चंडीगढ़, 30 मार्च:
राज्य में कोविड-19 के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि सभी लैबोरेट्रियों और अस्पतालों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि उनके द्वारा किए गए टैस्ट के अनुसार कोविड-19 संक्रमित पाए गए व्यक्ति की जानकारी तुरंत सम्बन्धित सिविल सर्जन कार्यालय को दी जाए, जिससे रोकथाम के उपायों को मज़बूती दी जा सके।
रोकथाम उपायों की महत्ता का जि़क्र करते हुए स. सिद्धू ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कोविड-19 के हरेक मामले (संदिग्ध/पुष्टि किया हुआ) को एकांतवास करके उपयुक्त इलाज दिया जाए और लोगों के हित में वायरस के फैलाव की कड़ी को तोडऩे के लिए जल्द से जल्द इनके संपर्क में आए व्यक्तियों का पता लगाया जाए। स. सिद्धू ने आगे कहा कि संकट की इस घड़ी में लैबोरेट्रियों और अस्पतालों समेत निजी क्षेत्र का समर्थन और सहयोग भी बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि प्राईवेट लैबोरेट्रियों और अस्पतालों में पॉजि़टिव मामलों के बारे में बिना किसी देरी के सम्बन्धित सिविल सर्जनों के कार्यालयों को सूचित करें।
उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों (सरकारी और निजी), सरकारी स्वास्थ्य संस्था में मैडीकल अधिकारी और आयुश प्रैकटीशनरों समेत रजिस्टर्ड प्राईवेट मैडीकल प्रैकटीशनरों के लिए ऐसे व्यक्ति के बारे में सम्बन्धित जि़ला निगरानी इकाई को सूचित करना अनिवार्य किया गया है।
छाती के सी.टी.-एच.आर.सी.टी. टैस्ट और कोविड-19 के आर.टी.-पी.सी.आर. टैस्ट के लिए तय किए गए ख़र्च के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में कोई भी डायग्नौस्टिक केंद्र छाती के सी.टी-स्कैन/एच.आर.सी.टी. टैस्ट के लिए 2000 रुपए से अधिक चार्ज न करें, जिसमें जी.एस.टी/टैक्स, डाक्यूमैंटेशन और रिपोर्टिंग शामिल है। इसी तरह कोई भी प्राईवेट लैबोरेट्रियां कोविड-19 के आर.टी-पी.सी.आर. टैस्ट के लिए 900 रुपए से अधिक पैसे न वसूलें।
स. सिद्धू ने स्पष्ट किया कि लैबोरेटरियाँ आई.सी.एम.आर, भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा समय- समय पर जारी सभी टेस्टिंग प्रोटोकॉलों की सख़्ती से पालना करें। उन्होंने कहा कि प्राईवेट लैबोरेट्रियों के लिए कोविड-19 टैस्टों के नतीजों से सम्बन्धित जानकारी राज्य सरकार के साथ साझा करनी अनिवार्य है और समय पर आई.सी.एम.आर. पोर्टल पर अपलोड करनी ज़रूरी है। टेस्टिंग मुकम्मल होने के तुरंत बाद टैस्ट की रिपोर्ट मरीज़ को भेजी जाए और टैस्ट के सभी नतीजे तुरंत सम्बन्धित जि़ले के सिविल सर्जन और पंजाब के स्टेट आई.डी.एस.पी. सैल को भेजे जाएँ।
उन्होंने बताया कि सभी प्राईवेट एन.ए.बी.एल. और आई.सी.एम.आर. से मंज़ूरशुदा लैबोरेट्रियों को हिदायत की गई है कि मरीज़ की जानकारी को पूरी तरह गुप्त रखा जाए और जारी प्रोटोकॉलों की पालना की जाए। उन्होंने आगे कहा कि अगर किसी प्राईवेट संस्था द्वारा अपनी जि़म्मेदारी निभाने में कोताही बरती जाती है तो ऐपीडैमिक डिसीज़ एक्ट 1895, कोविड-19 रैगूलेशनज़ 2020 के अंतर्गत सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि अधिक पैसे वसूलने के लिए चंडीगढ़ स्थित एक लैबोरेट्री को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और राज्य सरकार द्वारा जारी शर्तों का उल्लंघन करने के लिए अमृतसर स्थित एक लैब का लाइसेंस रद्द किया गया है। ऐसे केन्द्रों की अचानक चैकिंग के लिए जि़ला स्तरीय टीमें गठित की गई हैं।
-NAV GILL