एक से लेकर नौ तक के हर अंक का विशेष महत्व है। परंतु इसमें से एक अंक एेसा है। जिसका विशेष प्रभाव हमारी प्रकृति, ब्रह्मांड, धर्म, शास्त्र, संगीत के अलावा कुछ अन्य क्षेत्रों में साफ तौर से दिखाई देता है। क्या आप जानते हैं कि यह अंक कौन सा है। यदि नहीं तो आईए आज आप को सात यानिकि लक्की सेवन के बारे जानकारी प्रदान करते हैं। आखिर एक से लेकर नौ तक की अंक संख्या में सात को ही क्यों सदियों से विशेष महत्व प्रदान किया गया है ।
सूर्य की सप्त रंग किरणें
पहली जम्ब्ली, दूसरी नीला , तीसरी आसमानी, चौथी हरी, पांचवीं पीली , छठी नारंगी और सातवीं लाल
ब्रह्मांड में व्याप्त हैं सात शरीर
पहला दैवीय ( Devine), दूसरा प्रथम जिव ( Monadic), तीसरा परमाणु ( Atomic), चौथा आत्मिक (Spritual). पांचवा मानसिक (Mental), छठा सूक्ष्म (Subtle), सातवां भौतिक (Physical)
आत्मा के सात चेतना केंद्र
पहला प्राण , दूसरा चक्षु (आंखें), तीसरा जिह्वा (जीभ) , चौथा त्वचा (चमड़ी), पांचवा कर्ण (कान) , छठा मन, सातवां बुद्धि
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विश्व के सात आश्चर्य
विश्व में सात आश्रर्य हैं। इनमें पहला चीन की दीवार, दूसरा ताजमहल, तीसरा पेट्रा, चौथा क्राइस्ट रिडीमर, पांचवां माचू पिच्चु, छठा कोलोज़ियम, सातवां चिचेन इत्जा
विवाह में सात फेरे लेने की परंपरा
हिंदू रीति-रिवाज अनुसार सदियों से विवाह में सात फेरे लगाने की परंपरा है।
सात जन्मों का है उल्लेख
भारतीय संस्कृति में विवाह के बंधन को बेहद पावन माना गया है। भारत में विवाह को सात जन्मों तक निभाना बेहद पावन माना गया है।
सप्तऋषियों की परिकल्पना
पहले वशिष्ठ , दूसरे कश्यप, तीसरे अत्रि , चौथे जमदग्नि , पांचवें गौतम , छठे विश्वामित्र और सातवें भरद्वाज
सप्त प्रमुख पर्वत
पहला विह्त , दूसरा हिमालय , तीसरा धूतिवान, चौथा पुष्प्वान, पांचवां कुशेसय , छठा हरी शैल , सातवा मंदराचल
हमारे शरीर में सात वस्तुएं अहम
पहला पांच तत्व, दूसरा पांच प्राण , तीसरा पांच ज्ञानेन्द्रिय, चौथा पांच कर्मेन्द्रिय , पांचवां पांच तन्मात्रा , छठा अंत: करण (मन) , सातवां आकांक्षा संस्कार
भारतीय काव्य शास्त्र में सात छंद
पहला गायत्री , दूसरा उष्णिक, तीसरा अनुदुष्य , चौथा बृहती , पांचवा पंक्ति , छठा त्रिष्टुप, सातवां जगती। गौर हो वेद संहिता की रचना में इन सभी छंदों का प्रयोग हुआ।
संगीत का आधार हैं सात स्वर
संगीत सात सुरों (स्वर) पर आधारित है। पहला सा, दूसरा रे, तीसरा ग, चौथा म, पांचवां प, छठा ध और सातवां नी।
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शरीर के भीतर विद्यमान है सप्त चक्र
शरीर के भीतर मूल उर्जा के सात केंद्र होते हैं। जिन्हें सप्त चक्र कहा जाता है। पहला मूलाधार ( पदार्थ और शक्ति), दूसरा स्वाधिष्ठान ( क्रिया शक्ति), तीसरा नाभि (अति मनस जिव शक्ति), चौथा अनाहत ( प्रेम सौन्दर्य और आनंद), पांचवा शक्ति विशुद्ध ( शब्द औऱ ब्रह्म शक्ति), छठा आज्ञा ( संकल्प ज्योति, ज्ञान शक्ति), सातवां (अंतिम , निरपेक्ष शक्ति)
तत्व ज्ञान अनुसार मनुष्य के है सात शरीर
पहला स्थूल, दूसरा सूक्ष्म , तीसरा कारण, चौथा मनस, पांचवां आत्मिक, छठा देव , सातवां ब्रह्म
शास्त्र अनुसार अस्तित्व की सात शक्तियां
पहला परा, दूसरा ज्ञान, तीसरा इच्छा, चौथा क्रिया, पांचवा कुंडलिनी, छठा मातृका और सातवां गुह्य शक्ति
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सात योग हैं अहम
पहला ज्ञान, दूसरा कर्म, तीसरा भक्ति, चौथा ध्यान, पांचवा राज, छठा हठ और सातवां सहज।
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सात भूत हैं प्रमुख
पुराणों में सात भूतों का उल्लेख है। पहला भूत, दूसरा प्रेत, तीसरा पिशाच, चौथा कूष्मांडा, पांचवा ब्रह्मराक्षस, छठा वेताल और सातवां क्षेत्रपाल।
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सात द्वीप हैं प्रमुख
पहला जम्बूद्वीप, दूसरा पलक्ष द्वीप, तीसरा कुश द्वीप, चौथा शालमाली द्वीप, पांचवां क्रौंच द्वीप, छठा शंकर द्वीप, सातवां पुष्कर द्वीप।
सात पाताल का है उल्लेख
पुराणों में सात पाताल की जानकारी है। इनमें पहला अतल, दूसरा वितल, तीसरा सुतल, चौथा तलातल, पांचवां महातल, छठा पाताल और सातवां रसातल।
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कुल सात लोक हैं
पहला भूलोक, दूसरा भूवलोक, तीसरा स्वलोक, चौथा महलोक, पांचवा जनलोक, छठा तपोलोक, सातवां सत्यलोक। सत्यलोक को ही ब्रह्मलोक कहा जाता है।
सात समुद्र हैं प्रमुख
कुल सात समुद्रों के नाम सदियों से प्रमुख माने गए हैं। पहला क्षीरसागर, दूसरा दुधिसागर, तीसरा घृत सागर, चौथा पयान, पांचवा मधु, छठा मदिरा और सातवां लहू।
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कुल सात पुरी
भारत में सात पुरी का उल्लेख वर्णित है। इनमें पहला अयोध्या, दूसरा मथुरा, तीसरा माया (हरिद्वार), चौथा काशी, पांचवां कांची, छठा अवंतिका (उज्जयिनी) और सातवां द्वारिका।
सात तरह की होती है अग्नि
सात तरह की अग्नि के बारे लिखा गया है। इनमें पहली ब्रह्माग्नी , दूसरा आत्मग्नी , तीसरी योगाग्नि, चौथी कालाग्नि, पांचवी सुर्याग्नी , छठी सप्त अग्नि जिह्वा (काली) , सातवीं स्फुलिगिनी
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सोलर सिस्टम में सात सदस्य
सोलर सिस्टम के सात सदस्यों की जानकारी है। पहला सूर्य, दूसरा चंद्र, तीसरा मंगल, चौथा शुक्र, पांचवां बुद्ध, छठा वृहस्पति और सातवां शनि
प्रदीप शाही