पंजाबी साहित्य सभा पटियाला की ओर से इस साल 13वां ‘राजिन्दर कौर वंता साहित्य पुरस्कार 76 वर्षीय कवियत्री बीबी जौहरी को देने का निर्णय लिया गया है। सभा के प्रधान डा. दर्शन सिंह आष्ट ने बताया कि बीबी जौहरी को यह पुरस्कार उनके साहित्यक क्षेत्र में दिए उल्लेखनीय योगदान के चलते प्रदान किया जा रहा है। बीबी जौहरी ने पंजाबी काव्य जगत में ‘भूली विसरी याद, ‘मेरे दुख की कहानी, ‘प्यारा जी और मैं सुंदर लड़की पंजाब की आदि काव्य संग्रह पंजाबी भाषा की झोली में डाले हैं। सबसे खास बात यह है कि वह बिल्कुल निरक्षर हैं। परंतु अपने जीवन के अनुभव के चलते उन्होंने काव्य क्षेत्र में विशेष प्राप्तियां की हैं।
कवि जसवंत सिंह वंता के सुपुत्र इकबाल सिंह वंता (पूर्व डिप्टी रजिस्ट्रार पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की तरफ से यह पुरुस्कार अपनी स्व. पत्नी व नामवर कहानी लेखिका, कवियत्री राजिन्दर कौर वंता की याद में केवल सभा के साथ सम्बन्धित लेखकों को प्रदान किया जाता है। अब तक यह पुरस्कार सतवंत कैंथ, बाबू सिंह रहल, कुलवंत सिंह आनंद, प्रो. नरिन्दर सिंह कपूर, अनोख सिंह, डा. राजवंत कौर, , डा. गुरबचन सिंह राही, हरप्रीत सिंह राणा, सुखदेव सिंह, कुलवंत सिंह, डा. हरजीत सिंह, रघबीर सिंह महमी को प्रदान किया जा चुका है। सभा की ओर से बीबी जौहरी को यह पुरस्कार 11 नवंबर को पंजाब दिवस पर भाषा विभाग में आयोजित समगम में प्रदान किया जाएगा। सभा की बैठक में महा सचिव बाबू सिंह रैहल, हरप्रीत सिंह राणा, दविन्दर पटियालवी, नवदीप सिंह खास तौर से मौजूद रहे।