चंडीगढ़, 05 जुलाई:
राज्य की भूमि की सेहत में सुधार लाने के लिए पंजाब सरकार द्वारा किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी पर 20 हज़ार मीट्रिक टन जिप्सम मुहैया करवाई जायेगी।
आज यहाँ यह खुलासा करते हुए पंजाब एग्रो इंडस्ट्रीज कार्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंधन निदेशक मनजीत सिंह बराड़ ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा पंजाब एग्रो और कृषि विभाग, पंजाब के द्वारा क्षारीय भूमि की सेहत के सुधार के लिए 70 प्रतिशत कैल्शियम स्लफेट वाला जिप्सम 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल राज्य के किसानों को 12 करोड़ रुपए की 20,000 मीट्रिक टन जिप्सम प्रदान की जायेगी जिसमें से 50 प्रतिशत सब्सिडी मिलने से किसानों को 6 करोड़ रुपए का लाभ पहुँचेगा।
किसानों को सब्सिडी पर मिल रही जिप्सम लेने की अपील करते हुए श्री बराड़ ने बताया कि किसानों को इसके लिए अपने जिले के मुख्य कृषि अफ़सर /ब्लॉक कृषि अफ़सर /कृषि विकास अफ़सर या पंजाब एग्रो के लुधियाना, जालंधर, संगरूर और कोटकपूरा स्थित क्षेत्रीय दफ़्तरों के साथ संपर्क करना चाहिए जहाँ उनको 340 रुपए प्रति 50 किलो के मूल्य वाला जिप्सम सिर्फ़ 170 रुपए प्रति 50 किलो के मूल्य पर दिया जायेगा जिससे राज्य की भूमि की सेहत में सुधार लाया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को सब्सिडी का लाभ लेने के लिए कुछ दस्तावेज़ भी ज़रुरी हैं जिनमें निर्धारित फार्म भरकर अपने गाँव /शहर के सरपंच /पंच /लंबरदार / एम.सी. से सत्यापित किया हो, आधार कार्ड की फोटो कॉपी और बैंक के पासबुक की फोटो कॉपी शामिल है। और ज्यादा जानकारी लेने और जिप्सम प्राप्त करने के लिए पंजाब एग्रो के मोबाइल नंबर 85447-18919 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
जिप्सम के प्रयोग के लाभ बताते हुए श्री बराड़ ने बताया कि पंजाब में तकरीबन 2.30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में भूमि का पी.एच 8.5 से अधिक है, अर्थात यह भूमि क्षरीय है और इनमें सोडियम की मात्रा (जोकि पानी में नहीं घुलता) ज़्यादा होने के कारण भूमि में पोषक तत्व फसलों को नहीं मिलते, जिस कारण किसानों को फ़सल की भरपूर पैदावार नहीं मिल पाती। इन ज़मीनों में फिर से सुधार लाने के लिए जिप्सम की ज़रूरत होती है, जिसमें मौजूद कैल्शियम स्लफेट ज़मीन में मौजूद सोडियम कार्बोनेट के साथ मिलकर सोडियम स्लफेट में बदल जाता है और वह पौधों की जड़ों से दूर धरती की निचली सतह में पहुँच जाता है और भूमि में मौजूद पोषक तत्व फसलों को सामान्य रूप में मिलने लग जाते हैं जिसके परिणामस्वरूप किसान भाईयों को फ़सल की भरपूर पैदावार मिलती है और मिट्टी की सेहत में भी सुधार होता है।
-Nav Gill