परियोजनाओं में निवेश को आकर्षित करने के साथ-साथ नौजवानों के लिए रोजग़ार के नए रास्ते खुलेंगेे
चंडीगढ़:पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज कहा कि कूम कलाँ ( लुधियाना) में प्रस्तावित ‘मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क’ में किसी भी तरह के नदी प्रदूषण की हरगिज़ इजाज़त नहीं दी जाएगी और केंद्र और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा निर्धारित सभी पर्यावरणीय मंजूरियों और मापदण्डों की पूरी पालना की जाएगी।विधायक हरदीप सिंह मुंडियां द्वारा सदन में लाए ध्यानाकर्षण नोटिस के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने इच्छुक राज्य सरकारों की हिस्सेदारी के साथ 7 पी.एम. मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल पार्क ( पीएम मित्र) की स्थापना के लिए योजना को मंजूरी दे दी है।
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उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत कूम कलाँ में टेक्स्टाईल पार्क बनाने का प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया। भगवंत मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह परियोजना केंद्र और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों द्वारा निर्धारित सभी पर्यावरणीय मंजूरियों और मापदण्डों के अनुसार होगा। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि इसको सुनिश्चित बनाने के लिए पर्यावरण सम्बन्धी कानूनों की पालना की जाएगी, जिससे नदियों का पानी दूषित ना हो और ना ही लोगों के स्वास्थ्य पर कोई बुरा प्रभाव पड़े।
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उन्होंने कहा कि यह प्रमुख योजना एक ओर निवेश को आकर्षित करने में मदद करेगी और दूसरी ओर नौजवानों के लिए रोजग़ार के नए रास्ता खोलेगी। भगवंत मान ने कहा कि इस परियोजना के लिए बुनियादी आवश्यकताओं में से एक यह है कि इच्छुकराज्य सरकार के पास इस परियोजना के लिए इक_ी 1000 एकड़ ज़मीन और भार मुक्त भूमि उपलब्ध होनी चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने उपरोक्त परियोजना के लिए पहले ही तहसील कूम कलाँ (लुधियाना) में ज़मीन को चिन्हित कर लिया है। भगवंत मान ने बताया कि गाँव गढ़ी फज़़ल, हैदर नगर और गर्चा में कुल 463.4 एकड़ सरकारी ज़मीन पहले ही खाली सरकारी भूमि के इष्टतम उपयोग (ओ.यू.वी.जी.एल.) योजना के अंतर्गत पुडा को हस्तांतरित की जा चुकी है और गाँव सेखोवाल, सैलकियाना और सलेमपुर में 493.99 एकड़ पंचायती ज़मीन है, जिसके लिए पंचायतों को भुगतान करने के बाद ज़मीन पुडा को भी हस्तांतरित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह पुडा ने 957.39 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर लिया है और शेष भूमि का भी जल्द ही अधिग्रहण कर लिया जाएगा, जिससे 1000 एकड़ भूमि की आवश्यकता को पूरा किया जा सके।