आयुर्वेद में कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों का वर्णन है जिनके सीमित प्रयोग से कई प्रकार के रोगों का बिना किसी नुकसान या साइड इफेक्ट के उपचार किया जा सकता है। कई जड़ी-बूटियां व औषधियां हमारे आस-पास ही मौजूद होती हैं। लेकिन हमें इनके नुकसान-फायदे व सही प्रयोग के बारे में सही व सटीक जानकारी नहीं होती। आज हम आपको एक ऐसी ही औषधि के बारे में बताएंगे जिसके सेवन से कई प्रकार के रोगों से निजात पाई जा सकती है और भविष्य में भी कई रोगों से बचाव हो सकता है। प्रकृति ने हमें ‘मुलेठी’ जैसी प्राकृतिक औषधि दी है। जो कई प्रकार के रोगों में लाभदायक है। और साथ ही इसका प्रयोग टुथ पेस्ट इत्यादि बनाने में भी किया जाता है।
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मुलेठी को कई नामों से जाना जाता है। अंग्रेजी में मुलेठी को लिकोरिस कहा जाता है। संस्कृत में यशतिमाधु व पंजाबी में इसे मुलट्ठी के नाम से जाना जाता है। मुलेठी में विटामिन ई और बी पाया जाता है। इसके अतिरिक्त मुलेठी में आयरन, फास्फोर्स, कैलिशयम, पोटाशियम, सिलीकान और ज़िंक जैसे खनिज पाए जाते हैं। मुलेठी एक पौधे के रूप में पाई जाती है। खासकर इसकी जड़ का प्रयोग एक औषधि के रूप में किया जाता है।
मुलेठी के फायदे
लीवर के लिए है फायदेमंद
मुलेठी में पाए जाने वाले एंटी-आक्सीडेंट तत्व लीवर को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसके प्रयोग से लीवर को नुकसान पहुंचाने वाले ज़हरीले तत्वों का प्रभाव कम हो जाता है। मुलेठी का सेवन पीलिया व हेपेटाइटिस जैसे रोगों के इलाज़ में लाभदायक सिद्ध होता है। इसके सेवन से जिगर की सूजन कम होती है।
त्वचा में लाए निखार
मुलेठी का प्रयोग त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है। मुलेठी के सेवन से खून साफ होता है और त्वचा संबंधी रोग ठीक होते हैं। मुलेठी का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से कील-मुंहासे व चेहरे के दाग-धब्बे ठीक होते हैं। इसके प्रयोग से चेहरे की सुंदरता बढ़ती है और त्वचा जवां दिखती है।
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खांसी व गले की समस्याओं में है रामबाण औषधि
मुलेठी गले की समस्याओं खासकर खांसी के उपचार में लाभदायक है। मुलेठी को पानी में उबालकर या मुंह में रखकर चूसने से गले के दर्द व खराश से राहत मिलती है। इसके सेवन से बलगम बाहर निकलती है और खांसी से आराम मिलता है। साथ ही सांस के रोगों में भी मुलेठी का सेवन लाभदायक रहता है।
शरीर की रक्षा प्रणाली में करे सुधार
मुलेठी के सेवन से शरीर की रक्षा प्रणाली यानि इम्युन सिस्टम में सुधार होता है। मुलेठी वाली चाय पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। मुलेठी लिम्फोसाइटो और मैक्रोफेज नामक रासायनों का निर्माण करती है जो शरीर की रक्षा प्रणाली में सुधार करते हैं।
आंखों के लिए है फायदेमंद
मुलेठी का प्रयोग आंखों के लिए भी फायदेमंद है। मुलेठी को पानी में उबालकर ठंडा कर के इस पानी से आंखों को धोने से आंखों के कई रोग ठीक होते हैं। मुलेठी व सौंफ का एक समान मात्रा में चूर्ण बनाकर शाम के समय एक चमच सेवन करने से आंखों की जलन दूर होती है और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।इसे भी पढ़ें…इस अचूक औषधि से थायराइड को करें बाय-बाय…
मुंह व दांतों की समस्याओं में है फायदेमंद
मुलेठी में जीवाणुरोधी व रोगाणुरोधी तत्व पाए जाते हैं जो मुख में बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं। इसके सेवन से मुंह की दुर्गन्ध दूर होती है। मसूड़े व दांत मज़बूत होते हैं। टुथ पेस्ट व माउथवाश में भी मुलेठी के अर्क का प्रयोग किया जाता है।
मुंह के छालों व पेट के अल्सर के लिए है लाभदायक
मुलेठी के सेवन से पेट की समस्याओं से राहत मिलती है। मुलेठी के सेवन से पेट साफ होता है और पेट के अल्सरों के लिए जिम्मेदार जहरीले व हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं। साथ ही इसके सेवन से मुंह के छालों से भी छुटकारा मिलता है। क्योकि मुंह के छाले ज्यादातर पेट की समस्याओं के कारण ही होते हैं।
गठिया के इलाज में है मददगार
मुलेठी में दर्द व सूजन को कम करने वाले तत्व पाए जाते हैं। इसके सेवन से गठिया के रोग में दर्द व सूजन से राहत मिलती है। एक अध्ययन में पाया गया है कि मुलेठी का अर्क गठिया को रोकने व इसके इलाज में फायदेमंद होता है। इसके लिए मुलेठी वाली चाय लाभदायक रहती है।
अवसाद यानि डिपरेशन को करे दूर
अवसाद यानि डिपरेशन को दूर करने में मुलेठी का प्रयोग लाभदायक सिद्ध होता है। इसमें मौजूद कैल्शियम, मैंगनीशियम और बीटा कैरोटिन जैसे खनिज अवसाद को दूर करने में सहायता प्रदान करते हैं। महिलाओं के मासिक धर्म के पहले व बाद में होने वाले अवसाद में मुलेठी का प्रयोग खास रूप से लाभदायक रहता है।
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मोटापा करे कम
मुलेठी में शरीर की फालतु चर्बी को कम करने के गुण पाए जाते हैं। एक अध्ययन के दौरान यह तथ्य सामने आए हैं कि मुलेठी का तेल शरीर की चर्बी व आंतों की चर्बी को कम करने में सहायता करता है। जिससे मोटापा व वज़न कम होता है।
मुलेठी के नुकसान
जहां मुलेठी के इतने सारे फायदे हैं वहीं इसके नुकसान भी हैं। मुलेठी का सेवन व प्रयोग किसी आयुर्वेद के विशेषज्ञ की सलाह से करना चाहिए। अधिक मात्रा में किया गया मुलेठी का सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। शूगर के रोगियों और गुर्दे के रोगों से ग्रस्त लोगों को मुलेठी के सेवन से परहेज़ करना चाहिए। मुलेठी की तासीर ठंडी होती है और सर्दियों में इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
धर्मेन्द्र संधू