किसानों के लम्बित पड़े ट्यूबवैल कनेक्शन 15 नवंबर तक जारी होंगे : कैप्टन अमरिन्दर सिंह 

-राज्य के किसानों की मुश्किलें घटाने के लिए कई अन्य निर्देश भी जारी
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पहले ही भुगतान कर चुके किसानों के लम्बित पड़े ट्यूबवैल कनेक्शन जारी करने के निर्देश जारी किये हैं । इस सम्बन्ध में 15 नवंबर, 2018 तक की तिथि निर्धारित की है ।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश किसान -मज़दूर संघर्ष कमेटी के साथ एक मीटिंग के दौरान जारी किये । पंजाब स्टेट पावर कार्पोरेशन के चेयरमैन को निर्देश दिए कि वह 15 नवंबर तक यह कनेक्शन देने को यकीनी बनाए और इन हिदायतों का सख्ती से पालन करने के लिए राज्यभर के फील्ड स्टाफ को ज़रूरी निर्देश जारी करें ।

पावरकॉम के चेयरमैन ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि लम्बित पड़े तकरीबन 7000 कनेक्शन निर्धारित समय में जारी कर दिए जाएंगे । कमेटी की एक और माँग के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त सचिव कृषि को कहा कि वह धान की पराली को जलाए जाने से बचाने के लिए पराली के प्रबंधन के लिए 15 अक्तूबर से पहले सब्सिडी आधारित खेती उपकरण /साजो-सामान किसानों को दिए जाना यकीनी बनाएं ।

अतिरिक्त सचिव ने मुख्यमंत्री को बताया कि कुल 24000 कृषि उपकरणों में से तकरीबन 8000 उपकरण पहले ही राज्यभर के किसानों, सहकारी सोसायटियों और कस्टम हायर केन्द्रों को दे दिए हैं । उन्होंने कहा कि इन उपकरणों को बाँटने का कार्य मुकम्मल करने के लिए कृषि विभाग पूरी तरह सक्रिय है । मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वह पराली को न जलाएं और वह सब्सिडी आधारित कृषि मशीनरी का प्रभावी ढंग से प्रयोग करें जिससे राज्य में पर्यावरण के संरक्षण के साथ-साथ लोगों की सेहत को भी यकीनी बनाया जा सके।

मीटिंग में बताया गया कि पंजाब कृषि ऋण निपटारा (संशोधन) बिल-2018 हाल ही में पंजाब विधानसभा में पारित किया गया है जिसके अनुसार सरकार कर्जे के लिए अधिक से अधिक राशि को नोटीफायी करेगी जो प्रति एकड़ के हिसाब से क़र्ज़ देने वालों की तरफ से क़र्ज़ लेने वालों को एडवांस में दी जायेगी । सरकार ने पहले ही इस एक्ट की व्यवस्थाओं के अंतर्गत डिविजऩल कमिशनर के नेतृत्व में 5 डिविजऩल क़र्ज़ निपटारा फोरम नोटीफायी किए हैं।

पिछली शिरोमणी अकाली दल -भापजा सरकार ने पंजाब कृषि क़र्ज़ निपटारा एक्ट -2016 बनाया था जिसमें कई कानूनी और तकनीकी कमियां थीं । सुधारे गए कानून से कमीयों को ख़त्म किया गया है जिससे कर्ज़े लेने वाले किसानों को मुश्किलें घटेंगी ।

मुख्यमंत्री ने कमेटी को बताया कि 1765 करोड़ रुपए की राहत राशि पहले ही किसानों को बांटी जा चुकी है । यह राशि सहकारी बैंकों से कर्ज़े लेने वाले सीमांत किसानों के कर्ज़े खातों में सीधे तौर पर तबदील की गई है और अब व्यापारिक बैंकों से कर्ज़े लेने वाले सीमांत किसानों को राहत बांटी जायेगी । 3.07 लाख से अधिक किसानों को पहले ही राहत उपलब्ध करवाई जा चुकी है और यह समूची प्रक्रिया इस साल के आखिऱ तक मुकम्मल हो जायेगी । कर्ज़े राहत स्कीम से 10 लाख से अधिक छोटे और सीमांत किसानों को लाभ पहुँचेगा ।

मुख्यमंत्री ने वित्त कमिशनर राजस्व को निर्देश दिए कि वह जि़ला स्तर पर किसानों की खुदकुशियों के मामलों का जायज़ा लेने के लिए हरेक महीने की 15 तारीख को नियमित तौर पर डिप्टी कमिश्नर, एस.एस.पी और मुख्य कृषि अफ़सर की मीटिंगों को यकीनी बनाएं जिससे एफ.सी.आर, ए.सी.एस कृषि और प्रमुख सचिव वित्त आधारित राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा समय पर मुआवज़ा जारी करने के लिए सम्बन्धित जिलों के डिप्टी कमिश्नरों से प्राप्त रिपोर्टों पर विचार किया जा सके ।

एक अन्य माँग को स्वीकृत करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रमुख सचिव बिजली को कहा कि वह मौजूदा दो महीनों की जगह महीने बाद खपतकारों को बिजली के बिल भेजने की संभावनाओं का जायज़ा लें । इस सम्बन्ध में उन्होंने ग्रामीण इलाकों पर विशेष तौर पर ज़ोर दिया । मुख्यमंत्री ने कमेटी के सदस्यों को बताया कि सरकार ने पहले ही तंदुरुस्त पंजाब मीशन अधीन दूध और डेयरी उत्पादों जैसी खाद्य वस्तुओं की मिलावटी सप्लाई के विरुद्ध तीखी मुहिम आरंभ की है । उन्होंने इस सम्बन्ध में किसानों के सहयोग और समर्थन की माँग की जिससे इस मीशन को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके । नई कृषि नीति के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसान समर्थकी कृषि नीति लाने का रास्ता साफ कर लिया है ।

मीटिंग में उपस्थित दूसरों में वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, मुख्य प्रमुख सचिव/मुख्यमंत्री सुरेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि श्री विश्वजीत खन्ना, वित्त कमिश्नर राजस्व एम.पी. सिंह, प्रमुख सचिव /मुख्यमंत्री तेजवीर सिंह, प्रमुख सचिव वित्त अनिरुद्ध तिवाड़ी, प्रमुख सचिव पावर ए वेनू प्रसाद और डीजीपी इंटेलिजेंस दिनकर गुप्ता, आईजी आर्थिक अपराध विंग / क्राइम विभु राज और सीएमडी पी एस पी सी एल बलदेव सिंह सरां उपस्थित थे । कमेटी मैंबर में प्रधान सतनाम सिंह पन्नू, शविन्दर सिंह चातला, जसबीर सिंह पिद्दी, सुखविन्दर सिंह साबरा, हरप्रीत सिंह सिधवां, श्रवण सिंह पंधेर (अमृतसर) और अमरीक सिंह (रोपड़) शामिल थे ।

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