राज्य में रुकने वाले मज़दूरों का धन्यवाद जिस कारण 70 प्रतिशत से अधिक उद्योगों का काम शुरू हुआ
राज्य सरकार ने चीन से बाहर कारोबार ले जाने वाले देशों के दूतावासों के साथ संपर्क साधा-मुख्यमंत्री
चंडीगढ़, 23 मई:
पंजाब की देश में से सबसे अधिक 90 प्रतिशत रिकरवरी दर होने के बावजूद किसी तरह संतुष्ट होने को रद्द करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि घरेलू उड़ानों, रेलगाडिय़ों और बसों के द्वारा राज्य में आने वाले हर व्यक्ति को लाजि़मी तौर पर 14 दिनों के लिए घरेलू एकांतवास में रहना पड़ेगा।
फेसबुक पर ‘कैप्टन को सवाल ’ नाम के लाइव प्रोग्राम के दौरान सवालों का जवाब देते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में दाखि़ल होने वालों की जांच राज्य और जिलों के प्रवेश रास्तों के साथ-साथ रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों पर की जायेगी और जिनमें लक्षण पाये जाएंगे, उनको संस्थागत एकांतवास में रखा जायेगा जबकि बाकियों को दो हफ़्तों के लिए घर में एकांतवास में रहना होगा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि रैपिड टेस्टिंग टीमें घरों में एकांतवास में रखे व्यक्तियों की जांच करेंगी जबकि लक्षण वाले व्यक्तियों की विस्तृत जांच अस्पतालों /अलगाव केन्द्रों में की जायेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार विश्व या मुल्क के किसी भी हिस्से की तरफ से टैस्ट सम्बन्धी जारी किये सर्टिफिकेट पर भरोसा नहीं करेगी। उन्होंने महाराष्ट्र और राजस्थान के साथ-साथ हाल ही में दुबई से आने वालों संबंधी पंजाब का पिछला तजुर्बा सांझा करते हुये बताया कि इन स्थानों से राज्य में लौटने वाले पंजाबियों के पास नेगेटिव टैस्ट दर्शाते मैडीकल सर्टिफिकेट होने के बावजूद यहाँ पॉजिटिव टैस्ट सामने आए।
यहाँ जि़क्रयोग्य है कि केंद्र सरकार की दिशा-निर्देशों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के द्वारा भारत लौटने वालों को संस्थागत एकांतवास में से गुजऱना पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने पूरी तरह सचेत रहने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुये कहा कि बड़ी संख्या में पंजाबी घर लौट रहे हैं और अधिक से अधिक निवेशकार राज्य में अपना कारोबार फिर शुरू करने में रूचि दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा,‘‘हम पंजाब में महामारी को और नहीं फैलने देंगे और राज्य अब तक बेहतर ढंग से नियंत्रण करके स्थिति को काबू करने में सफल रहा है।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहरी मुल्कों और राज्यों से वापस आ रहे पंजाबियों के यहाँ लौटने से रोग के फैलाव की संभावना है परन्तु इसकी रोकथाम के लिए राज्य कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा जिसके अंतर्गत वापस लौटने वाले हर व्यक्ति की टेस्टिंग और एकांतवास के लिए उचित प्रबंध किये गए हैं। पाँच उड़ानें आज पहुँची हैं और विदेशों से 88 उड़ानों पर 20,000 लोगों की वापसी की उम्मीद है जबकि दूसरे राज्यों से 60,000 पंजाबियों के वापस आने की संभावना है। उन्होंने स्पष्ट रूप में कहा, ‘‘मैं पंजाब में इस रोग को और फैलने नहीं होने दूँगा।’’
मुख्यमंत्री ने कामगारों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने वापस जाने की बजाय यहाँ रुक कर पंजाब की आर्थिक मज़बूती में अपना योगदान डालने का रास्ता चुना। उन्होंने कहा, ‘‘यह आपका राज्य है और आप इसका हिस्सा हो।’’ उन्होंने कहा कि यह ज़रूरी है कि उद्योग का कामकाज चले जिससे रोजग़ार को यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने सभी को काम वाले स्थानों पर सामाजिक दूरी के नियमों की सख्ती से पालना करने की अपील की जिससे हर कदम पर वायरस को हराया जा सके। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जिस ढंग से हम स्थिति पर काबू पा चुके हैं, हमें दोबारा सख्ती से लॉकडाउन की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।’’
मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि गृह राज्य में जाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाने वाले प्रवासी मज़दूरों में से लगभग आधे मज़दूरों ने यहीं रुकने का फ़ैसला किया और इन्होंने उद्योगों में फिर काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 2.56 लाख उद्योग में से 1.5 लाख उद्योगों ने काम करना शुरू कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान उनकी सरकार विभिन्न मुल्कों के दूतावासों तक ज़ोरदार ढंग से पहुँच कर रही है, जो मुल्क चीन से बाहर अपने मैनुफ़ेक्चरिंग /कारोबार को सिफ्ट करने की कोशिश में हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के विभिन्न दूतावासों के साथ बातचीत चल रही है और उनको ज़मीन, बुनियादी ढांचा और अन्य सहूलतों के रूप में सहयोग के लिए हर संभव पेशकश की जा रही है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि कोविड के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था को फिर पैरों पर खड़ा करने के संदर्भ में उनकी सरकार ने इस सम्बन्ध में विभिन्न मुल्कों के दूतावासों को पत्र लिखे हैं और सरकार भारत में जापान, कोरिया और तायवान के दूतावासों के साथ बातचीत में जुटी हुई है।
पंजाब में से अपने गृह राज्यों को जाने के इच्छुक प्रवासियों के लिए परिवहन के प्रबंधों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी कामगारों के जाने के लिए विशेष रेलगाडिय़ों की सुविधा के अलावा 607 बसों के द्वारा प्रवासियों को उनके गृह राज्यों उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार भेजा गया है। उन्होंने कहा कि कुल 13 लाख प्रवासी कामगारों में से करीब 3.25 लाख को अब तक रेलगाडिय़ों के द्वारा भेजा गया है जबकि 17 हज़ार बसों के द्वारा अपने राज्यों को जा चुके हैं।
राज्य में कोविड -19 को अच्छे तरीके से रोकने के लिए लोगों की तरफ से दिए गए सहयोग की श्लाघा और धन्यवाद करते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि पंजाब की कामयाबी इस तथ्य से ज़ाहिर होती है कि यहाँ मामलों के दोगुने होने की दर बहुत धीमी है जोकि 14 दिनों की राष्ट्रीय औसत के मुकाबले राज्य में 86 दिन है।
उन्होंने बताया कि राज्य के 2028 पॉजिटिव मामलों में से 1819 पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि उपचाराधीन 200 कोरोना मरीज़ भी जल्द ही ठीक हो जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में ऐसा कोई मरीज़ नहीं जिसको ऑक्सीजन का सहारा दिया गया हो और केवल एक मरीज़ है जिसको वेंटिलेटर का सहारा दिया गया है। मरीज़ों के ठीक होने की दर और ज्यादा होने संबंधी उन्होंने कहा कि यह पंजाबियों की तरफ से सामाजिक दूरी के नियमों को अपनाने में दिखाऐ गये अनुशासन के कारण ही संभव हो सका है। उन्होंने कहा कि यह मन्दभागा है कि राज्य में 39 लोगों की जान गई है और मुल्क में काफ़ी संख्या में लोगों की मौत संबंधी रिपोर्टें आईं हैं।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुये कहा कि स्थिति को काबू में रखने के लिए सामाजिक दूरी और मास्क को ज़रूरी तौर पर पहनने के नियमों को सख्ती से अपनाने की ज़रूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी तरफ से इन नियमों का उल्लंघन करने वालों के खि़लाफ़ सख्त कार्यवाही करने के लिए पुलिस को निर्देश दिए गए हैं।
लोगों की जानें और सेहत को अपनी सबसे अहम प्रमुखता बताते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के खि़लाफ़ चल रही जंग और बड़े पैमाने पर गेहूँ की खरीद की गतिविधियों के बावजूद पंजाब में बच्चों को पोलियो की दवा देने और बी.सी.जी के टीकाकरण का 96 फीसद का लक्ष्य पूरा किया गया है। उन्होंने कहा कि ‘‘यदि हम प्रवासी कामगारों के लिए प्रबंध कर सकते हैं तो हम अपने लोगों का भी अच्छा ख्याल रख सकते हैं।
मुश्किलों भरे हालातों के दरमियान सख्त मेहनत करके एक और भरपूर फ़सल देने के लिए किसानों की पूरा श्लाघा करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि 125 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की खरीद की जा चुकी है और नियमों के अनुसार किसानों की फ़सल की अदायगी की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि अदायगी में कोई भी देरी होती है तो किसान तुरंत उनके ध्यान में लाएं। उन्होंने मंडियों में से एक भी केस रिपोर्ट होने से बिना बड़े पैमाने पर गेहूँ की हुई खरीद के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों, पुलिस और एन.सी.सी कैडिटों की तरफ से निभाई भूमिका की श्लाघा की।
फीस वसूलने सम्बन्धी कई स्कूलों की तरफ से निर्देशों का पालन न किये जाने संबंधी मुख्यमंत्री की तरफ से यह मुद्दा उठाने वाले अमृतसर निवासी को स्कूल सम्बन्धी पूरी जानकारी देने के लिए कहा गया और इस सम्बन्धी सख्त कार्यवाही का भरोसा दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के दिशा निर्देशों अनुसार जिम्म खोलने संबंधी फ़ैसला 31 मई के बाद लिया जायेगा।
एक सवाल का जवाब देते हुये मुख्यमंत्री ने राज्य की कोविड के खि़लाफ़ लड़ाई को ‘मिशन फ़तेह’ का नाम दिया। उन्होंने कहा कि ‘‘इस लड़ाई में हमारी भावना और दृढ़ता की झलक दिखाई पड़ती है। ख़तरनाक वायरस के खि़लाफ़ हम सामाजिक दूरी के नियमों को अपना कर फ़तेह हासिल करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘यह राष्ट्रीय जंग है जिसको सामुहिक दृढ़ता के साथ जीता जा सकता है और हम जीतेगें।’’