चंडीगढ़, 8 जनवरी:
जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री रजि़या सुलताना ने एक अहम ऐलान करते हुए कहा है कि पंजाब के सभी 35 लाख ग्रामीण घरों को पाईप के द्वारा पानी की सप्लाई का लक्ष्य मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जायेगा। यह लक्ष्य जल जीवन मिशन के अंतर्गत पूरा किया जायेगा। यहाँ पंजाब भवन में प्रैस कॉन्फ्ऱेंस को संबोधन करते हुए उन्होंने बताया कि दिसंबर 2020 तक 66 प्रतिशत ग्रामीण घरों को पाईप के द्वारा पानी की सप्लाई दी जा चुकी है और अगले वर्ष मार्च महीने तक यह दर 100 प्रतिशत कर ली जायेगी। इस वर्ष 2020 में 6 लाख कुनेक्शन दिए गए।
उन्होंने बताया कि कोरोना संकट के बावजूद वर्ष 2020 दौरान पंजाब के तीन जिलों एस.ए.एस.नगर, एस.बी.एस.नगर और रूपनगर में 100 प्रतिशत परिवारों को पाईप के द्वारा पानी की सुविधा का लक्ष्य पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा 14 ब्लॉकों और 4608 गाँवों में भी 100 प्रतिशत पाईप के द्वारा पानी का लक्ष्य पूरा हो चुका है।
एक अहम जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि पंजाब के सभी निजी और सरकारी ग्रामीण स्कूलों में पाईप द्वारा पानी की सप्लाई शिक्षा विभाग की सहायता से मुहैया करवाकर पंजाब ने देशभर में सबसे पहले यह स्थान हासिल किया है। इसके अलावा इन स्कूलों में पाखानों की कमी पूरी करने के लिए जल आपूर्ति विभाग की तरफ से 11 करोड़ रुपए की राशि शिक्षा विभाग को जारी की गई है।
इसी तरह वर्ष 2020 दौरान 124 करोड़ रुपए की लागत से 709 ग्रामीण जल आपूर्ति की नयी स्कीमें मुकम्मल की जा चुकी हैं।
पानी की क्वालिटी से सम्बन्धित प्रयास
रजिय़ा सुलताना ने बताया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली सरकार की तरफ से ग्रामीण लोगों को शुद्ध पानी की सुविधा मुहैया करवाने के लिए विशेष तौर पर ध्यान दिया जा रहा है। जहाँ कहीं पानी के दूषित होने की रिपोर्ट प्राप्त होती है, वहाँ लोगों को वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों के द्वारा पीने वाले साफ़ पानी की सुविधा मुहैया करवाई जाती है। मोगा, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब, अमृतसर, तरन तारन और गुरदासपुर में एसे 11 प्रोजैक्ट चल रहे हैं। इन प्रोजेक्टों के द्वारा 1103 गाँवों के लिए 1249 करोड़ रुपए की लागत से शुद्ध पानी मुहैया करवाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। इसी तरह जो गांव नहरी पानी के साथ कवर नहीं किए जा सकते उनको शुद्ध पानी मुहैया करवाने के लिए अमृतसर, तरन तारन, फिऱोज़पुर, पटियाला, जालंधर, कपूरथला, लुधियाना, एस.बी.एस. नगर और गुरदासपुर के गाँवों को आर्सेनिक और आयरन रिमूवल प्लांट/इंडियूज़ल हाऊस होल्ड यूनिट/आर.ओ. प्लांट के साथ कवर किया जा रहा है। इन प्रोजैक्टों की लागत लगभत 80 करोड़ रूपए है।
उन्होंने बताया कि पानी की गुणवत्ता की जांच करने के लिए राज्य स्तर पर हाईटेक लैबोरेटरी एस.ए.एस. नगर में चल रही है। दो जिलों पटियाला और एस.ए.एस.नगर में मल्टी डिस्ट्रिक लैबोरेटरीज पहले ही काम कर रही हैं। इसी तरह अमृतसर में नयी मल्टीपर्पज़ लैबोरेटरी सितम्बर 2020 में स्थापित हो चुकी है। तीन जिलों होशियारपुर, मोगा और संगरूर में मल्टी डिस्ट्रिक लैबोरेटरीज़ मार्च 2021 तक स्थापित हो जाएंगी। इसके अलावा पंजाब में 24 सब डिस्ट्रिक लैबोरेटरीज पहले ही काम कर रही हैं।
रुरल सेनिटेशन से सम्बन्धित प्रयास
जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ने बताया कि रुरल सेनिटेशन प्रोग्राम अधीन राज्य के 100 प्रतिशत ग्रामीण घरों को निजी पाखानों की सुविधा मुहैया करवाई जा चुकी है। इसके अलावा विभाग की तरफ से ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के सहयोग से राज्य में सॉलिड वेस्ट मैनजमैंट के लिए 81 ग्राम पंचायतों के लिए कुल 3 करोड़ 32 लाख रुपए और लिक्विड वेस्ट के प्रबंधन के लिए 904 ग्राम पंचायतों के लिए कुल 21 करोड़ रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। पंजाब के अलग-अलग गाँवों में 1557 कम्युनिटी सैनीटरी कम्पलैक्सों के निर्माण के लिए कुल 32.70 करोड़ रुपए जारी किये जा चुके हैं।
कोविड -19 के मद्दे नजऱ किये गए कार्य
रजिय़ा सुलताना ने बताया कि विभागीय सेवाओं के अलावा जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग ने कोरोना संकट के दौरान और भी कई शानदार काम किये हैं। उन्होंने बताया कि कोविड-19 दौरान मैडीकल कॉलेज अमृतसर में मैडीकल गैस पाईप लाईन का प्रोजैक्ट रिवाइव करते हुए 200 बैड वाले कोविड वार्ड के लिए ऑक्सीजन का तुरंत प्रबंध करवाया गया। इसके अलावा मरीजों के लिए ख़ास लाँडरी और फायर फायटिंग उपकरणों का प्रबंध भी किया गया। मैडीकल कॉलेज, पटियाला में नयी स्थापित कोविड टेस्टिंग लैब में विभाग की तरफ से पब्लिक हैल्थ सुविधाओं का प्रबंध बहुत कम समय में पूरा करवाया गया। उन्होंने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए लॉकडाउन के दौरान पानी के बिलों की देरी से अदायगी पर सरचार्ज और पनेलिटी से तीन महीने के लिए छूट दी गई।
2021 में शुरू किये जाने वाले अन्य अहम कार्य
जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री ने बताया कि नहरी पानी पर आधारित 4 प्रोजैक्ट फाज़लिका, फिऱोज़पुर और होशियारपुर में शुरू किये जा रहे हैं। इन प्रोजेक्टों से 610 गाँवों को लाभ पहुँचेगा। प्रोजेक्टों की कुल लागत 1249 करोड़ रुपए है। उन्होंने बताया कि नहरी पानी पर आधारित प्रोजैक्टों के अलावा राज्य में 190 करोड़ रुपए की लागत वाली 586 स्कीमों के कार्य आवंटित किये गए हैं, जो कि इस वर्ष में मुकम्मल कर लिए जाएंगे।
इसकेे अलावा 317 करोड़ रुपए की लागत से 1192 स्कीमें मंजूर की जा चुकी हैं। इन स्कीमों के कार्य भी इसी वर्ष मुकम्मल हो जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 में राज्य की खुले में शौच से मुक्त स्थिति को कायम रखने के लिए स्वच्छ भारत मिशन फेज़-2 के अंतर्गत ग्रामीण विकास और पंचायत विभाग के साथ मिलकर 7 ब्लॉकों में ठोस और तरल कचरे का प्रबंधन मुकम्मल तौर पर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 के दौरान आनन्दपुर साहिब शहर की सिवरेज स्कीम का 7.69 करोड़ रुपए की लागत से अपग्रेडशन किया जाएगा। फरीदकोट शहर की वॉटर सप्लाई स्कीम जो कि वर्ष 1974 में बनाई गई थी, के नवीनीकरण के पहले चरण का कार्य 8 करोड़ रुपए की लागत से इस वर्ष शुरू किया जायेगा।
-NAV GILL