-कार्तिक शुक्ल एकादशी पर निद्रा से जगते हैं भगवान श्री हरि विष्णू
-एकादशी व्रत से मिलती है कर्ज से मुक्ति
भारतीय संस्कृति में व्रत रखने की परंपरा सदियों से कायम है। हर व्रत का हिंदू धर्म में बेहद महत्व है। एकादशी व्रत सबसे पावन व्रत माना गया है। क्योंकि कर्ज मुक्ति के लिए एकादशी का व्रत बेहद खास माना गया है। साल में कुल चौबीस एकादशियां होती हैं। आषाढ शुक्ल एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णू योग निद्रा में चले जाते हैं। और कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन नारायण इस निद्रा से जागते हैं। इसलिए इस पावन दिन को देवोत्थान, प्रबोधिनी या देव उठावनी एकादशी के नाम से संबोधित किया जाता है। देश भर में हिंदू एकादशी के व्रत को बेहद आस्था से रखने की परंपरा कायम है।
इस व्रत को रखने से मिलता है एक हजार अश्वमेघ यज्ञ का फल
पुराणों के अनुसार श्री हरि-प्रबोधिनी (देवोत्थान) एकादशी का व्रत करने से एक हजार अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। इतना ही नहीं इस व्रत से एक सौ राजसूय यज्ञों का फल भी मिलता है। इस एकादशी के विधिवत व्रत से सब पाप भस्म हो जाते हैं। साथ ही मरणोपरान्त बैकुण्ठ प्राप्त होता है। इस दिन श्रद्धा के साथ जप-तप, स्नान-दान, होम करना चाहिए।
व्रत रखने से पहले करें गायत्री मंत्र का जाप
इस दिन सुबह उठकर किसी पवित्र नदी में नहाना चाहिए। मौजूदा समय में शहरों में आस पास कोई नदी न होने के कारण भक्तजनों को नहाने के पानी में गंगाजल डाल के स्नान करना चाहिए। इस दौरान गायत्री मंत्र का जाप भी करना चाहिए। जिससे जीवन के सभी सुख व्रत रखने वाले को आसानी से मिले। स्त्रियों के लिए यह व्रत विशेष तौर से सौभाग्यकारी माना गया है। व्रत रखने वाले भगवान विष्णु की पूजा का संकल्प कर घर के आंगन में भगवान के चरणों की आकृति बनानी चाहिए। क्योकि कहा जाता है कि भगवान इसी रास्ते से घर में प्रवेश करेंगे। इसके बाद फल, फूल, मिठाई एक थाल में रख कर भगवान की पूजा करनी चाहिए।
श्रीहरिको जगाने के सामान्यतया लोग – उठो देवा, बैठो देवा कहते है। श्रीहरिको जगाने के पश्चात् उनकी विधि – विधान से पूजा के साथ कीर्तन करने से भगवान विष्णु अत्यन्त प्रसन्न होते हैं। भगवन विष्णु को सफ़ेद मिठाई या खीर का भोग लगाने से आर्थिक संकटो से मुक्ति मिलती है।जिसमे में तुलसी दल का प्रयोग अनिवार्य है | इससे भगवान जल्दी प्रसन्न होते है। रूका हुआ पैसा जल्दी आ जाता है। नया बिज़नेस शुरू करना हो तो भी यह सबसे अचूक उपाय है। इस दिन एक नारियल और एक मुट्ठी बादाम किसी मंदिर में भगवन विष्णु के चरणों में चढाने से सभी प्रकार की विपदाओं से मुक्ति मिलती है। संतान सुख प्राप्त होता है |
विवाह आदि समस्त मांगलिक कार्यो का भी इस दिन से शुभारम्भ हो जाता है। इस दिन तुलसी पूजा के अलावा शालीग्राम के साथ तुलसी विवाह भी कराया जाता है। यदि किसी कारण से विवाह में देरी हो रही है तो भगवन शालिग्राम को पंचामृत से स्नान कराके चन्दन लगाकर पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनाने चाहिए। पीले आसन पर बिठाना चाहिए। फिर अपने हाथो से उन को तुलसी अर्पित करते हुए जल्द विवाह की कामना करनी चाहिए |
इन्हें भी पढ़ें…इस देवी के नाम से जुड़ा है देवभूमि सोलन शहर का नाम
व्रत के दिन विशेष बातों का रखें ध्यान
इस दिन कुछ विशेष बातों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। जैसे घर में चावल नहीं बनना चाहिए। घर का वतावरण सात्विक होना चाहिए। निराहार व्रत न रख सकें। तो सभी लोगों को फलाहारी व्रत रखना चाहिए। वृद्ध ,बालक तथा रोगी व्रत नहीं भी रख सकते हैं। धूम्रपान या कोई भी नशा इस दिन बिल्कुल भी नही करना चाहिए। इस दिन जहां तक हो सके सत्य ही बोलना चाहिए।
निरंतर क़र्ज़ में फंसे हो और जल्द मुक्ति चाहिए तो इस दिन शाम को पीपल के वृक्ष को दूध चढ़ा कर दीप प्रज्वलित करने से लक्ष्मी जी का आशीर्वाद मिलता है। और कर्ज से मुक्ति मिलती है। इसलिए भगवान के आगमन की खुशी में उनकी पत्नी माता लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। ऐसा करने से भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आर्थिक संकटो से भी मुक्ति मिलती है। भगवान विष्णु की पूजा से जन्म जन्मांतर के पाप समाप्त हो जाते हैं और घर में समृद्धि आती है।
– वंदना