केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष (एसडीएमएफ) के तहत उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा को 488 करोड़ रुपये जारी करने को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के विजन के अनुसार सरकार ने पूर्व चेतावनी, रोकथाम, शमन और पूर्व-तैयारी के आधार पर जानमाल की हानि को कम करने के लिए एक वैज्ञानिक कार्यक्रम तैयार किया है

15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार ने एसडीएमएफ के लिए 32,031 करोड़ रूपए और राष्ट्रीय आपदा शमन कोष (एनडीएमएफ) के लिए वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए 13,693 करोड़ रूपए आवंटित किए हैं

नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने आज केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार शमन गतिविधियों को शुरू करने के लिए वर्ष 2021-22 के लिए उत्तर प्रदेश, पंजाब और गोवा के तीन राज्यों को राज्य आपदा शमन कोष (एसडीएमएफ) के केंद्रीय हिस्से के रूप में 488.00 करोड़ रुपये जारी करने को मंजूरी दी।
15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर केंद्र सरकार ने वर्ष 2021-22 से 2025-26 के लिए एसडीएमएफ के लिए 32,031 करोड़ रूपए और राष्ट्रीय आपदा शमन कोष (एनडीएमएफ) के लिए 13,693 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन शमन निधियों का उपयोग स्थानीय स्तर पर समुदाय आधारित हस्तक्षेपों को शामिल करते हुए शमन गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए किया जाना है, जो आपदाओं से जोखिम को कम करेगा और पर्यावरण के अनुकूल बस्तियों और आजीविका गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि 1990 के दशक से पहले आपदाओं को लेकर भारत सरकार का राहत-केंद्रित दृष्टिकोण था और जीवन और संपत्ति को बचाने की कोई गुंजाइश नहीं थी और यह योजना की प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था। लेकिन, अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुसार हमने पूर्व चेतावनी, सक्रिय रोकथाम, शमन और पूर्व-तैयारी के आधार पर जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए एक वैज्ञानिक कार्यक्रम तैयार किया है।
केंद्र सरकार ने 5 फरवरी, 2021 को राष्ट्रीय स्तर पर एनडीएमएफ का गठन किया था और राज्य सरकारों को अपने-अपने राज्यों में एसडीएमएफ स्थापित करने की सलाह दी गई है। एसडीएमएफ और एनडीएमएफ के संचालन के लिए दिशानिर्देश केंद्र सरकार द्वारा पहले ही जारी किए जा चुके हैं। केंद्र सरकार पहले ही एसडीएमएफ का गठन करने के बाद 21 राज्यों को एसडीएमएफ के केंद्रीय हिस्से के रूप में 3,382.24 करोड़ रुपये की राशि जारी कर चुकी है।

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