‘क्या यह किसान अलगाववादी और आतंकवादी लगते हैं?’ कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने एन.आई.ए. नोटिसों पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को किया सवाल

चंडीगढ़, 18 जनवरीः
खेती कानून के विरुद्ध चल रहे संघर्ष के दौरान कई किसान नेताओं और उनके हिमायतियें को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एन.आई.ए.) के नोटिस जारी करने की निंदा करते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को कहा कि डराने धमकाने वाले ऐसे हत्थकंडे किसानों को अपने हकों और भविष्य की लड़ाई लड़ने के लिए लिए गए अहद को कमजोर नहीं कर सकते।

अजवायन के चमत्कारी औषधीय गुण कौन से हैं? || spices || Ajwain ||

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की तरफ से शांतमयी संघर्ष कर रहे किसानों के संघर्ष को कमजोर करने के लिए ऐसी दमनकारी और निंदनीय कार्यवाहियों का सहारा लेने की निंदा करते हुये मुख्यमंत्री ने पूछा, ‘क्या यह किसान अलगाववादी और आतंकवादी लगते हैं?’ उन्होंने केंद्र को सावधान करते हुये कहा कि ऐसे ओछे ढंग किसानों की तरफ से लिए गए प्रण को कमजोर करने की बजाय उनको अपना रुख और सख्त करने के लिए मजबूर करेंगे। उन्होंने भारत सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुये कहा कि ऐसी डरानी कार्यवाहियों के जरिये वह किसानों के संघर्ष को दबाने पर तुली हुई है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने चेतावनी देते हुये कहा कि अगर स्थिति हाथ से बाहर निकल गई तो इस पर काबू पाने के लिए भाजपा के सबसे शक्तिशाली नेता भी कुछ नहीं कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खतरनाक खेती कानूनों के कारण पैदा हुए संकट को हल करने की बजाय भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार आंदोलनकारी किसानों और उनके हिमायतियों को सताने और तंग परेशान करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे कदम से किसान और भी सख्त रुख अपनाने के लिए मजबूर होंगे।

हार्ट अटैक से बचने के लिए करें … || Acharya Mehul Shastri ||

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जाहिर है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार को न तो किसानों की चिंता है और न ही उनकी मानसिकता की समझ है। उन्होंने कहा, ‘पंजाबी स्वभाव से ही जुझारू होते हैं और उनकी जूझने की भावना उनको दुनिया में सर्वोत्तम योद्धा बनाती है।’ उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से उठाये जाने वाले सख्त कदमों से पंजाब के किसान इसकी नकारात्मक प्रतिक्रिया देंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भारत सरकार की तरफ से किसानों की सच्ची और जायज माँगों का लगातार विरोध किये जाने और दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड का सामना कर रहे किसानों, जिनमें से कईयों की मौत हो चुकी है, के अंदेशों को न समझने पर हैरानी जाहिर की। उन्होंने कहा कि न सिर्फ केंद्र सरकार अपने अहम के कारण काले खेती कानूनों को वापस न लेने पर अड़ी हुई है बल्कि वह किसानों की सच्ची आवाज को दबाने के लिए शरेआम धक्केशाही वाला व्यवहार अपना रही है। इस सम्बन्धी एक महीना पहले पंजाब के कई बड़े आढ़तियों को आयकर का नोटिस भेजे जाने और अब एन.आई.ए. की तरफ से नोटिस भेजे जाने का हवाला देते हुये उन्होंने कहा कि यह कार्यवाहियां किसानों को अपना आंदोलन वापस लेने के लिए दबाव डालने के लिए की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि यह बेहुदा कार्यवाहियां किसानों और अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे अन्नदाताओं की हिमायत कर रहे लाखों ही भारतीयों की आवाज दबा नहीं सकतीं। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार को कोई शर्म है तो वह तुरंत ही खेती कानूनों को वापस लें और सभी सम्बन्धित पक्षों खास कर किसानों के साथ बैठ कर बातचीत करे जिससे सही अर्थों में हितकारी कृषि सुधार लाये जा सकें।
———

-NAV GILL

LEAVE A REPLY