-जि़ला नशा मुक्ति और पुनर्निवास सोसायटी को मनोचिकित्सक माहिर और अन्य सहायक स्टाफ की भर्ती करने के दिए अधिकार
-जि़ला अधिकारी गरीब परिवारों से संबंधित मरीज़ों का मुफ़्त इलाज करना यकीनी बनाएं
-मानक इलाज मुहैया करवाने के लिए मैडीकल अफसरों, स्टाफ नर्सों और फार्मासिस्टोंं को दी जा रही है कपैस्टी बिल्डिंग ट्रेनिंग
चंडीगढ़: राज्य में चलाए जा रहे ‘आऊटपेशैंट ओपीयोड असिस्टड ट्रीटमेंट कलीनिकस’ की व्यापक स्तर पर सफलता को देखते हुए अब पंजाब सरकार कम्युनिटी स्वास्थ्य केन्द्रों में नये ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिक स्थापित करने जा रही है। पहले पढ़ाव में एस.ए.एस. नगर, फतेहगढ़ साहिब और रूपनगर में 12 क्लीनिक कम्युनिटी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्थापित किये जाएंगे।
इसका खुलासा करते स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री ब्रह्म मोहिंद्रा ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर नशे के आदी मरीज़ों को स्वास्थ्य सेवाएं और इलाज मुहैया करवाने के लिए कम्यूनटी स्वास्थ्य केन्द्रों में ओ.ओ.ए.टी. कलीनिकस खोले जा रहे हैं जिसके द्वारा नशो के आदी मरीज़ अस्पताल में बिना दाखि़ल हुए नशे से छुटकारा पाने के लिए अपना इलाज करवा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वह कलीनिकों और केन्द्रों की कारगुज़ारी निश्चित किये गए नियमों और हिदायतों के अनुसार ही करें और क्लनिकों में रोज़मर्रा की तरह आ रहे मरीज़ों की हाजिऱी लगाना भी यकीनी बनाएं।
मंत्री ने कहा कि नशा मुक्ति और पुनर्निवास केन्द्रों में ज़रूरत पडऩे पर मनोचिकिस्ताकों के माहिरों या अन्य संबंधित स्टाफ जैसे कि स्टाफ नर्स (पुरुष), वार्ड अटेंडेंट, सिक्यूरिटी गार्ड और काउंसलरों की भर्ती के अधिकार नशा मुक्ति और पुनर्निवास सोसायटी को दे दिए गए हैं जिसका नेतृत्व डिप्टी कमिशनर द्वारा किया जा रहा है।
उन्होंने केन्द्रों में मुहैया करवाई जा रही ज़रूरी दवाओं और मुफ़्त टैस्टों की जानकारी देते हुए बताया कि सभी दवाएँ सैंट्रल वेयर हाऊस में पूर्ण तौर पर उपलब्ध हैं और नशा मुक्ति केन्द्रों के साथ लगते सरकारी अस्पतालों में टैस्टों की सुविधा मुफ़्त दी जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने दोहराते हुए कहा कि राज्य सरकार कमज़ोर वर्ग के ज़रूरतमंदों को हर तरह की स्वास्थ्य सेवा और इलाज मुहइया करवाने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि सभी सिवल सर्जनों को यह आदेश दिए गए हैं कि गरीब परिवारों से संबंधित नशों के आदी मरीज़ों का मुफ़्त इलाज यकीनी तौर पर किया जाये। उन्होंने कहा कि ज़रूरतमंदों को मुफ़्त इलाज मुहैया करवाने के लिए जि़ला स्तर की सोसायटियां और माहिर मनोचिकित्सक को अधिकारी दिए गए हैं कि यदि किसी मामले में किसी जरूरतमंद व्यक्ति के पास चाहे बी.पी.एल. कार्ड न भी हो तो भी उसको नशे से निजात पाने के लिए मानक स्वास्थ्य सेवाएंं और इलाज प्रदान किया जाये। उन्होंने कहा कि इन आदेशों संबंधी हिदायतें सभी डिप्टी कमीशनरों और मनोचिकित्सक माहिरों को जारी कर दी गई हैं।
श्री मोहिंद्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उनको भरोसा दिलाया है कि इस महत्वपूर्ण प्रोग्राम के लिए अगर और राशि की ज़रूरत पड़ती है तो वह मुख्यमंत्री राहत फंड में से इसका भुगतान करेंगे। उन्होंने बताया कि ओ.ओ.ए.टीज़ केन्द्रों में मरीज़ों की रजिस्ट्रेशन निरंतर बढ़ रही है और इन क्लनिकों में मुफ़्त इलाज मिलने के कारण मरीज़ इसको पहल के आधार पर प्राथमिता दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जून में 70 नये मरीज़ प्रतिदिन औसतन रजिस्ट्रेशन से बढक़र जुलाई में 408 नये मरीजों तक पहुँच गई है। इसके साथ इन क्लनिकों में इलाज के लिए रोज़मर्रा की तरह आने वाले मरीज़ों की संख्या जून में 2345 प्रति दिन से बढक़र जुलाई में 4408 प्रतिदिन हो गई है। उन्होंने कहा कि यह संख्या अगले दो सप्ताह तक काफ़ी हद तक बढऩे की उम्मीद है और जुलाई के अंत तक और अधिक बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि इस समय राज्य में 81 क्लीनिक में मरीज़ों का इलाज किया जा रहा है।
श्री मोहिंद्रा ने कहा कि कम्युनटी स्वास्थ्य केन्द्रों में क्लीनिकों को अन्य प्रभावी ढंग से इलाज मुहैया करवाने के लिए गठित टीमों को कपैस्टी बिल्डिंग प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें एक मैडीकल अफ़सर, फार्मासिस्ट और डाटा एंट्री ऑपरेटर शामिल हैं।