चंडीगढ़, 5 मार्च:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज ऐलान किया कि किसानों को मुफ़्त बिजली और उद्योगों को सब्सिडी वाली बिजली की सुविधा जारी रहेगी। इसी तरह राज्य के अनुसूचित जातियों /गरीबी रेखा से निचले और पिछड़ी जातियों के परिवारों और स्वतंत्रता सेनानियों को बिजली की 200 मुफ़्त यूनिटों की सुविधा भी जारी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार की तरफ से यह लाभ किसी भी कीमत पर वापस नहीं लिए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार कृषि और उद्योगों समेत सभी प्रमुख क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केन्द्रित करते हुए समूचे वर्गों की भलाई के लिए वचनबद्ध है।
कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि राज्य में तकरीबन 14.23 लाख ट्यूबवैल हैं और राज्य की तरफ से साल 2018-19 के लिए कुल सब्सिडी 5733 करोड़ रुपए और साल 2019-20 के लिए 6060 करोड़ रुपए दी गई जिससे 14.23 लाख किसानों को लाभ पहुँचाया गया। उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा अब तक 1.36 लाख उद्योगों को 6010 करोड़ रुपए बिजली सब्सिडी दी गई जबकि 24.31 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मुफ़्त बिजली मुहैया करवाई जा रही है।
‘ख़ुशहाल किसान और कामयाब पंजाब’ के प्रति अपनी सरकार की वचनबद्धता को दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने विधानसभा में यह ऐलान भी किया कि राज्य सरकार की कजऱ् माफी स्कीम के लिए पात्र 5.64 लाख छोटे और सीमांत किसानों के बाकी 1.13 लाख किसानों को अगले वित्त वर्ष में कवर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने 2.85 लाख भूमि रहित खेत मज़दूरों को 520 करोड़ रुपए देने का फ़ैसला किया जो कि प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं के मैंबर हैं। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान अकालियों की तरफ से किसानों को राहत के तौर पर कोई भी आर्थिक सहायता नहीं दी गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ज़्यादातर उपज एमएसपी पर खऱीदी गई जिससे किसानों की आय में वृद्धि हुई है। साल 2007-2017 दौरान 213.5 लाख मिलियन टन (सालाना औसतन) अनाज खरीदा गया और यह खरीद साल 2017-21 दौरान बढक़र 285 लाख मिलियन टन (सालाना औसतन) हो गई। उन्होंने आगे बताया कि अनाज की सरकारी खरीद में किसानों का कुल मेहनताना अप्रैल, 2017 से अब तक 2.16 लाख करोड़ रुपए रहा जोकि पिछली सरकार के इसी खरीद सीजन में हुई कमाई की अपेक्षा तकरीबन 90,668 करोड़ रुपए अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च, 2017 में सरकार द्वारा सत्ता संभालने के बाद अनाज की बिक्री के द्वारा किसानों की आय में 72 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। उन्होंने आगे कहा कि किसानों को भुगतान ऑनलाइन ढंग से किया गया जिससे और ज्यादा पारदर्शिता आई।
-NAV GILL