चंडीगढ़: स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग पंजाब द्वारा 25 अगस्त से 8 सितम्बर तक 37वां आँखें दान पखवाड़ा मनाया जा रहा है। हर साल मनाए जाने वाली इस 15 दिवसीय मुहिम में स्वास्थ्य संस्थाओं और अन्य हिस्सेदारों को आँखें दान करने संबंधी जागरूकता फैलाने और नागरिकों को मौत के बाद आँखें दान करने का प्रण लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। अंधापन हमारे देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है।
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वल्र्ड हैल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, मोतियाबिन्द के बाद, कोरनिया की बीमारियाँ (आँख के अगले हिस्से को ढकने वाले टिशू को कोरनिया कहा जाता है) नजऱ के नुकसान और अंधेपन के मुख्य कारण हैं। कोरनिया के नुकसान के कारण नजऱ के नुकसान को कोरनियल ट्रांसप्लांटेशन या केराटोप्लास्टी के तौर पर जानी जाती एक सर्जीकल प्रक्रिया द्वारा ठीक किया जा सकता है, जहाँ खऱाब हुए कोरनिया को दानी आँख से एक सेहतमंद कोरनिया द्वारा बदला जाता है। पंजाब में कुल 13 रजिस्टर्ड आँखों के बैंक और 30 कोरनिया ट्रांसप्लांटेशन केंद्र हैं।
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पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने पंजाब निवासियों से अपील की कि वह आगे आएं और मरने के उपरांत आँखें दान करने का प्रण लें और किसी जरूरतमंद के लिए इस संसार को देखने योग्य बनाने के नेक कार्य में हिस्सा पाएँ। उन्होंने डिजिटल मीडिया समेत मास मीडिया के द्वारा आई.ई.सी.(सूचना, शिक्षा और संचार) के हिस्से को मज़बूत करने की तत्काल ज़रूरत पर ज़ोर दिया, जिसके द्वारा हम आम लोगों को प्रेरित करने के योग्य होंगे और अधिक से अधिक कोरनिया प्राप्त कर सकेंगे।
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डायरैक्टर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पंजाब डॉ. रणजीत सिंह घोतड़ा ने इस पन्दरवाड़े के दौरान की जाने वाली गतिविधियों संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि जागरूकता के द्वारा आँखें दान करने सम्बन्धी भ्रम का पर्दाफाश किया जायेगा। आँखें दान करने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म सभी जि़ला अस्पतालों, सब-डिविजऩ अस्पतालों और विजन सैंटरों में उपलब्ध हैं। इसके अलावा अब लोग वैबसाईट https://nhm.punjab.
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प्रोग्राम अफ़सर N.P.C.B.V.I. (नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लायंडनैस एंड विजुअल इमपेयरमैंट) डॉ. नीती सिंगला ने बताया कि पंजाब के सभी सिविल सर्जनों को आँखों के दान सम्बन्धी जागरूकता पैदा करने के लिए पन्दरवाड़े के दौरान आई.ई.सी गतिविधियाँ आयोजित करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं। इस जागरूकता मुहिम का लक्ष्य सभी कोरनियल नेत्रहीन मरीजों के बैकलॉग को क्लियर करना है। उन्होंने बताया कि चल रही महामारी के बावजूद साल 2021-22 में राज में 835 केरारोप्लास्टी सर्जरियाँ सफलतापूर्वक की गई हैं।