मुंह में छाले होने पर करें बबूल की छाल का इस्तेमाल
मुंह के स्वास्थ्य के लिए बबूल काफी फायदेमंद है। मुंह के छालों से राहत पाने के लिए बबूल की छाल को सूखाकर चूर्ण बना लें और जब भी मुंह में छाले हों तो उस स्थाान पर इस चूर्ण को लगा लें। नियमित रूप में इसे छालों पर लगाने से आराम मिलता है व मुंह के छाले जल्दी ठीक हो जाते हैं।
खांसी से दिलाए राहत
खांसी से राहत दिलाने के लिए बबूल के पेड़ से मिलने वाली गोंद मददगार सिद्ध होती है। इसके लिए इस पेड़ से प्राप्त होने वाली गोंद को मिश्री के साथ मिलाकर चूसने से खांसी से राहत मिलती है। इसके अलावा खांसी से छुटकारा पाने के लिए बबूल के पेड़ की छाल का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
बालों को रखे स्वस्थ
अगर आप बाल झड़ने व टूटने की समस्या से परेशान हैं तो बबूल की पत्तियां आपकी इस समस्या का समाधान कर सकती हैं। इसके लिए बबूल की पत्तियों का पेस्ट बनाकर बालों की जड़ों में लगाने से फायदा होता है। आधे घंटे तक इस पेस्ट को बालों में लगाकर रखें और बाद में शैम्पू लगाकर गुनगुने पानी से बालों को धो लें।
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टॉन्सिल होने पर बबूल की छाल है उपयोगी
टॉन्सिल होने पर बबूल की छाल उपयोगी सिद्ध होती है। टॉन्सिल की समस्या में आराम पाने के लिए बबूल की छाल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर गरारे करने से टॉन्सिल जल्द ठीक होते हैं। इस काढ़े में आप काला नमक भी मिला सकते हैं।
घाव भरने में करे मदद
बबूल की पत्तियों में एंटी बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं। शरीर पर घाव होने पर बबूल की पत्तियों को मसलकर लगाने से घाव जल्दी ठीक होते हैं। इन पत्तियों के उपयोग से घाव जल्दी भरने के साथ ही रक्त रिसाव और संक्रमण होने का खतरा भी कम हो जाता है।
सीने की जलन से राहत दिलाती हैं बबूल की पत्तियां
सीने में जलन होना आम समस्या है। लेकिन सीने की जलन व्यक्ति को बेचैन व परेशान कर देती है। इस जलन से राहत पाने के लिए बबूल की पत्तियो को उबाल कर काढ़ा बना लें और दिन में तीन बार इसे पीएं। इस काढ़े से सीने की जलन में आराम मिलता है।
पुरुषों के लिए है फायदेमंद
बबूल के पेड़ की फली या फल भी गुणों से भरपूर होते हैं। खासकर पुरुषों के लिए यह फल काफी गुणकारी हैं। सुबह खाली पेट इन फलों का सेवन करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी दूर होती है। इसके नियमित सेवन से नपुंसकता की समस्या से भी छुटकारा मिलता है।
महिलाओं के लिए लाभकारी है बबूल की छाल
बबूल की छाल महिलाओं के लिए लाभकारी है। खासकर लिकोरिया की समस्या से परेशान महिलाओं को दिन में 2 या 3 बार बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर पीना चाहिए।
दस्त लगने पर बबूल की पत्तियां हैं फायदेमंद
दस्त लगने पर बबूल की पत्तियां काफी फायदेमंद सिद्ध होती हैं। इसके लिए बबूल की पत्तियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है। इस काढ़े का सेवन एक-एक चम्मच के हिसाब से दिन में तीन बार किया जा सकता है। साथ ही इसकी छाल का अर्क लेने से भी दस्त की समस्या में आराम मिलता है।
नोट: बबूल की पत्तियां व छाल चाहे कई प्रकार से सेहत के लिए उपयोगी है लेकिन फिर भी इसके किसी भी भाग का प्रयोग किसी आयुर्वेद के विशेषज्ञ की देख रेख में ही करना चाहिए नहीं तो फायदे के स्थान पर नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस मामले में महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए।
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