चंडीगढ़, 4 मार्च:
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने गुरूवार को विभिन्न लेखों के राजस्व घाटों के विरुद्ध मुआवज़े सहित छठे पंजाब वित्त कमीशन की कई प्रमुख सिफारिशों को मंज़ूरी दे दी।
कैबिनेट मीटिंग के उपरांत सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि कमीशन ने 29 जनवरी, 2021 को पंजाब के राज्यपाल को साल 2021-22 के लिए सात सिफारिशें सौंपी और मंत्रीमंडल की तरफ से आज छह सिफारशों को मंज़ूरी दे दी गई है जबकि साल 2021-22 के लिए स्थानीय संस्थाओं को राज्य सरकार के करों की संग्रह के 4 प्रतिशत हिस्से की बाँट की निरंतरता से सम्बन्धित एक सिफ़ारिश को मंत्रियों के समूह द्वारा जाँचा जायेगा। मंत्रियों का समूह वित्त मंत्री, स्थानीय निकाय मंत्री, ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री और जल सप्लाई और सेनिटेशन मंत्री पर आधारित होगा।
कैबिनेट द्वारा स्वीकृत की गई प्रमुख सिफारिशों में साल 2021-22 के लिए स्थानीय संस्थाओं को बिजली और शराब पर चुंगी के ख़ात्मे से पैदा हुए राजस्व घाटे के सम्बन्ध में मुआवज़े की अदायगी को जारी रखना, भारत में बनी विदेशी शराब (आई.एम.एफ.एल.) पर आबाकारी ड्यूटी का 16 प्रतिशत हिस्सा और ठेके की बोली की रकम का 10 प्रतिशत हिस्सा पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय संस्थाओं के विकास के लिए जारी रहना शामिल है।
छठा प्रांतीय वित्त कमीशन पूर्व मुख्य सचिव के.आर. लखनपाल के नेतृत्व में पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब वित्त कमीशन पंचायत और म्युंसिपल एक्ट, 1994 की धारा 3(1) के अंतर्गत 3 जुलाई 2018 को जारी नोटिफिकेशन के द्वारा गठित किया गया था। इस कमीशन में पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के पूर्व वाइस चांसलर डा.बी.एस. घुमन को माहिर मैंबर के तौर पर शामिल किया गया था। वित्त कमिश्नर ग्रामीण विकास एवं पंचायत और प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय को एक्स ऑफशीयो (ओहदे के तौर पर) मैंबर और पूर्व प्रमुख सचिव सांईंस टैक्नोलॉजी और पर्यावरण डॉ. रौशन सुंकारिया को मैंबर सचिव के तौर पर नियुक्त किया।
-NAV GILL