वंदना
एक ऐसा रस जो शरीर की हर बीमारी को दूर कर आप को निरोगी बनाए रखता है जिसमे भरपूर मात्रा में पोषक तत्व व रोग निवारक गुण पाए जाते हैं। इसमें क्लोरोफिल भी पाया जाता है यानि कि इसमें सबसे ज्यादा सूर्य की ऊर्जा होती है और भरपूर ऑक्सीजन भी। अनेक रोगों के लिए यह एक अनमोल औषधि भी हैं। इसलिए इसको आहार ही नहीं बल्कि अमृत भी कहा सकता है | यह शरीर की अशुद्धियों और हानिकारक जीवाणूओं को दूर कर पेट की सभी बीमारीयों को दूर रखने में मदद करता है।
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गेहूँ के ज्वारे में मौजूद पोषक तत्व और एंटीऑक्सिडेंट रक्त की कमी, उच्च रक्तचाप, सर्दी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, स्थायी सर्दी, साइनस, पाचन संबंधी रोग, पेट में छाले, कैंसर, आंतों की सूजन, दांत संबंधी समस्याओं, दांत का हिलना, मसूड़ों से खून आना, स्किन रोग, एक्जिमा, किडनी संबंधी रोग, सेक्स संबंधी रोग, शीघ्रपतन, कान के रोग, थायराइड ग्रंथि के रोग ,रक्त संचार संबंधी रोगों से छुटकारा दिलाता है |
गेहूँ के ज्वारों में रोग प्रतिरोधक व रोग निवारक शक्ति होती है। जिससे बरसों पुराने रोगो से मुक्ति पायी जा सकती है। गेहूं के जवारे का प्रयोग वो रोगी भी कर सकते हैं जिनकी वर्तमान में कोई और दवाई भी चल रही हो | डाइटीशियन इसे संजीवनी बूटी भी कहते है, क्योंकि ऐसा कोई रोग नहीं है , जो इसके सेवन से ठीक ना हो |
गेहूँ के ज्वारे को बीजने की विधि
गेहूँ के ज्वारे घर पर भी आसानी से बीजे जा सकते है, इनको बीजने के लिए अच्छी किस्म के जैविक गेहूँ के बीज, अच्छी उपजाऊ मिट्टी और उम्दा जैविक या गोबर की खाद, मिट्टी के बड़े गमले जिसमें नीचे छेद हों, अच्छे प्लास्टिक की बड़ी गार्डनिंग ट्रे, जिसमें नीचे कुछ छेद हो, गेहूँ भिगोने के लिए कोई बर्तन या जग, पानी देने के लिए स्प्रे–बोटल या पौधों को पानी पिलाने वाला झारा व कैंची की आवश्यकता होती है | बिना मिटटी के बीजना हो तो भी बीजे जा सकते है |
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रात को सोते समय लगभग 100 ग्राम गेहूँ एक जग में भिगो कर रख देना चाहिए। फिर सभी गमलों के छेद को एक पतले पत्थर के टुकड़े से ढक कर मिट्टी और खाद को अच्छी तरह मिलाकर गमले में डालकर पानी छिड़कना चाहिए। गमलों पर नंबर डाल देने चाहिए। अगले दिन गेहुं को धोकर निथार कर एक नंबर गमले में डाल देना चाहिए फिर गेहूँ एक परत के रूप में बिछाकर ऊपर थोड़ी मिट्टी डालकर पानी देना चाहिए | गमले को किसी छायादार स्थान जैसे बरामदे या खिड़की के पास जहां पर्याप्त हवा और प्रकाश आता हो लेकिन धूप की सीधी किरणे गमलों पर नहीं पड़ती हो, ऐसे स्थान पर रखना चाहिए । अगले दिन दूसरे वाले गमले में गेहूँ बो दीजिये। गमलों में मिट्टी के नम और हल्की गीली बनी रहने जितना ही पानी देना चाहिए । शुरू के दो–तीन दिन गमलों को गीले अखबार या पतले गीले कपडे से भी ढक सकते हैं। गेहूं के ज्वारे एक इंच से बड़े होने पर एक बार ही पानी देना चाहिए और पानी देने के लिए स्प्रे बोटल का प्रयोग करना चाहिए । गर्मी के मौसम में ज्यादा पानी की आवश्यकता रहती है। पर हमेशा ध्यान रखें कि मिट्टी नम और गीली बनी रहे और पानी की मात्रा ज्यादा भी न हो। एक सप्ताह बाद 5-6 पत्तियों वाला 6-8 इन्च लम्बा ज्वारा निकल आता है | इस ज्वारे को जड़ सहित उखाड़ कर पानी से अच्छी तरह धो कर काम में ले सकते है | इस तरह रोज एक गमले से ज्वारे तोड़ते जाइये और रोज एक गमले में ज्वारे बोते भी जाइये ताकि आपको निरन्तर ज्वारे मिलते रहे।(6 -7 गमले होने पर ) गेहू के ज्वारे बिना मिटटी के भी उगाए जा सकते है |
अब धुले हुए ज्वारों की जड़ काट कर अलग कर , मिक्सी के छोटे जार में थोड़ा पानी डालकर पीस लें | इसके बाद छलनी से गिलास में छानकर जूस का प्रयोग किया जा सकता है । छलनी में बचे हुए गुदे को त्वचा पर मलने से स्किन में निखार आता हैं। हाथ से घुमाने वाले ज्यूसर से भी जूस निकाला जा सकता है |
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गेहूं के ज्वारे के पाउडर को पानी में मिलाकर पिया जा सकता है या इसे जूस में अथवा अन्य किसी हल्के पेय में भी मिलाया जा सकता है। यह पाउडर पाचन क्रिया को बेहद आसान बनाता है। इस पाउडर में मौजूद कुछ क्षारीय मिनरल और मैग्नीशियम का उच्च स्तर भी अल्सर, कब्ज और दस्त होने पर राहत प्रदान करता है । भोजन का पूरक होने के कारण यह पाउडर शरीर के पीएच को संतुलन प्रदान करता है। इस प्रकार, यह रक्त में अम्लता के स्तर को कम करने में फायदेमंद होता है तथा इसकी क्षारीयता को वापस लाता है।
व्हीटग्रास जूस और पाउडर के फायदे
एनीमिया में लाभदायक
गेहूं के ज्वारे का पाउडर एनीमिया को दूर करने में सहायक होता है। इसके पाउडर में प्रचुर मात्रा में क्लोरोफिल होता है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है। जिससे शरीर ऊर्जावान बनता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के गठन में भी मदद करता है।
उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को करे धीमा
गेहूं के ज्वारे का पाउडर व् जूस मृत कोशिकाओं को हटाकर त्वचा को चमक प्रदान करता है। यह त्वचा में निखार लाता है। वीट ग्रास पाउडर, अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण मुंहासों को निकलने से रोकता है। वीटग्रास पाउडर व् दूध से बने पेस्ट को लगाने से मुंहासे, झुर्रियां और काले धब्बे दूर होते है। यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करता है। इसके एंटीसेप्टिक गुणों के कारण, यह पाउडर, घाव, कीड़े के काटने, चकत्तों के इलाज के लिए भी उपयोगी है। साथ ही यह सूरज की किरणों के प्रभाव से जली त्वचा, फोड़े और एथलीटों के पैरों को भी आराम प्रदान करता है।
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संक्रमण से करे बचाव
गेंहूं के ज्वारे का जूस एंटीबायोटिक्स गुणों के कारण संक्रमण और एलर्जी से बचता है | दांतों का संक्रमण होने पर वीट ग्रास जूस पीने से लाभ होता है |
पाचन के लिए
गेंहू के ज्वारे का जूस आंतों की सफाई का काम करता है जिससे कि गैस, पेट में सूजन और पेट की अन्य समस्याएं नहीं होती । यह कब्ज को भी ठीक करता है। जिससे चिड़चिड़ापन आंत्र सिंड्रोम (Bowel syndrome) और बहुत सी पाचन समस्याएं दूर होती है।
वजन घटाने में सहायक
गेंहू के ज्वारे का रस पीने से कुछ ही दिनों में वजन कम होना शुरू हो जाता है। साथ ही इसमें कैलोरी बहुत ही कम मात्रा में होती है और वसा बिल्कुल भी नहीं होती है।
प्रतिरक्षा शक्ति यानि इम्यून सिस्टम को रखे ठीक
इसके जूस में बहुत से एंटीऑक्सिड़ेट तत्व होते हैं जो संक्रमण और रोगों से बचाते है। सर्दी, खांसी, सिरदर्द आदि रोगों में यह बहुत ही प्रभावी होता है |
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मुंह के कैंसर (Mouth cancer) को करे कम
गेंहू के ज्वारे के जूस में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट वाइरस (Viruses) को दूर करने में सहायक होते है। यह कैंसर को रोकने में भी सहायक है। यह कीमोथेरेपी से होने वाले दुष्प्रभावों को दूर करता है। यह मुंह के कैंसर (Mouth cancer) के खतरे को भी कम करता है।
डायबिटीज को करे कंट्रोल
यह खून में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ाकर उपस्थित चीनी को कम करता है | साथ ही यह ऊर्जा भी देता है |
खराब कोलेस्ट्राल को दूर करने में सहायक
गेंहू के ज्वारे का जूस शरीर से हानिकारक कोलेस्ट्रोल (harmful cholesterol) को दूर करने और वजन को कम करने में सहायक होता है। जिससे हृदय संबंधित रोग भी दूर होते हैं।
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हाई ब्लडप्रेशर करे कम
उच्च रक्तचाप यानि हाई ब्लड प्रेशर होने पर गेंहू के ज्वारे का जूस पीने से हाई ब्लडप्रेशर को कम किया जा सकता है। यह खून में से अशुद्धियों को दूर कर ब्लड का सर्कुलेशन ठीक करता है।
गठिया रोग को करे दूर
इसके नियमित सेवन से गठिया के कुछ लक्षण जैसे कि कठोरता (Stiffness), दर्द और सूजन आदि दूर होते हैं।
पेट दर्द करे दूर
गेंहूं के ज्वारे के जूस में मौजूद फाइबर,पेट दर्द को ठीक कर पाचन क्रिया ठीक रखने में सहायक होता है। इसमें ग्लूटेन बिलकुल नहीं होता है।यह दस्त जैसी समस्याओं को भी दूर करता है।
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जहां एक ओर वीट ग्रास जूस पीने के अनेक फायदे है वहीं अधिक मात्रा में पीने से नुकसान भी हो सकता है | अधिक मात्रा में पीने से घबराहट, कब्ज या उल्टी आदि हो सकती है। कब्ज होने पर डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही इसको नियमित रूप से पीना शुरू करना चाहिए। यदि गेंहूं से किसी भी प्रकार की एलर्जी है तो बिना डॉक्टर की सलाह के इसका उपयोग नहीं करना चाहिए|