विजीलैंस ब्यूरो द्वारा 7 दोषियों के खि़लाफ़ मुकदमा दर्ज, 5 दोषी गिरफ़्तार
चंडीगढ़: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो द्वारा करनाना बहुउद्देशीय कृषि सेवा सभा लिमिटेड गाँव करनाना, जि़ला एस.बी.एस. नगर में हुए कई करोड़ के घोटाले के दोष अधीन सभा के 7 अधिकारी/कर्मचारियों के विरुद्ध थाना विजीलैंस ब्यूरो, जालंधर में मुकदमा दर्ज करके 5 दोषियों को गिरफ़्तार कर लिया है। आज यहाँ यह जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त सोसायटी की जांच के उपरांत उक्त कोऑपरेटिव सोसायटी के अधिकारी/कर्मचारियों द्वारा मिलीभुगत करके 7,14,07,596.23 रुपए (सात करोड़, चौदह लाख सात हज़ार पाँच सौ छैयानवे रुपए तेईस पैसे) का घोटाला सामने आया है।
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उन्होंने बताया कि उक्त सोसायटी में करीब 1000 खाता धारक/मैंबर हैं और इस सभा के पास एक इंडियन ऑयल का पेट्रोल पंप, एक ट्रैक्टर, बड़ी मात्रा में कृषि योग्य भूमि से सम्बन्धित कृषि के यंत्र हैं। इसके अलावा उक्त सोसायटी द्वारा खाद और कीटनाशक दवाएँ आदि भी किसानों को बेची जाती हैं। उक्त सोसायटी में कुल 6 कर्मचारी अलग-अलग जगह काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि गाँव करनाना के एन.आर.आई. और गाँव के लोगों द्वारा उक्त सभा में करोड़ों रुपए की एफ.डी.आरज़ करवाई गई हैं।
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उक्त सभा के सैकरेटरी इंदरजीत धीर, जोकि कैशियर भी रह चुका है, ने प्रधान रणधीर सिंह और मौजूदा कैशियर हरप्रीत सिंह आदि के साथ मिलीभुगत करके उक्त एफ.डी.आरज़ पर लिमिट आदि बनाकर करोड़ों रुपए का गबन किया है।
प्रवक्ता ने बताया कि तकनीकी टीम द्वारा उक्त सभा के रिकॉर्ड की चैकिंग के दौरान तारीख़ 01.4.18 से 31.03.20 तक सभा के सदस्यों द्वारा लिए गए कजऱ्े और सदस्यों की अमानतों में 7,14,07,596.23 रुपए ( सात करोड़, चौदह लाख सात हज़ार पाँच सौ छैयानवे रुपए तेईस पैसे) का गबन पाया गया और इसके अलावा 36,36,71,952. 55 रुपए ( छत्तीस करोड़ छत्तीस लाख, इकत्तर हज़ार नौ सौ बावन रुपए पचपन पैसे) की गंभीर त्रुटियाँ भी सामने आई हैं।
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इस घोटाले के विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि जांच के दौरान यह भी पाया गया कि सभा के सचिव इंदरजीत धीर द्वारा सभा में दो कंप्यूटर लगाए हुए थे, जिसमें से एक कंप्यूटर में उक्त सचिव द्वारा सदस्यों को धोखा देने के लिए रिकॉर्ड तैयार किया हुआ था और सभा के सदस्यों को ऐंट्रियाँ दिखाकर यह तसल्ली करवा देता था कि आप की सभी ऐंट्रियाँ सही हैं। दूसरे कंप्यूटर के डेटा को पढऩे पर पाया गया कि सभा के सचिव द्वारा इस कंप्यूटर में फ्रॉड की गई रकम के अनुसार डेटा फीड करके ऑडिट अफ़सर और अन्य अधिकारियों को पेश कर देता था।
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इस घोटाले के दोष अधीन सोसायटी के पूर्व सचिव इंदरजीत धीर, हरप्रीत (अतिरिक्त प्रभार) कैशियर, रणधीर सिंह पूर्व प्रधान, सुखविन्दर सिंह उप प्रधान, रविन्दर सिंह कमेटी मैंबर, महेन्दर लाल कमेटी मैंबर और कमलजीत सिंह कमेटी मैंबर ( सभी निवासी गाँव करनाना) द्वारा आपस में मिलीभुगत करके सभा के सदस्यों के 7,14,07,596.23 रुपए का गबन किया जाना पाया गया।
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प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में उपरोक्त दोषियों के खि़लाफ़ मुकदमा नंबर:15 तारीख़ 29.08.2022 अ/ध 406, 409, 420, 465, 468, 471, 477-ए, 120-बी आई.पी.सी. और भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम की धारा 13(1), 13(2) के तहत थाना विजीलैंस ब्यूरो, जालंधर में केस दर्ज किया गया। इस मुकदमे के दोषियों रणधीर सिंह, सुखविन्दर सिंह, रविन्दर सिंह, महेन्दर लाल और कमलजीत सिंह (सभी निवासी गाँव करनाना) गिरफ़्तार कर लिया गया है। इस संबंधी अगली कार्यवाही जारी है।