इस रस को पीने से निकल जाता है, गले में फंसा मछली का कांटा

-तरोताजा रहना है तो पानी में मिला कर नहाएं
-विटामिनA, B, C से भरपूर नींबू की है देसी कोल्ड ड्रिंक के रुप में पहचान
प्रकृति की अदभुत सौगात नींबू को यदि विभिन्न रोगों का निदान करने वाला कहा जाए, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। समूचे भारत में विटामिन C से भरपूर नींबू की देसी कोल्ड ड्रिंक के रुप में पहचान है। नींबू की उपयोगिता जीवन में बहुत अधिक है। देश भर में इसका प्रयोग आमतौर से भोजन में किया जाता है। नींबू का रस और आचार इन दोनों में सेवन किया जाता है। इसके अलावा नींबू कई रोगों के निदान में अहम रोल अदा करता है।

नींबू पकने पर होता है पीला या हरा
नींबू एक छोटे पेड़ अथवा सघन झाड़ीदार पौधे पर उगते हैं। पेड़ की कांटेदार शाखाएं, छोटी पत्तियां, पतला डंठल और पत्तीदार होती है। फूल की कली छोटी, मामूली रंगीन या फिर बिल्कुल सफेद होती है। नींबू का आकार गोल या अंडाकार होता है। नींबू का छिलका पतला होता है, जो गूदे से चिपका रहता है। पकने पर यह पीले रंग का या फिर हरे रंग को हो जाता है। उत्तरी भारत में नींबू साल में दो बार आते हैं। एक पेड़ से 150 से लेकर 1500 तक के नींबू की फसल उगती है।

कहां और कितनी तरह का पाया जाता है नींबू
विश्व में सबसे अधिक नीबू का उत्पादन भारत में होता है। यह विश्व के कुल नीबू उत्पादन का 16 फीसद भाग उत्पन्न करता है। नींबू का मूल रुप से स्थान भारत माना गया है। हिमालय की घाटियों में जंगली रूप में उगता हुआ पाया जाता है। जबकि मैदानों में समुद्रतट से चार हजार फीट की उंचाई तक पैदा होता है। आमतौर पर नींबू फ्लोरिडा रफ, खट्टा नीबू, जंबीरी, कागजी नीबू, गलगल तथा लाइम सिलहट ही घरों में उपयोग होते हैं। कागजी नींबू सबसे अधिक लोकप्रिय है। भारत में पहली बार असम में नींबू की पैदावार हुई थी। यूरोप और अरब देशों में लिखे गए दसवीं सदी के साहित्य में नींबू का उल्लेख मिलता है। मुगल काल में नींबू को शाही फल माना जाता था।

कितनी तरह से किया जाता नींबू का प्रयोग
नींबू का कई तरह से प्रयोग किया जाता है। नींबू का तेल, सिट्रिक अम्ल, रस, स्क्वाश तथा सार (essence) तैयार किए जाते हैं। इसके अलावा नींबू का अचार के रुप में भी सेवन किया जाता है। वहीं गलगल का भी आचार के रुप में ही प्रयोग किया जाता है।

नींबू में हैं भरपूर विटामिन और प्रोटीन
नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन व प्रोटीन की मात्रा है। नींबू में A, B और C नामक विटामिनों की भरपूर मात्रा है। नींबू में विटामिन A एक भाग है, विटामिन B दो भाग और विटामिन C तीन भाग होते हैं। नींबू में पोटेशियम, आयरन, सोडियम, मैग्निशियम, तांबा, फास्फोरस और क्लोरीन तत्त्व के अलावा प्रोटीन, वसा और कार्बोज भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं। विटामिन C से भरपूर नींबू शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ ही एंटी आक्सीडेंट का काम भी करता है। साथ ही कोलेस्ट्राल को भी कम करता है। गौर हो विटामिन C और पोटैशियम घुलनशील होते हैं। एेसे में नींबू का अधिक मात्रा में सेवन भी नुकसानदायक नहीं होता है। नींबू के रस में पांच फीसद साइट्रिक अम्ल होता है। विटामिन C से भरपूर नींबू को स्फूर्तिदायक और रोग निवारक फल माना गया है।

हेल्थ और ब्यूटी के लिए अमृत है नींबू
नींबू को हेल्थ और ब्यूटी के लिए अमृत माना गया है। नींबू पानी को अगर देशी कोल्ड ड्रिंक कहा जाए, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। एक नींबू का सेवन इंसान के दिन भर की विटामिन C की जरूरत पूरी कर देता है। नींबू के कुछ घरेलू प्रयोगों पर लगभग हर भारतीय का विश्वास हैं। ऐसा माना जाता है कि दिन भर तरोताजा रहने और स्फूर्ति बनाए रखने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक नीबू का रस व एक चम्मच शहद मिलाकर पीना चाहिए। एक बाल्टी पानी में एक नीबू के रस को मिलाकर गर्मियों में नहाने से दिनभर ताजगी बनी रहती है। आइए आपको बताएं कि नींबू का सेवन किस तरह से रोगों को दूर भगाता है।

जे से करता है बचाव
गर्मी के मौसम में हैजे से बचने के लिए नींबू को प्याज व पुदीने के साथ मिलाकर सेवन करना चाहिए।

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गर्मियों में लू से बचाता है
लू से बचाव के लिए नींबू का काले नमक संग पानी में मिलाकर पीने से गर्मियों में दोपहर के समय बाहर निकलने पर भी लू नहीं लगती है।

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गले में मछली के फंसे कांटे को निकालता है
मछली खाते समय यदि गले में मछली का कांटा फंस जाए, तो नींबू के रस को पीने से निकल जाता है।

गर्भ निरोधक के रुप में होता था नींबू का प्रयोग
पुराने समय में नींबू का एक गर्भ निरोधक के रूप में इस्तेमाल होता रहा है। परंतु मौजूदा समय में इस गुण की तरफ लोगों ने ध्यान कम ही दिया है। ऑस्ट्रेलिया के कुछ वैज्ञानिकों ने अपने एक शोध के दौरान पाया है कि नींबू का रस मानव शुक्राणु को मारने में सक्षम है। इतना ही नहीं नींबू के रस से एचआईवी विषाणु को भी मारने में सक्षम है।

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ब्लड प्रेशर और तनाव को कम करता है
नींबू का सेवन ब्लड प्रेशर और तनाव को कम करता है। त्वचा को स्वस्थ बनाने के साथ ही लिवर के लिए भी बेहद लाभदायक है। खराब गले, कब्ज, किडनी और मसूड़ों की समस्याओं में राहत पहुंचाता है। पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है।

किडनी स्टोन को देता है राहत
नींबू पानी किडनी स्टोन से राहत पहुंचाता है। मुख्यरूप से किडनी स्टोन शरीर से बिना किसी परेशानी के निकल जाता है, लेकिन कुछ मामलों में यह यूरीन के बहाव को ब्लॉक कर देते हैं ।जो अत्यधिक पीड़ा का कारण बनता है। नींबू पानी पीने से शरीर को रिहाइड्रेट होने में मदद मिलती है। यह मूत्र को पतला रखने में मदद करता है। साथ ही यह किडनी स्टोन बनने के किसी भी तरह के खतरे को कम करता है।

कब्ज का करता समाधान
कब्ज होने पर नींबू पानी बेहद फायदेमंद है। प्रतिदिन सुबह गर्म नींबू पानी पीने से सारा दिन कब्ज की समस्या दूर रहती है।

गुनगुने नींबू पानी से गला होता है ठीक
नींबू पानी को गुनगुना करके पीने से गले की खराबी या फैरिन्जाइटिस में आराम पहुंचाता है। आवाज बेहतर होती है।

वजन को करता है कम
हर सुबह शहद के साथ गुनगुना नींबू पानी पीने से अतिरिक्त वजन आसानी से कम किया जा सकता है।

मसूड़ों की समस्याओं से मिलती है राहत
नींबू पानी पीने से मसूड़ों से संबंधित समस्याओं से राहत मिलती है। नींबू पानी में एक चुटकी नमक मिलाकर पीने से बेहतर परिणाम मिलते हैं। मसूडों के रोगों में कमी आती है। दांतों के दर्द और बदूब को कम करने में मदद करता है।

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बालों से रुसी को हटाता है
नींबू का रस रुसी, बालों की झड़ने संबंधी समस्या को हल करता है। साथ ही बालों को प्राकृतिक चमक भी प्रदान करता है।

नींबू की तासीर ठंडी होती है
नींबू की तासीर ठंडी होती है। इसलिए इसका सेवन गर्मियों में अधिक करने की सलाह दी जाती है। गर्मी में यह शऱीर को ठंडक प्रदान करता है। इसका सर्दियों में सेवन नहीं करना चाहिए।

प्रदीप शाही

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