चंडीगढ़, 18 जनवरी:
एडीशनल डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस (ए.डी.जी.पी.) एन.आर.आई. मामले अमरदीप सिंह राय ने आज मुनीष जिन्दल द्वारा पंजाब की सामयिक घटनाओं बारे लिखी एक किताब ‘द पंजाब रिव्यू’ जारी की।
ए.डी.जी.पी. राय ने लेखक मुनीष जिन्दल को बधाई दी और उनकी किताबों के द्वारा पंजाब सिविल सर्विसिस (पी.सी.एस.) और पंजाब की अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं देने के इच्छुक उम्मीदवारों की सहायता के लिए उनके निरंतर यत्नों की प्रशंसा की। एडीजीपी राय ने इस पुस्तक की भूमिका भी लिखी।
श्री जिन्दल ने इस अंक को लिखने के लिए एडीजीपी अमरदीप सिंह राय का उनको प्रेरित करने के लिए धन्यवाद भी किया।
इस किताब बारे विवरण साझा करते हुए श्री जिन्दल ने कहा कि पंजाब भर के हज़ारों विद्यार्थी पंजाब पीसीएस और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेते हैं परन्तु बहुत से विद्यार्थी विषय संबंधी पूरी जानकारी न होने या परीक्षा की ज़रूरत अनुसार सही मार्ग दर्शन की कमी के कारण अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में असफल रहते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत से विद्यार्थी कोचिंग लेने में असमर्थ होते हैं। इस तरह, किताबें सस्ता और तैयारी का सर्वोत्त्म स्रोत होती हैं यदि ये परीक्षा की माँगों को ध्यान में रखते हुए लिखी जाएँ। उन्होंने कहा कि ‘द पंजाब रिव्यू’ किताब इन पहलूओं को ध्यान में रखकर लिखी गई है।
उन्होंने कहा कि उनकी पिछली किताब में पंजाब के हिस्से जैसे कि इतिहास, सभ्याचार, प्रशासकीय ढांचे को काफ़ी सभ्यक ढंग के साथ पेश किया गया। उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा समय में पंजाब की हर प्रतियोगी परीक्षा जैसे कि पीसीएस या नायब तहसीलदार या किसी अन्य परीक्षा में पंजाब की सामयिक घटनाओं बारे सवाल पूछे जाते हैं।
श्री जिन्दल ने कहा कि इस किताब में उन्होंने पंजाब के पिछले एक साल की सामयिक घटनाओं को कवर करने की कोशिश की है। इसके अलावा उन्होंने पंजाब के बजट, पंजाब के आर्थिक सर्वेक्षण और पिछले दो सालों में विभिन्न क्षेत्रों में पंजाब सरकार की तरफ से किये गए प्रयासों बारे प्रकाश डाला है।
उन्होंने कहा कि इस किताब में पंजाबी भाषा और राजनैतिक थ्यूरी बारे एक अध्याय भी है। इसके अलावा किताब के अंत में पिछले साल के पेपर और मॉडल टैस्ट पेपर भी दिए गए हैं जो विद्यार्थियों को उनकी तैयारियों के मुल्यांकन में सहायक होंगे।
श्री मुनीष जिन्दल ने कहा, ‘‘मेरी पिछली किताब ‘साडा पंजाब’ को पाठकों द्वारा मिली भारी प्रतिक्रिया को देखते हुए मैं आशा करता हूँ कि पाठक मेरी इस किताब को भी उतना ही प्यार देंगे।’’
-NAV GILL