चंडीगढ़, 8 अपैलः
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार के 937 करोड़ रुपए के विभिन्न प्रोजेक्टों संबंधी प्रस्तावों को मंज़ूरी दी जाये जिनमें श्री आनन्दपुर साहिब को स्मार्ट सीटी के तौर पर विकसित करना भी शामिल है ताकि नौवीं पातशाही श्री गुरु तेग़ बहादुर जी को अकीदत भेंट की जा सके जिनका 400वां प्रकाश पर्व इस वर्ष मनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री द्वारा 400वें प्रकाश पर्व के जश्नों संबंधी योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए बुलाई गई उच्च स्तरीय राष्ट्रीय समिति की मीटिंग में वर्चुअल तौर पर शिरकत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ’’हम सभी भाग्यवान हैं कि हमें अपने जीवन में यह ऐतिहासिक जश्न मनाने का मौका मिल रहा है और मैं मोदी जी को यह यकीनी बनाने की अपील करता हूँ कि इन ऐतिहासिक जश्नों को न सिर्फ़ राष्ट्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर भी मनाया जाये।’’ उन्होंने कहा कि श्री गुरु तेग़ बहादुर जी, जिनको हिंद की चादर भी कहा जाता है, हमारे देश की धर्मनिरपेक्ष परंपरा के मार्गदर्शक हैं और उनके द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान -’सीस दीया पर सिर न दीया’- हमारे देश के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वह ख़ुद को ’सौभाग्यशाली’ महसूस करते हैं कि उनके मौजूदा कार्यकाल के दौरान उनको श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी के 350वें और श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व समागमों का हिस्सा बनने का मौका मिला। उन्होंने कहा, ’’मेरे पिछले कार्यकाल के दौरान भी मुझे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की 400वीं वर्षगांठ के जश्नों का हिस्सा बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।’’
प्रधानमंत्री को इस संबंधी केंद्र सरकार को भेजे गए ज्ञापन बारे जानकारी देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा राज्य में गुरू साहिब के जीवन के साथ जुड़े कस्बों और गाँवों के ढांचे में सुधार करने की योजना है। उन्होंने आगे कहा कि अमृतसर के अलावा श्री आनन्दपुर साहिब और बाबा बकाला भी इस सम्बन्ध में काफ़ी महत्व रखते हैं और इसके अलावा राज्य में गुरू साहिब के चरण स्पर्श प्राप्त 78 गाँव हैं।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि राज्य सरकार द्वारा भेजे गए प्रस्तावों में श्री आनन्दपुर साहिब, अमृतसर और बाबा बकाला में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रोजेक्टों के अलावा गुरू साहिब के चरण स्पर्श प्राप्त राज्य के 78 गाँवों में छप्पड़ों और परंपरागत जल स्रोतों की हालत में सुधार करना और गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर में श्री गुरू तेग़ बहादुर स्कूल ऑफ टेक्स्टाईल टेक्नोलॉजी और बाबा बकाला में श्री गुरू तेग़ बहादुर इंस्टीट्यूट आफ हैंडीक्राफ्ट स्थापित करना शामिल है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने प्रधानमंत्री को यह भी अपील की कि केंद्र सरकार द्वारा इस मौके पर विशेष यादगारी डाक टिकट भी जारी की जानी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के जीवन संदेश को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाने के लिए देश के अलावा विदेशों के सभी भारतीय मिशनों में यादगारी समागम करवाए जाने चाहिएं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को यह भी जानकारी दी कि 1 मई के मुख्य समारोह को देश और ख़ासकर पंजाब की कोविड स्थिति को ध्यान में रखते हुए अंतिम रूप दिया जा रहा है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने देशभर में इस ऐतिहासिक मौके पर करवाए जाने वाले जश्नों के लिए विस्तृत योजना बनाने के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री अमित शाह का धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा, ’’मैं, इन समागमों को आपके द्वारा इतना ज़्यादा ध्यान दिए जाने के लिए आपका धन्यवाद करता हूँ क्योंकि आम तौर पर ऐसे जश्नों का आयोजन करने की ज़िम्मेदारी राज्य या भाईचारों पर ही छोड़ दी जाती है।’’ उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा अपने राज्य में भी यादगारी जश्न मनाए जाने के दिए गए भरोसे की सराहना की।
इस वर्चुअल मीटिंग में प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी हिस्सा लिया। यह ज़िक्रयोग्य है कि इस उच्च स्तरीय राष्ट्रीय समिति का गठन बीते वर्ष 24 अक्तूबर को केंद्र सरकार द्वारा किया गया था ताकि श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के 400वें प्रकाश पर्व संबंधी यादगारी जश्न मनाने के लिए नीतियाँ, योजनाएँ और प्रोग्रामों को मंज़ूरी दी जा सके। इस समिति में 70 मैंबर हैं और इस के चेयरमैन प्रधानमंत्री हैं।
-NAV GILL