उतर जाएगा चश्मा, नहीं रहेगा मोटापा, हैंगओवर भी करता है ये दूर

– मनुका शहद (Manuka honey) दुनिया का सबसे लाभकारी शहद

हिंदू धर्म के प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद ही नहीं प्राचीन यूनानी सभ्यता में भी शहद को भगवान के प्रसाद का ही रुप माना गया है। प्राचीन काल से शहद के असाधारण गुणों को हर धर्म से स्वीकारा है। लगभग 8000 सालों से धार्मिक समारोहों में प्रयुक्त किए जाने वाले शहद को मूल्यवान आहार माना गया है। शहद में जीवन वृद्धि तथा शरीर को स्वस्थ रखने के आसाधारण गुण विद्यमान है। आंखों की ज्योति, चेहरे की सुंदरता बढ़ाने जैसे राज को समेटे गुणकारी शहद में लंबे समय तक खराब न होने का भी सामार्थ्य है।
फाइव एलेमेन्ट हेल्थ एंड सोसाइटी के डॉ. जोगिंदर टाइगर कहते हैं कि शहद में कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटैशियम, सोडियम और जिंक जैसे खनिज तत्व पाए जाते है। जो सेहत के लिए अतिआवश्यक होते है | शहद और चीनी दोनों मीठे होते है, पर शहद चीनी से 75% अलग होता है। आसानी से पचने की वजह से यह चीनी से ज्यादा फायदेमंद है। एक साल से कम उम्र के शिशुओं को शहद नहीं दिया जाना चाहिए। नहीं तो शिशु बीमार हो सकता है। मधुमेह के मामले में शहद से भी रक्त शर्करा स्तर बढ़ाता हैं। इसलिए मधुमेह के रोगियों को शहद का इस्तेमाल कम मात्रा में करना चाहिए। मनुका शहद (Manuka honey) दुनिया का सबसे लाभकारी शहद माना गया है।

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आंखों की ज्योति बढ़ाता है
शुद्ध शहद को आंखों में लगाने से आंखों की ज्योति बढ़ती है। शुद्ध शहद को आंखों में लगाने से जलन होती है। परन्तु चिपचिपाहट नहीं होती है। गुलाबजल के साथ शहद को बराबर मात्रा में मिलाकर नियमित रूप से आंखों में डालने पर रतोंधी रोग को भी दूर किया जा सकता है।

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चेहरे के काले धब्बे हटाकर सुंदरता बढाए
चेहरे पर काले धब्बों को हटाने में यह बेहद कारगार है। दिन में दो बार 20-20 मिनट के लिए, चेहरे पर शहद और ताजे नींबू के रस को बराबर भाग में मिलाकर लगाएं। इससे चेहरे के काले धब्बे मिट जाते हैं। शहद एक अच्छा सनस्क्रीन और मॉइस्चराइजर भी माना गया है। सूखी त्वचा, खुजली और विभिन्न त्वचा रोगों को दूर करता है। होठों पर शहद लगाने से होंठ नर्म, मुलायम होते हैं। मुहांसों पर रात में सोते समय दालचीनी चूर्ण और शहद मिलाकर लगाने और सुबह धोने से मुहांसे ठीक होने लगेते हैं। साथ ही दाग भी कम होते हैं।

शहद का सेवन अस्थमा में हितकारी
अल्कोहल और इथेरल तेल तत्वों की वजह से शहद अस्थमा में लाभकारी है। शहद से भरा बर्तन नाक के नीचे रखकर सूंघने से श्वांस सामान्य होती है। इसका असर एक दो घंटे तक रहता है। अस्थमा रोग में एक साल पुराना शहद दूध या पानी के साथ लेने से बहुत फायदा होता है |

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हैंगओवर को करता है कम
अदिक शराब पीने से अगले दिन होने वाले हैंगओवर को कम करने में शहद का सेवन अहम रोल अदा करता है।
शहद पाचन में है मददगार
शहद में सहायक बैक्टीरिया भी प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाकर एलर्जी को कम करता है। शुगर की जगह शहद का इस्तेमाल आंतों में फंगस से पैदा हुए माइकोटॉक्सिन के विषैले प्रभावों को कम करता है। शहद कब्ज, पेट फूलने और गैस में लाभकारी होता है। कब्ज होने पर शहद को टमाटर या संतरे के जूस में मिलाकर नियमित सेवन करने से कुछ दिनों में पूर्णतया लाभ मिलता है। टायफाइड, निमोनिया में शहद के सेवन से लीवर और आंतों की कार्यक्षमता बढाती है। शहद सीने की जलन, उल्टी में भी आराम देता है |ताजा अदरक धोकर छील कर छोटे टुकड़ों में काट कर उसे एक चौड़े मुंह वाले शीशे की बोतल में शहद में डुबा कर बोतल के मुंह को एक पतले, सफेद, सूती कपड़े से ढक कर 12 दिनों तक धूप में रखें। फिर सुबह-शाम 2-4 टुकड़े खाने से अपच या बदहजमी की समस्या से छुटकारा हो जाता है।

मोटापा को कम करे शहद
हलके गुनगुने पानी में शहद और नींबू का रस मिलाकर सुबह पीने से वजन कम किया जा सकता है। इसके सेवन से शरीर के विषैले तत्व बाहर निकल जाते है। शहद, नींबू और गुनगुने पानी का सेवन एक बार में लगातार 30 दिनों से ज्यादा नहीं करना चाहिए। थोडा अन्तराल देकर पुनः प्रारंभ कर सकते हैं। शहद को गर्म करने से उसके लाभकारी गुण कम हो जाते हैं। इसलिए शहद को गर्म करके प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।

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एनीमिया या खून की कमी करता है दूर
शहद और गुनगुने पानी का मिश्रण खून में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाता है। जिससे एनीमिया या खून की कमी की स्थिति में लाभ होता है। आयरन की कमी यानि एनीमिया की स्थिति में थकान, सांस फूलना और कई बार उदासी और दूसरी समस्याएं होती हैं। शहद रक्त की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता को बढ़ाते हुए इन समस्याओं को कम करता है।

सर्दी जुकाम में है शहद रामवाण
अदरक का रस और शहद मिलाकर सेवन करने से खांसी-जुकाम में बहुत आराम मिलता है। काली मिर्च के 10 से 12 दानों को कूट कर उन्हें दो छोटे चम्मच शहद में रात भर भिगो कर रखने तथा सुबह खूब अच्छी तरह चबाते हुए काली मिर्च के दाने खा लेने पर सर्दी जुकाम में आराम हो जाता है । शहद में थोड़ी हल्दी भी मिला सकते हैं। शहद एक अच्छा Anti-oxidant है। यह बढती उम्र के लक्षणों को कम करने में फायदेमंद है। तीन चौथाई कप पानी में चार छोटे चम्मच अदरक का रस, चार छोटे चम्मच शहद और दो छोटे चम्मच नींबू का रस मिला कर पीने से जल्दी-जल्दी सर्दी-जुकाम नहीं होता है।

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घाव या जलने पर करता है मदद
घाव पर शहद सीधे लगाने की बजाय पट्टी या रुई पर लगाकर फिर घाव पर लगाने से यह घाव का तरल निकाल देता है। उस स्थान से बैक्टीरिया नष्ट कर शीघ्र भरपाई करता है। खरोंचों पर शहद मलने से घाव तेजी से ठीक होता है। और निशान भी हल्के पड़ते हैं।

जोड़ो का दर्द और जकड़न को करता है कम
आर्थराइटिस में जोड़ों पर दालचीनी और शहद मिलाकर धीरे धीरे मालिश करने से आराम आता है। चाय में शहद और दालचीनी चूर्ण मिलाकर पीने से जोड़ो का दर्द और जकड़न दूर होती है।

रक्तचाप में है फायदेमंद
शहद का सेवन हमारे शरीर के रक्तचाप असंतुलन को दूर करता है। एक चम्मच लहसुन का रस और शहद मिलाकर दिन में दो बार सुबह शाम पीने से ब्लड प्रेशर काबू में रहता है। शहद का नियमित सेवन उर्जावान और फुर्तीला भी बनाए रखता है।

याददाश्त करता है तेज
शहद याददाश्त तेज करता है। कमजोर तंत्रिका तंत्र को ठीक करता है। शहद का नियमित सेवन खोई हुई शक्ति वापस लौटाता है। शरीर को सुन्दर, स्फूर्तिवान, बलवान, दीर्घजीवी और सुडौल बनाता है।

इन्फेक्शन में गुणकारी
शहद शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाता है, संक्रमण की पुनरावृत्ति रोकता है। मूत्र के इन्फेक्शन में शहद और दालचीनी चूर्ण, को गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से बैक्टीरिया दूर होते हैं और आराम मिलता है।

दांत दर्द में मिलती है राहत
दांत दर्द में शहद को रुई के फाहे में लगाकर दर्द वाले स्थान पर लगाने से राहत मिलती है। मसूढ़ों पर शहद लगाने से मसूढ़े मजबूत होते हैं। मुह के छालों पर शहद लगाने से वो भी जल्दी ठीक हो जाते है। शहद, गुनगुना पानी, दालचीनी चूर्ण मिलाकर कुल्ला करने से साँसों की बदबू से छुटकारा मिलता है।|

बालों की कंडिशनिंग करता है
बालों की अच्छी कंडिशनिंग के लिए शहद और जैतून का तेल मिलाकर बालो में लगाकर तौलिये से ढक कर , 20 मिनट लगे रहने के बाद शैम्पू करने से बाल घने मजबूत और चमकदार हो जाते है।

शहद कैसे बनता है, क्या है इसकी पहचान…
500 ग्राम शहद बनाने के लिए आने-जाने में मधुमख्खियाँ पृथ्वी के 3 चक्कर के बराबर दूरी तय करती है। 1 किलो शहद में 5500 कैलोरी उर्जा होती है। मधुमक्खी के छत्ते से पाए जाने वाले मोम (Bee wax) से बनी मोमबत्ती वातावरण शुद्ध करती है। अच्छी खुशबु, कम धुआं और तेज रोशनी देती है। शहद में पानी का अंश बहुत कम होने की वजह से इसमें बैक्टीरिया नहीं पनपने पाते हैं। गुड़, घी, चीनी, मिश्री, तेल और मांस मछली के साथ Honey खाना नुकसानदायी होता है। असली और नकली शहद की एक पहचान ये भी होती है कि असली शहद मख्खी के पंख में चिपकता नहीं है, जबकि नकली चिपक जाता है। एक दिन में एक चम्मच शहद का सेवन ही उपयुक्त है। शहद को जरुरत से ज्यादा खाना हानिकर हो सकता है।

– वंदना

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