कोरोना संकट के बावजूद विकास एजंडे को जारी रखा: सुखबिन्दर सिंह सरकारिया

चंडीगढ़, 5 जनवरी:
आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने कहा कि साल 2020 के दौरान कोविड-19 संकट के बावजूद आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग ने राज्यभर में बड़े रिहायशी और विकास प्रोजेक्टों को पूरा करके विकास एजंडे को जारी रखा। पंजाब सरकार ने एक नई लैंड पुलिंग नीति बनाई, जिसके अंतर्गत एक एकड़ ज़मीन के बदले रिहायशी सैक्टरों में 1000 वर्ग गज़ रिहायशी ज़मीन और 200 वर्ग गज़ व्यापारिक विकसित ज़मीन की पेशकश की जायेगी। इसी तरह औद्योगिक क्षेत्रों के लिए 1 एकड़ ज़मीन के बदले 1100 वर्ग गज़ औद्योगिक और 200 वर्ग गज़ व्यापारिक विकसित ज़मीन दी जानी है। उन्होंने कहा कि एयरोट्रोपोलिस के लिए 1700 एकड़ ज़मीन अक्वायर करने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और 500 एकड़ में दो नये औद्योगिक सैक्टर 101-103 बनाए गए हैं।

 

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आज यहाँ पंजाब भवन में एक प्रैस कॉन्फ्ऱेंस के दौरान अपने विभाग की महत्वपूर्ण प्राप्तियों बारे बताते हुए सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने पटियाला के हाजीमाजरा गाँव में आर्थिक पक्ष से कमज़ोर वर्ग के लिए 176 (जी+3) ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए हैं। इसके साथ ही औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए राजपुरा में 1100 एकड़, लुधियाना में 1000 एकड़ और 1500 एकड़ पीएसपीसीएल लैंड प्राप्त की गई है।
उन्होंने आगे बताया कि पंजाब भर की विकास अथॉरिटीयों द्वारा 2020 में ई-आक्शन बहुत सफल रहीं जिसको भारी समर्थन मिला और लोगों की तरफ से 1000 करोड़ रुपए की सम्पत्तियों की खरीद की गई। उन्होंने आगे बताया कि न्यू चण्डीगढ़ में 50 एकड़ में हाऊसिंग प्रोजेक्टों और 25 एकड़ में किफ़ायती प्रोजेक्टों को बनाने की आज्ञा दी गई है।
सरकारिया ने कहा कि विभाग ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजऱ डिवैल्परों और अलॉटियों को भी कई तरह की छूटों की पेशकश की जिसमें निर्माण की समय सीमा में विस्तार करना, नीलामी की जायदादों के लिए ब्याज माफी, कुछ किश्तों का पुनर्निर्धारण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अलॉटियों पर बोझ कम करने के लिए ग़ैर-निर्माण शुल्क भी पूरे पंजाब में रद्द कर दिया गया।
उन्होंने कहा कि अनाधिकृत कलोनियों को बढऩे से रोकने के लिए विभाग ने किफ़ायती हाऊसिंग कालोनी नीति नोटीफाई की है जिसमें विशेष छूटों की पेशकश की गई है। इस नीति के अंतर्गत डिवैल्पर को पार्कों अधीन 8 फ़ीसदी क्षेत्र, कम्युनिटी सैंटर अधीन 4 फ़ीसदी क्षेत्र और सडक़ के लिए 25 फुट क्षेत्र रखना होगा। मंत्री ने आगे कहा कि उन डिवैल्परों को एक और मौका दिया गया जो ई.डी.सी. और अन्य खर्चों की अदायगी में डिफॉल्टर पाए गए थे। इस स्कीम को भारी समर्थन मिला और इसके अंतर्गत तकरीबन 900 करोड़ रुपए के पोस्ट डेटड चैक प्राप्त किये गए।
उन्होंने यह भी बताया कि और ज्यादा कुशलता और पारदर्शिता लाने के लिए हाऊसिंग विभाग का पुनर्गठन किया गया। उन्होंने कहा कि ईस्टेट दफ़्तर का कम्प्यूट्राइजेशन, लेआउट मंजूरी और सम्पत्तियों की जी.पी.एस. मार्किंग 6 महीनों में मुकम्मल कर ली जायेगी। विभाग की तरफ से 100 फ़ीसदी ऑनलाइन सी.एल.यू. शुरू किया गया जिसके लिए समर्पित पोर्टल भी तैयार किया गया।
-NAV GILL

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