विधानसभा में पेश पंजाब बजट 2020-21 की समूची जानकारी

-वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने किया बजट पेश

चंडीगढ़ :

वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने विधानसभा में राज्य सरकार का चौथा बजट पेश किया। उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को संबोधित करते हुए 2020-21 के बजट की विस्तार से जानकारी दी। सदम में कैप्टन अमरिंदर सिंह जी के नेतृत्व वाली सरकार का चैथा बजट पेश करना मेरे लिए गौरव की बात है। तीन वर्ष पहले, जब मैं आपके समक्ष यहां खड़ा हुआ था, तब मेरे मन में निराशा थी, मनोदशा गमगीन थी और माहौल गंभीर था। एक दशक के वित्तीय कुप्रबंधन एवं फिजूलखर्ची ने आर्थिक उथल-पुथल, अफरा तफरी एवं अव्यवस्था पैदा कर दी थी। सरल शब्दों में कहा जाए तो राज्य की वित्तीय प्रणाली बेहद खराब थी। इस सदन को यह बताना मेरे लिए बहुत गौरवशाली बात है कि मुख्यमंत्री, कैप्टन अमरिंदर सिंह जी की रहनुमाई वाली कांग्रेस सरकार पंजाब की वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने की अपनी वचनबद्धता पर खरा उतरने में सफल रही है। पंजाब की वह ऐतिहासिक शान कायम रहनी चाहिए।
15वें वित्त आयोग ने वित्तीय वर्ष 2020-21 की अपनी पहली रिपोर्ट में करों कि शुद्ध आमदन की सुपुर्दगी में 1.788 फीसद के हिस्से की बढ़ोतरी की सिफारिश की है। जो 14वें वित्त आयोग 2015-20 की अवधि के दौरान 1.577 फी,द थी। पंजाब सरकार 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एवं सदस्यों को, उनकी तरफ से राज्य के विचारों के प्रति नरमी से विचार करने एवं राज्य के लिए सिफारिशें करने के लिए हार्दिक धन्यवाद करती है। भारत सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए 15वें वित्त आयोग की इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है।
तीन वर्ष पहले की कामनाओं के मुकाबले अब राज्य का वित्त उचित मार्ग पर है। वर्ष 2010 के मुकाबले वर्ष 2020 में पंजाब के सभी वित्तीय सूचक अच्छी स्थिति में है। अब वित्तीय स्थिति नियंत्रण अधीन है। अगले दो वर्षो मे पंजाबियों के जीवन में बहुत बड़ा सुधार देखने को मिलेगा। इस सरकार के दृढ़ प्रयासों से स्पष्ट है, हमने न केवल प्रमुख राजकोषीय संकेतकों में सुधार किया है, बल्कि राजकोषीय प्रबंधन में एक संस्कृतिक का समावेश भी किया है। मैं इस सदन के सदस्यों को याद दिलाना चाहूंगा कि इस सरकार को वास्तविक रूप में एक खाली खजाना मिला था। भारतीय रिजर्व बैंक एक राज्य के खजाने को उस समय बंद कर देता है जब वह 5 दिनों तक लगातार डबल ओवरड्राफ्ट की स्थिति में रहता है। मुझे यह जिक्र करना चाहिए कि राज्य का खजाना वर्ष 2014-15 में 25 दिनों वर्ष 2015-16 में 7 दिनों और वर्ष 2016-17 में 16 दिनों के लिए डबल ओवरड्राफट की स्थिति में रहा। मैं बहुत विनम्रपूर्वक इस सदन को सूचित करूंगा कि इस सरकार के गत तीन वर्षो में हमें एक दिन के लिए भी डबल ओवरड्राफट में जाने की स्थिति का सामना नही करना पड़ा हैं।
उपाय और साधन अग्रिम और ओवरड्राफ्ट के दिनों को कम करके, राज्य वर्ष 2017-18 में लगभग 10.75 करोड़ रूपये, वर्ष 2018-19 में 21.70 करोड़ रूपये और वर्ष 2019-20 में 20.00 करोड़ रूपये के ब्याज भुगतान को बचाने में सक्षम रहा है (जैसा कि 23.02.2020 को)। इसके अतिरिक्त, सक्रिय ऋण प्रबंधन के माध्यम से, राज्य परिर्वतनीय कार्यकाल और प्रतिभूतियों के पुनः प्राप्ति के साथ बाजार में आकर 7.50 करोड रूपये की बचत कर सका।
सिर्फ लंबी अवधि के सी.सी.एल ऋण के कारण, राज्य मार्च 2020 तक 10,530 करोड़ रूपये तक की भारी रकम का भुगतान कर चुका होगा।
-पांच करोड़ रूपये प्रति किलोमीटर की लागत से दो 4-लेन राजमार्ग (पंजाब पठानकोट-शंभू और चण्डीगढ-अबोहर 250 मिलोमीटर), अर्थात 2,500 करोड़ रूपये।
– 400 करोड़ रूपये की लगात से 3 नए मैडिकल काॅलेज बनाने के लिए 1,200 करोड़ रूपये।
-प्रत्येक जिले में 40 करोड़ रूपये की लागत से 100 बेड वाला एक नया अस्पताल, अर्थात 900 करोड़ रूपये।
-प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 1 करोड़ रूपये की लागत से 5 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पी.एच.सी.), अर्थात 600 करोड़ रूपये।
-प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में 15 करोड़ रूपये की लागत से एक नया सीनियर सेकेंडरी स्कूल, अर्थात 1,800 करोड़ रूपये।
-निर्वाचन क्षेत्र में 5 करोड़ रूपये की लगात से 1 नया आई.टी.आई, अर्थात 600 करोड़ रूपये।
-1,000 करोड़ रूपये की लागत से 500 एकड़ भूमि वाले, 2 नए इंडस्ट्रियल पार्क, अर्थात 2,000 करोड़ रूपये।
-पंजाब के किसानो की आय को बढ़ाने के लिए कृषि अनुसंधान, तकनीकी नवाचार और विविधीकरण के लिए 1,000 करोड़ रूपये का समर्पित कार्पस फंड।
-57,358 करोड़ रूपये के कुल बोझ का केवल 1/6 हिस्सा है जिसे प्रत्येक पंजाबी को सितम्बर 2034 तक के लिए अदा करना होगा। जरा कल्पना कीजिए, अगर यह समझौता गत सरकार द्वारा हस्ताक्षरित नहीं किया गया होता तो हम उपरोक्त बुनियादी ढांचे का छः गुना खड़ा कर सकते थे।

वित्तीय रोडमैप
देश में व्याप्त आर्थिक मंदी से हम सभी वाकिफ है। हालांकि, राज्यों की अर्थव्यवस्था की संरचना को देखते हुऐ, हमारे अग्रिम अनुमानों से संकेत मिलता है कि वर्ष 2019-20 के दौरान, राज्य की जी.एस.डी.पी. वर्ष 2018-19 में 5,21,861 करोड़ से बढ़कर वर्तमान कीमतों पर 5,74,760 करोड़ हो गई है। मुझे आशा है कि इस सरकार की प्रगतिशील नीतियों के परिणामस्वरूप, वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य की जी.एस.डी.पी. बढ़कर 6,44,326 करोड़ रूपये हो जाएगी। राज्य की प्रति व्यक्ति आय भी वर्ष 2018-19 में 1,54,996 रूपये से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 1,66,830 रूपये हो गई है और यह 1,35,050 के राष्ट्रीय औसत से 23.53 फीसद अधिक है।
18. राज्य की बेहतर हों रही वित्तीय स्थिति के परिणामस्वरूप, इस वर्ष हमने अनुमान लगाया है कि राज्य के कुल राजस्व प्राप्तियों का अनुमान वर्ष 2019-20 (संशोधित अनुमान) में 73,975 करोड़ रूपये से बढ़कर वर्ष 2020-21 (बजट अनुमान) में 88,004 करोड़ रूपये हो जाएगा, जो कि 18.96 फीसद की वृद्धि है। इसी अवधि कि दौरान अपना कर राजस्व (ओ.टी.आर.) को वर्ष 2019-20 में (संशोधित अनुमान) 33,739 करोड़ रूपये से बढ़ाकर वर्ष 2020-21 में (बजट अनुमान) में 35,824 करोड़ रूपये है। यह मेरी सरकार के प्रयासों और ईमानदारी का नतीजा है कि राष्ट्र में आर्थिक संकट के बावजूद हमारे राजस्व प्राप्तियों में वर्ष 2019-20 में 18.80 फीसद की वृद्धि हुई और वर्ष 2020-21 में 18.96 फीसद और अधिक वृद्धि होने की उम्मीद है।
सरकार का यह कर्तव्य है कि मांग और उपभोगता को बढ़ाने के लिए मंदी के समय सार्वजनिक व्यय और निवेश को बढ़ाए। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुये, राज्य का कुल व्यय वर्ष 2020-21 (बजट अनुमान) के लिए 1,54,805 करोड़ रूपये अनुमानित किया गया है। कुल व्यय के विश्लेषण से पता चलता है कि राज्य के राजस्व व्यय के वर्ष 2019-20 (संशोधित अनुमान) में 86,602 करोड़ रूपये से बढ़कर वर्ष 2020-21 (बजट अनुमान) में 95,716 करोड़ रूपये होने की उम्मीद है, जो 10.52 फीसद की वृद्धि है। इसी अवधि के दौरान वेतन, उजरत और अनुदान-सहायता (वेतन) पर व्यय 25,449 करोड़ रूपये से बढ़कर 27,639 करोड़ रूपये हो जाने की संभावना है और पेंशन की अदायगी की रकम 10,213 करोड़ रूपये से बढ़कर 12,267 करोड रूपये होने की संभावना है। जो क्रमशः 8.61 फीसद और 20.11 फीसद की वृद्धि है।
-प्राप्तियों, व्यय और प्रतिबद्ध देनदारियों में रूझानों की दी गई परिस्थितियों का समग्र दृष्टिकोण लेते हुये, मैं वर्ष 2020-21 (बजट अनुमान) में राजस्व घाटे को जी.एस.डी.पी. को 1.2 फीसद पर सीमित रख सका हूं।
हमारी विशाल चुनौतियों के बावजूद हम वित्तीय घाटे को इन वर्षो के 4.96 फीसद और 3.81 फीसद के बजट अनुमान के मुकाबले वर्ष 2017-18 में 2.61 फीसद और वर्ष 2018-19 में 3.08 फीसद बनाए रखनें में सफल रहें हैं।
-राजकोषीय वसूली के प्रक्षेप पथ पर हमारे होने का एक अन्य महत्वपूर्ण संकेत और हमारी यह वित्तीय निष्पक्षता और जवाबदेही के वायदे के अनुरूप था। मैंने इस सदन को सूचित किया था कि हमारे बजट अनुमानों में वर्ष 2017-18 में 10,273 करोड़ रूपये का फंडिंग गैप था। वर्ष 2018-19 में 4,175 करोड़ रूपये और वर्ष 2019-20 में 2,323 करोड़ रूपये फंडिंग गैप था। मुझे यह बताते हुये खुशी हो रही है कि राजकोषीय विवेक के सम्बन्ध मे हमारे निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप, वर्ष 2020-21 के लिए माली घाटे का अनुमान 2.92 फीसद है, जो पंजाब राजकोषीय जिम्मेदारी और बजट प्रबंधन (एफ.आर.बी.एम.) अधिनियम, 2003 के तहत निर्धारित 3 फीसद की सीमा के भीतर है। और इस प्रकार 3 वर्ष के भीतर हम वापस सही मार्ग पर आ गए हैं और ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं, जहां वर्ष 2020-21 के लिए कोई फंडिंग गैप नहीं है। मुझे यह बताते हुये खुशी महसूस हो रही है कि आने वाले वित्तीय वर्ष के दौरान हमारी सरकार ने पूंजीगत खर्च 10,280 करोड़ रूपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है, जो कि 2019-20 (संशोधित अनुमान) में केवल 4,013 करोड़ रूपये (उदय के प्रभाव से मुक्त) था और इस बढ़ाये गये पूंजीगत खर्च से रोजगार और खर्च को उत्साह मिलेगा, जो कि राज्य की आर्थिकता के ऊपर जरूरी प्रभाव डालेगी।

ऋण स्थिति
गत दो वर्षों में राज्य के कुल राजस्व प्राप्तियों में सुधार के साथ, कुल राजस्व प्राप्तियों के लिए ब्याज भुगतान का अनुपात वर्ष 2017-18 में 28.93फीसद से घटकर वर्ष 2018-19 में 26.19 फीसद हो गया है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2019-20 (संशोधित अनुमान) और वर्ष 2020-21 (बजट अनुमान) के लिए, यह अनुपात क्रमशः 23.82 फीसद और 21.68 फीसद होने की उम्मीद है। बेशक, यह अत्यधिक उच्च ब्याज बोझ राज्य के अनमोल संसाधनों पर एक निरंतर बोझ बना रहता है।
-31-3-2020 तक राज्य का कुल बकाया ऋण 2,28,906 करोड़ रूपये अनुमानित हैं जो वर्ष 2019-20 (संशोधित अनुमान) के लिए जी.एस.डी.पी. का 39.83 फीसद है। और वर्ष 2020-21 (बजट अनुमान) बकाया ऋण 2,48,236 करोड़ रूपये हो जाने की संभावना है जो जी.एस.डी.पी. का 38.53 फीसद है। इस प्रकार, हम विरासत में प्राप्त ऋण और जी.एस.डी.पी. अनुपात को लगातार कम करने में सक्षम है, जो कि वर्ष 2016-17 में 42.75 फीसद मिला था जो कि वर्ष 2017-18 में कम हो कर 40.77 फीसद रह गया था। और वर्ष 2018-19 में 40.61 फीसद तक कम रह गया है। आगे वर्ष 2019-20 (संशोधित अनुमान) के लिए यह अनुपात 39.83 फीसद होने की संभावना है और वर्ष 2020-21 (बजट अनुमान) के लिए हम इसे 38.53 फीसद तक और कम करने की उम्मीद करते हैं।
25. कुल राजस्व प्राप्तियों के बकाया ऋण का प्रतिशत वर्ष 2017-18 में 368.15 फीसद से घटकर वर्ष 2018-19 में 340.32 फीसद हो गया है। वर्ष 2019-20 (संशोधित अनुमान) में 309.44 फीसद और वर्ष 2020-21 में 282.07 फीसद पर अनुमानित है।

वित्त मंत्री बादल ने कहा कि मैं विभिन्न क्षेत्रों में हमारे द्वारा उठाए जा रहे कदमों का एक सारांश पेश करूं।  हमारी सरकार ने कृषि और सम्बंधित गतिविधियों के कल्याण और विकास के प्रति अपनी वचनबद्धता के अनुसरण में कृषि और सम्बन्धित क्षेत्र के लिए 12,526 करोड़ रुपए के बजटीय आवंटन का प्रस्ताव किया है। इसी प्रकार, क्रमशः शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों के लिए 13,092 करोड़ रुपये और 4,675 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित किया गया है। सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यकों और सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास के लिए क्रमशः 901 करोड रुपये और 3,498 करोड रु़पये बांटने का आवंटन प्रदान किया गया है और खेल और युवा सेवाओं के लिए 270 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, हमारे ग्रामीण और शहरी बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए आवंटन क्रमशः 3,830 करोड़ रुपये और 5,026 करोड़ रुपये है। जबकि सड़कों और ढ़ांचे के लिए 2,276 करोड़ रुपये और जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए भी 2,029 करोड़ रूपये और 2,510 करोड़ रूपये जल संसाधन के लिए मुहैया करवाए गए है।

किसान कल्याण
पंजाब, जो भारत की कृषि की रीढ़ की हड्डी है, देश में अकेले गेहूं का 19 फीसद, चावल का 11 फीसद, कपास का 5 फीसद, दूध का 10 फीसद, शहद का 20 फीसद और मशरूम के 48 फीसद उत्पादन का योगदान देता है। सरकार के इसी खरीद सत्र के मुकाबले अप्रैल 2017 से खाद्यान्न की सरकारी खरीद से किसानों का कुल पारिश्रमिक लगभग 44,000 करोड़ रुपये बढ़ गया है। इसके अतिरिक्त, मार्च 2017 में सरकार द्वारा खाद्यान्न की बिक्री के माध्यम से किसानों की आय में 35 फीसद से अधिक की वृद्धि हुई है।
हमारी सरकार ने कृषि उत्पादन को आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं और इन ठोस प्रयासों के परिणामस्वरूप राज्य ने धान की 199.65 लाख मिट्रिक टन का रिकॉर्ड उत्पादन 65.16 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उच्चतम उत्पादकता से देखने को मिली है। इसके अतिरिक्त, छिलके वाले अनाज का उत्पादन वर्ष 2016-17 में 30.75 मिलियन टन से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 31.7 मिलियन टन हो गया है। परिणामस्वरूप पंजाब राज्य को वर्ष 2017-18 के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार भी प्राप्त किया है। हम गुरदासपुर और बलाचैर (एस.बी.एस. नगर) में 2 नए कृषि महाविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव रखते हैं। इस उद्देश्य के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 14 करोड़ रुपए का प्रारंभिक आवंटन प्रदान किया जा रहा है। संकटग्रस्त किसानों के समर्थन की अपनी प्रतिबद्धता में कृषि क्षेत्र में निशुल्क बिजली की आपूर्ति के अपने एक और वायदे को पूरा किया है। इस उद्देश्य के लिए वर्ष 2020-21 में 8,275 करोड़ रुपए के आवंटन का प्रस्ताव रखा है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर.के.वी.वाई.) को कृषि-जलवायु स्थिति, प्राकृतिक संसाधनों और प्रौद्योगिकी पर विचार करने और कृषि और संबद्ध सेवाओं के अधिक समावेशी और एकीकृत विकास को सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान इस योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
रामपुरा फूल में एक नया पशु चिकित्सा महाविद्यालय 92 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया गया है और वर्ष 2019-20 में 80 छात्रों के पहले बैच को भर्ती कर ली गई है। वर्ष 2020-21 में पी.एम.के.एस.वाई. के लिए
141 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। किसानों को विविध फसलों की खेती के लिए प्रेरित करने और पानी के उपयोग में दक्षता में सुधार लाने और सब्सिडी वितरण में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से “पानी बचाओ पैसे कमाओं” योजना के बैनर तले कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली के प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डी.बी.टी.ई.) की एक पायलट परियोजना 6 फीडरों पर शुरू की गई है और 221 किसानों ने पहले ही इस योजना के तहत नामांकन कर लिया है। वर्ष 2020-21 के दौरान 244 फीडरों को कवर करने के लिए योजना का विस्तार किया जा रहा है। इस उद्देश्य के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 40 करोड़ रुपये का आवंटन प्रदान किया गया है। नहर के आउटलेट से सिंचाई के पानी के इष्टतम उपयोग के लिए, सामुदायिक भूमिगत पाइपलाइन परियोजनाओं के लिए 90 फीसद सहायता प्रदान की जा रही है। व्यक्तिगत किसानों को भूमिगत पाइपलाइन परियोजनाओं के लिए 50 फीसद सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत 4,94,083 हेक्टेयर क्षेत्र को लाभान्वित करते हुए 46,937 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई है। इस योजना के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 100 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव रखता हूं। सरकार इस वित्तीय वर्ष के अन्त तक कृषि क्षेत्र में 11,371 सौर पंप लगाएगी। आगामी 3 वर्षो के दौरान 12,000 ओर सौर पंप लगाये जायेंगे। पंजाब में वार्षिक 65 बिलियन क्यूबिक मीटर से अधिक पानी का उपयोग किया जाता है, जिसका प्रमुख हिस्सा धान के उत्पादन के लिए उपयोग किया जाता है। भू-जल स्तर प्रति वर्ष 49 सेंटीमीटर की दर से घट रहा है। राज्य के 138 ब्लॉकों में से 109 ब्लॉक भू-जल उपयोग के मामले में अति-शोषित हैं, 2 गंभीर हैं और 5 अन्य अर्ध-गंभीर श्रेणी में आते हैं। कई जिलों के नलकूपों के माध्यम से पानी का ड्राफ्ट बहुत अधिक है, अर्थात संगरूर (260 फीसद), पटियाला (217 फीसद), जालंधर (239 फीसद), कपूरथला (224 फीसद)। केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण की ‘‘सैन्ट्रल ग्राऊंड वाटर अथाॅरटी‘‘ के अनुसार, पंजाब में भू-जल का निष्कर्षण 165 फीसद है।
वर्ष 2019-20 के दौरान बासमती के 6.29 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को बोया गया है। संवेदनशील ब्लाॅकों में 18,000 हेक्टेयर को मक्के की फसल के अधीन लाया गया है। इसके अतिरिक्त कपास का रकबा भी बढ़कर 3.92 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि सब्जियों की फसल का रकबा गत दो वर्षों के दौरान लगातार 4.95 फीसद,  5.42 फीसद की दर से निरंतर बढ़ोतरी हुई है। किन्नू का रकबा बढ़कर 53 हजार हेक्टेयर हो गया है और अमरूद का रकबा भी बढ़कर 9.1 हजार हेक्टेयर हो गया है।
सरकार किसानों को विशेष रूप से मक्का उगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक उपयुक्त प्रोत्साहन योजना को अधिसूचित करेगी। बजट में फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए 200 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव रखता हूं। राज्य के कृषि क्षेत्र के कुल घरेलू उत्पाद मे 12.43 फीसद का योग दान दे रही है। जो राज्य के कुल फसली क्षेत्र केवल 4.83 फीसद हिस्सा है। सरकार ने बागवानी, उत्पादन और खाद्य प्रसंस्करण के विपणन पर विशेष जोर दे रही है।। चार नए एस्टेट यानी वेरका (अमृतसर) में नाशपाती एस्टेट, सुजानपुर (पठानकोट) में लीची एस्टेट, वजीदपुर (पटियाला) में अमरूद एस्टेट और कोटकपुरा (फरीदकोट) में बागवानी एस्टेट स्थापित किए जा रहे हैं। पंजाब की स्थितियों के लिए उपयुक्त नवीनतम फ्लोरीकल्चर तकनीकों का मानकीकरण और प्रदर्शन करने के लिए इंडो-डच कार्य योजना के तहत फ्लोरीकल्चर के सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना का कार्य दोराहा (लुधियाना) में जारी है।
फूड प्रोसेसिंग उद्योग
सरकार की प्रगतिशील नीतियों के कारण, अकेले फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में 3,839 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ 166 परियोजना आवेदन प्राप्त हुए हैं। सरकार ने 125 करोड़ रुपये के निवेश के साथ लाडोवाल, लुधियाना में एक मेगा फूड पार्क की स्थापना की है। अब तक 110 करोड़ रुपये के निवेश के साथ, 9 कंपनिया/कॉरपोरेट हाऊस जिनमें गोदरेज, टायसन फूड्स, इस्कॉन बालाजी फूड्स, भारती डेल मोन्टे आदि ने अपनी इकाइयां स्थापित की हैं।

-राज्य के ऋण में डूबे किसानों को राहत देने के अपने वचन को निभाया है। ऋण माफी योजना के तहत सभी छोटे और लघु किसानों (5 एकड़ तक) के 2 लाख रुपये तक के पूरे फसली ऋणों को माफ किया है। इस संबंध में अगले चरण के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान विशेष रूप से बे-जमीने एवं कृषि श्रमिकों के ऋणों को माफ करने के लिए 520 करोड़ रूपये समेत कुल 2,000 करोड़ रुपये का आवंटन प्रदान किया जा रहा है। गड़वासु, लुधियाना के घटक कॉलेज के रूप में एक वेटनरी कालेज एंड रीजनल रिसर्च सेंटर, ग्राम सपांवाली, जिला फाजिल्का में 62 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित किया जाएगा। वर्ष 2020-21 के दौरान इस उद्देश्य लिए 10 करोड़ रुपये की आरंभिक राशि आरक्षित की गई है। तरनतारन जिले में 20 करोड़ रुपये की लागत से भैंस अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जा रहा है। और इसके दिसंबर 2020 तक मुकम्मल होने की उम्मीद है।
2020-21 के दौरान डेयरी उत्पादन को 7 फीसद तक बढ़ाने का इरादा रखते हैं। जिससे 400 लाख लीटर का दैनिक उत्पादन और लगभग 250 लाख लीटर दूध मार्किटिंग के लिए सरप्लस होगा। वर्ष 2018-19 के दौरान औसतन 16.40 लाख किलोग्राम दूध प्रतिदिन खरीदा गया। बस्सी पठाना में वेरका मेगा डेयरी परियोजना इस वर्ष के अंत तक पूरी हो जाएगी और यह प्रतिदिन एक मिलियन लीटर दूध की प्रोसेसिंग करेगा। इस परियोजना को वर्ष 2020-21 में पूरा करने के लिए 41 करोड़ रुपये की राशि मुहैया करवाई जा रही है। जालंधर में 35 करोड़ रुपये की लागत से एक नया पाउडर
संयंत्र का भी अनावरण किया है। यह संयंत्र 2.5 लाख लीटर दूध को मिल्क पाउडर में बदलने में सक्षम होगा। कपूरथला में 13 करोड़ रुपये की लागत से एक नया कैटल फीड प्लांट स्थापित किया जा रहा है। आवारा पशुओं को संभालने और रखने के उद्देश्य से राज्य भर में पशु बाड़ों के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए इस वर्ष 25 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है। जिला मानसा के गांव अलीशेर खुर्द में एक सरकारी मछली पूंग फार्म स्थापित किया गया है। नशा को रोकने के लिए राज्य के सभी जिलों में 193 ओ.ओ.ए.टी क्लीनिक अब कार्यशील हैं। जल्दी ही अन्य 25 ओ.ओ.ए.टी. क्लीनिकों को कार्यशील किया जाएगा।
-वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य में 270 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ खेल संस्कृति को प्रोत्साहन दिया जाए। राज्य में एस्ट्रोटर्फ और सिंथेटिक ट्रैक और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के कोर्ट भी खिलाड़ियों के लिए उपलब्ध करवाए जाएंगे। 2020-21 के दौरान 35 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव रखता हूं। युवाओं को मुफ्त स्मार्ट मोबाइल फोन योजना के तहत 10 लाख स्मार्ट फोन युवाओ को वितरित करने का वादा किया था। चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण बोली लगाने वाली कंपनी द्वारा स्मार्ट फोन की आपूर्ति रोक दी गई है। हमें उम्मीद है कि अप्रैल 2020 से स्मार्टफोन की डिलीवरी शुरू हो जाएगी। स्मार्टफोन के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। स्नातक स्तर पर प्रवेश देकर पंजाब के युवाओं की आर्मड फोर्स में दाखिला देने के लिए मदद करने के लिए होशियारपुर में एक आर्मड फोर्स प्रेपेटरी इंस्टीचियूट स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। वर्ष 2020-21 के दौरान 11 करोड़ रुपये की राशि आरक्षित की गई है। पिछले ढाई वर्षों के दौरान लगभग 2 लाख लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर शामिल हैं। सरकार ने उद्योग की मांगों को पूरा करने के लिए 1,000 एकड़ से अधिक के साथ 3 मेगा औद्योगिक पार्क विकसित करने की योजना बनाई है। वस्त्र उद्योग पर विशेष जोर देने वाला लुधियाना औद्योगिक पार्क लुधियाना के मत्तेवाड़ा के पास विकसित किया जाएगा। बठिंडा में ग्रीन इण्डस्ट्री पर विशेष जोर देते हुये एक औद्योगिक पार्क विकसित किया जाएगा। इसी प्रकार, राजपुरा के पास अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे पर एक एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर विकसित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, वजीराबाद, जिला फतेहगढ़ साहिब की पंचायत की विनती पर 125 एकड़ के क्षेत्र में दवा इकाइयों पर विशेष जोर देने वाला एक औद्योगिक पार्क विकसित किया जाएगा। सरकार का इरादा पठानकोट, अमृतसर (नया), गोइंदवाल साहिब और चनालों, होशियारपुर, नवांशहर, बटाला, कोटकपुरा, नाभा (पुराना), मोगा, संगरूर, खन्ना और डेराबस्सी में 131 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ औद्योगिक फोकल पॉइंट्स के बुनियादी ढांचे के उन्नयन का भी है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए 100 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ स्वदेश दर्शन योजना के तहत महत्वपूर्ण प्रमुख परियोजनाओं को लागू किए जाने का प्रस्ताव है । और एशियन विकास बैंक की सहायता आई.डी.आई.पी.टी. प्रोजेक्ट के तहत 124 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है। राज्य में पर्यटन क्षेत्र को और बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 447 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव रखता हूं। पटियाला में एक हेरिटेज स्ट्रीट के निर्माण के लिए पटियाला विकास प्राधिकरण को सहायता के रूप में 25 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव है।12 अप्रैल 2020 से शुरू होने वाले व वर्ष भर श्री गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व मनाने के लिए सरकार के फैसले की घोषणा की है।  इसके लिए 25 करोड़ रुपये के शुरुआती आवंटन का प्रस्ताव रखता हूं। पर्व को मनाने के लिए श्री आनंदपुर साहिब (रोपड़) से बंगा (नवांशहर) तक एक समर्पित ‘गुरु तेग बहादुर मार्ग‘ यानी एक उच्च गति 4 लेन वाली 54.50 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण लोक निर्माण विभाग की देखरेख में किया जाएगा। इको-टूरिज्म पर्यटकों को आकर्षित करने का बहुत बड़ा महत्व रखता है। सरकार ने वर्ष 2020-21 में 15 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन प्रदान किया गया है। किसी भी जाति की विधवाओं की बेटियों को उनकी शादी के समय 21,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 165 करोड़ रुपये आरक्षित का प्रस्ताव रखता हूं। 0-6 वर्ष के बच्चे, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बच्चों की पोषण स्थिति में सुधार के लिए 65 करोड़ रुपये का आवंटन प्रदान किया गया है। राज्य सरकार वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए हर जिले में वृद्धाश्रम स्थापित करेगी। इस उद्देश्य के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 5 करोड़ रुपये के आंरभिक आवंटन का प्रस्ताव है। पूर्व सैनिकों, युद्ध-विधवाओं, विश्व युद्ध के दिग्गजों, विकलांग सैनिकों और उनके आश्रितों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2020-21 के लिए, रक्षा सेवा कल्याण के लिए 127 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। पूर्व स्वतंत्रता से भूतपूर्व सैनिको और उनकी विधवाओं को दी जाती मासिक वित्तीय सहायता को भी दिनांक 1.4.2020 से 6,000 रूपये प्रति महीना बढ़ाने का प्रस्ताव रखता हूं। प्रधानमंत्री श्रम योगी मन धन योजना (पी.एम.एस.वाई.एम.) के अनुकुल उनके जीवन साथियों को 1,500 रूपये प्रति मास वित्तीय सहायता देने का फैसला किया है।

पंजाब के गांवों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सक्षम वातावरण प्रदान करने हेतू 18,570 कार्यों जैसे कि तालाबों, स्ट्रीट लाइटों, पार्कों, व्यायामशालाओं, सामुदायिक हॉल, पेयजल आपूर्ति, मॉडल आंगनवाड़ी केंद्रों, स्मार्ट स्कूलों और ठोस अवशिष्ट प्रबंधन के नवीनीकरण को मंजूरी दी गई। इनमें से 4,768 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। आगामी दो वर्षों के लिए 3,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। जालन्धर जिलें में गांव बल्ला की पहुंच सड़कों एवं आसपास के सुन्दरीकरण के लिए 5 करोड़ रूपये के विशेष आरक्षण का प्रस्ताव रखता हूूं।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ररबन मिशन हमारे ग्रामीण क्षेत्रों को सामाजिक, आर्थिक और भौतिक रूप से स्थायी क्षेत्रों में संतुलित क्षेत्रीय विकास के लिए एक प्रयास है। पंजाब को 7 जिलों में 8 समूह कलस्टर अलाॅट किए गए है, अर्थात बठिंडा (जलाल और ढपाली), अमृतसर (हर्षा छिन्ना), लुधियाना (धांदरा), फतेहगढ़ साहिब (संघोल), होशियारपुर (संसारपुर), तरनतारन (चोहला साहिब) और गुरदासपुर (फतेहगढ़ चूड़ियां)। इस मिशन के लिए वर्ष 2020-21 के लिए 90 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में ‘अर्ध-पक्के घरों‘ के मालिकों को ‘पक्का घरों‘ के रूप में अपग्रेड करने के लिए अनुदान प्रदान करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। सरकार का इरादा 10,000 लाभार्थियों को शामिल करना है। जिनके ‘अर्ध-स्थायी घर‘ प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत नहीं आते हैं। इस उद्देश्य के लिए, वर्ष 2020-21 के दौरान 500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है।
कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं के लिए पास प्रतिशत निजी स्कूलों में 79.51 फीसद और 83.69 फीसद के मुकाबले सरकारी स्कूलों में पास प्रतिशत 88.21ः और 88.14 फीसद था। स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, वर्ष 2020-21 के लिए 12,488 करोड़ रुपये का आवंटन प्रदान किया गया है जो कि कुल व्यय का 8 फीसद है। यह वर्ष 2016-17 में इस क्षेत्र के लिए बजटीय आवंटन से 23 फीसद अधिक है। इस सत्र दौरान 4,150 अधिक क्लास रूमों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रूपये की राशि आवंटन का प्रस्ताव है। लुधियाना जिलें में किदवई नगर में एक नये सरकारी सीनीयर सैकेंजरी स्कूल के निर्माण के लिए तीन करोड़ रूपये एवं एस.वी.एस. नगर में सरकारी सीनीयर सैकेण्डरी स्कूल में एक नये ब्लाॅक के निर्माण के लिए 5 करोड़ रूपये के आरक्षण का प्रस्ताव करता हूं। राज्य सरकार अपने पहले चरण में 259 सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूलों में 10 किलोवाट के सोलर प्लांट लगाने का इरादा रखती है और दूसरे चरण में 621 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को दूसरे पड़ाव मे कवर किया जाएगा। सरकारी स्कूलों में लड़कियों को सैनिटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वर्ष 2020-21 के लिए इस उद्देश्य के लिए 13 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। छात्रों के लिए मुफ्त परिवहन सुविधा के लिए वर्ष 2020-21 में 10 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव करता हूं। सभी सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए 25 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है। सरकार 8वीं कक्षा तक के सभी छात्रों को और 10 प्लस 2 कक्षा तक की छात्राओं को मुफ्त शिक्षा प्रदान कर रही है। दो राज्य विश्वविद्यालयों में अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए 150 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। सरकारी कॉलेज होशियारपुर, पटियाला, संगरूर, कपूरथला, मलेरकोटला एवं अमृतसर में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 5 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित है। वर्ष 2020-21 के दौरान न्यू डिग्री कॉलेजों के निर्माण के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 2020-21 के दौरान नए गर्ल्स हॉस्टल के निर्माण के लिए 15 करोड़ रुपये की राशि प्रदान करते हुए। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के प्रयासों का समर्थन करने का प्रस्ताव रखता हूं ।
राज्य सरकार ने गुरू नानक देव विश्वविद्यालय, पंजाबी विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, प्राईवेट एडेड कॉलेज, सरकारी आर्ट कॉलेज, सरकारी पेशेवर कॉलेज, संस्कृत महाविद्यालय जैसे विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के लिए वर्ष 2019-20 के दौरान 596.53 करोड़ रुपये की अनुदान राशि जारी की है। पटियाला में जगत गुरु नानक देव पंजाब स्टेट ओपन विश्वविद्यालय और तरनतारन जिले में एक नया श्री गुरु तेग बहादुर स्टेट लाॅ विश्वविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है।
सरकार ने वर्ष 2020-21 के दौरान 75 करोड़ रुपये की प्रारंभिक लागत के साथ 19 नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आई.टी.आई.) स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। जिला फतेहगढ़ साहिब (भगड़ाना), फिरोजपुर (टिब्बीकलां), मानसा (ढैपई), मोहाली (त्रिपडी), एस.बी.एस.नगर (साहिबा), रोपड़ (रसूलपुरा), तरनतारन (मनणके) और गुरदासपुर (चीमा खुड़ी) में जमीन के अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अमृतसर (रामतीर्थ), बठिंडा (मेहराज), लुधियाना (रायकोट, माछीवाडा और लोडूवाल), पटियाला (घनौर और पातड़ां), जालन्धर (लौहियां), गुरदासपुर (दीनानगर), रोपड़ (कीरतपुर साहिब) और फतेहगढ़ (अमलोह) अन्य के शेष जिलों में भूमि तबदीली के हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है।
157. इसके अतिरिक्त, मैं वर्तमान वर्ष के दौरान बटाला, अमृतसर, होशियारपुर, जी.टी.बी. गढ़ (मोगा) और पटियाला में सरकारी पॉलिटेक्निक कालेजों के बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए 41 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव करना चाहूंगा।
158. छात्रों की रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए सॉफ्ट स्किल्स, कम्युनिकेशन स्किल्स आदि का प्रशिक्षण देने वाले फिनिशिंग स्कूलों की स्थापना के लिए वर्ष 2020-21 में एक आरंभिक प्रोजेक्ट सरकारी पॉलिटेक्निक प्रस्तावित है, जिसके लिए उपयुक्त आवंटन प्रदान किया गया है। सरकार इस वर्ष 15 करोड़ रुपये की लागत से राज्य के सभी जिला अस्पतालों में आई.सी.यूज़ स्थापित करेगी। खरड़, फगवाड़ा, जगराओं, बु्ढलाडा, मलोट और गिद्दड़बाहा के उप-विभागीय अस्पतालों
में 38 करोड़ रुपये की लागत से 6 नए एम.सी.एच. विंगज का निर्माण किया जा रहा है। जीरकपुर और मोगा में दो 50-बेड वाले एकीकृत आयुष अस्पतालों का निर्माण शुरू हो गया है । मोहाली (एस.ए.एस. नगर) में एक नया मेडिकल कॉलेज शुरू किया जाएगा और शिक्षण 2020-21 सत्र से शुरू होगा। इसकी स्थापना और निर्माण कार्यों के लिए 157 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखता हूं। इसके अतिरिक्त, कपूरथला और होशियारपुर में क्रमशः नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए 10 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन प्रस्तावित है। जल्द ही फिरोजपुर में पी.जी.आई. के सैटेलाइट केंद्र की स्थापना शुरू करेगा और वर्ष 2020-21 में पटियाला, अमृतसर और फरीदकोट में मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के उन्नयन के लिए 224 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। फाजिल्का में तृतीयक कैंसर केयर सेंटर और अमृतसर में एक स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट की स्थापना का कार्य क्रमशः 12.34 करोड़ और 26.32 करोड़ रुपये की लागत से शुरू किया गया है।
बठिंडा, पटियाला और जालंधर को पहले ही (ओडीएफ) और लुधियाना (ओडीएफ) शहर घोषित किया जा चुका हैं। हम इस वर्ष राज्य के सभी शहरों को कचरा मुक्त बनाने का लक्ष्य रखते हैं। बुड्डा नाला लुधियाना और बड़ी और छोटी नदी पटियाला का कायाकल्प करने के लिए पहले चरण में 650 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज उपचार सुविधा विस्तार और नवीनीकरण किया जाएगा। वर्ष 2020-21 के दौरान पटियाला में बड़ी और छोटी नदी के किनारों का पुर्नविकास हो रहा है। इस उद्देश्य के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 60 करोड़ रुपये की राशि मुहैया करवाई गई है।

-पंजाब राज्य राजस्व-आधारित मास्टर योजनाओं को अपग्रेड करने में देश में अग्रणी बन गया है और मेरी सरकार सभी मास्टर प्लान्स को राजस्व-आधारित बनाने के साथ-साथ उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है। 71 (168 में से) शहरों में से 43 मास्टर प्लान को अधिसूचित किया गया है और 29 मास्टर प्लान तैयार किए जा रहे हैं और 22 मास्टर प्लान जो जी.आई.एस राजस्व आधारित हैं, को वेबसाइट पर अपलोड किए जा चुके हैं।
188. जबकि नगरपालिका क्षेत्रों के भीतर बुनियादी ढाँचा विकास निर्वाचित स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी है, इन सीमाओं के बाहर शहरी बुनियादी ढाँचे का विकास विभिन्न शहरी विकास प्राधिकरणों के पास है। राज्य के विभिन्न विकास प्राधिकरण, गमाड़ा, ग्लाडा, बी डी ए, पी डी ए, ए डी ए, जे डी ए वर्ष 2020-21 के दौरान हमारे विस्तृत शहरी नियोजित विकास के लिए 877 करोड़ रुपये की राशि से शहरी बुनियादी ढांचा विकास कार्य करेंगे।
बिजली
-पंजाब ने वर्ष 2019 में 2,999 एल.यू. ऊर्जा की उच्च आपूर्ति के साथ एक दिन के दौरान आपूर्ति की गई उच्चतम ऊर्जा के अपने रिकॉर्ड को पार कर लिया है। कई वर्षों में पहली बार पी.एस.पी.सी.एल. ने वर्ष 2018-19 में 80 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है। इसके अतिरिक्त, सख्ती के परिणामस्वरूप, ए.टी. एंड सी. घाटा वर्ष 2016-17 में 14.46 फीसद से घटकर वर्ष 2018-19 में 12.04 फीसद हो गया है। 14,800 मेगावाट की धान की उच्च मांग को पूरा करने के उद्देश्य से वर्ष 2022 में रोपड़, धनांसु, राजपुरा, बलाचक और नकोदर में 400 के.वी. कार्यों के लिए भी योजना बनाई है।
बठिंडा, लुधियाना, पठानकोट और आदमपुर के हवाई अड्डे  से नियमित उड़ानें आ जा रही है। राज्य सरकार ने पंजाब राज्य एरोनॉटिकल कॉलेज, पटियाला को महाराजा रणजीत सिंह पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, बठिंडा के एक घटक कॉलेज के रूप में स्थापित किया है और कक्षाएं पहले ही शुरू हो चुकी हैं। शीघ्र ही चंडीगढ और अमृतसर में स्थित दोनो अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर एयर कार्गो सुविधाएं शुरू की जाएगी।

वर्ष 2020-21 में सड़क और पुलों के उन्नयन, निर्माण और मरम्मत के लिए 380 करोड़ रूपये का आवंटन किया है, जिससे राज्य में 405 किलोमीटर सडकों की लंबाई को लाभ पहुंचेगा। ब्यास से बाबा बकाला, बटाला और डेरा बाबा नानक प्रकाश पर्व मार्ग के नवीनीकरण का कार्य वर्ष 2020-21 में आरम्भ हो जाएगा। बठिंडा, पठानकोट और अहमदगढ में आर.ओ.बी./आर.यू.बी. के निर्माण के लिए 55 करोड़ रूपये रखे गए हैं। इसके अतिरिक्त, नाबार्ड की सहायता से 71 ग्रामीण सड़कों और 4 पुलों के उन्नयन के लिए 100 करोड़ रूपये रखे गए है। वर्ष 2020-21 के
दौरान नवीनीकरण की जा रही प्रमुख सड़कों फरीदकोट-फिरोजपुर रोड, गुरदासपुर-कान्हुवाल-श्री हरगोबिन्दपुर रोड, फिल्लौर-राहों रोड़, चण्डीगढ़-लांड़रा-चून्नी- सरहिन्द-पटियाला रोड, अमृतसर-फतेहगढ़ चूड़ियां-डेरा बाबा नानक आदि हैं। सरकार ने पठानकोट में एलीवेटिड ट्रैक बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रोजैक्ट अपने हाथ मे लिया है, जिससे 9 रेलवे क्रासिंग समाप्त होंगें।  नूरमहल-धगाड़ा, जालंधर से गांव भूंदडी, लुधियाना, अमृतसर के जण्डियाला गुरू बाई पास का प्रस्ताव करता हूं। वर्ष 2020-21 के दौरान मोरिण्डा-चमकौर साहिब, बेला पनियाली रोड़ का विस्तृत सहित सतलुज दरिया के ऊपर पुल का निर्माण भी किया जाएगा। हुसैनीवाला, फिरोजपुर में इस वर्ष पुरातन महाराजा पुल के निर्माण एवं सुधार के लिए उचित आवंटन भी उपलब्ध करवाया गया है। फतेहगढ़ साहिब की धार्मिक महत्ता को मध्यनजर रखते हुये सरहिन्द से बस्सी पठाना तक एक आॅफटेक बाईपास का निर्माण करने का भी प्रस्ताव है। सरहिंद और सुल्तानपुर लोधी में अति-आधुनिक सुविधाओं से लैंस दो बस स्टैण्डों का निर्माण पहले ही किया जा चुका है। और सभी आधुनिक सुविधाओं वाला एक नया बस स्टैंड पटियाला में बनाए जाने का प्रस्ताव है।
वाहनों का आॅनलाइन पंजीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने हेतू वाहन 4.0 और सार्थी 4.0 पूरी राज्य में लागू किया गया है और सभी भुगतान यानी टैक्स, शुल्क और अन्य भुगतानों का संग्रहण आॅनलाइन किया गया है। सरकार कंडी क्षेत्रों में 175 करोड़ रूपये की लागत से गहरे टयूबवैल लगाने के प्रोजैक्ट के विस्तार को अपने हाथों मे लेगी। इस प्रोजैक्ट के अधीन आनन्दपुर साहिब के 18 ब्लाॅक, बलाचैर, भुंगा, दसूहा, धारकलां, गढ़शंकर, होशियारपुर और अन्य ब्लाॅकों मे 443 गहरे टयूबवैल लगाये जायेंगे, जो 46,448 एकड़ क्षेत्र को कवर करेंगें। ये प्रोजैक्ट 8,860 परिवारों को सिंचाई उपलब्ध करने में सुनिश्चित बनायेंगें। मैं, इस उद्देश्य के लिये वर्ष 2020-21 में 79 करोड़ रूपये के आवंटन का प्रस्ताव रखता हूॅ। छतबीड़ चिड़ियां घर जीरकपुर को पर्यटक स्थान के तौर पर विकसित करने के लिए मैं 10 करोड़ रूपये बुनियादी ढ़ांचे के विकास की गतिविधियों जैसे जमीन दौज, जल पाईप, बिजली केबल और सिवरेज नेटवर्क प्रणाली आदि के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान विशेष आवंटन का प्रस्ताव करता हूं। स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन योजना के अंतर्गत 7,500 रुपये प्रतिमाह पेंशन प्रदान कर रही है और घरेलू श्रेणी के बिजली कनेक्शन 1 किलो वाट तक स्वीकृत भार के साथ 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली का विस्तार किया है।
लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, पटियाला, खन्ना, गोबिंदगढ़, डेराबस्सी, नया नंगल और डेरा बाबा नानक जैसे लक्ष्य प्राप्त न कर पाए नौ शहरों के लिए निर्धारित मानदंडों के भीतर वायु गुणवत्ता बहाल करने के लिए सिटी स्पेसिफिक एक्शन प्लान तैयार किया गया है। जेलों में स्वास्थ्य सेवाएं को बेहतर बनाने के लिए, सरकार केंद्रीय जेल होशियारपुर में एक नया अस्पताल बनाएगी और राज्य की 5 जेलों में नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए जाएंगे। वर्ष 2020-21 के दौरान जेल सुरक्षा और निगरानी प्रणाली की वृद्धि के लिए, जैमर, बॉडी स्कैनर्स, नॉन लीनियर जंक्शन डिटेक्टर, एंटी-दंगा किट, लाइव वायर फेंसिंग, बोलार्ड बूम बैरियर/टायर बॉस्टर्स, प्रारंभिक चेतावनी और निर्देश का पता लगाने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस एनेबल्ड सीसीटीवी सिस्टम लगाने हेतु 25 करोड़ रुपये का प्रस्ताव आवंटित है।
राज्य सरकार ने 5 जिलों-अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और एसएएस नगर में एक पायलट-परियोजना भी शुरू की है ताकि भूमि के सीमांकन को पारंपरिक जरीब प्रणाली से बदल कर इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन में तबदील किया जा सके। इसके अतिरिक्त, आधुनिक रिकॉर्ड रूम स्थापित करने का काम पूरा होने वाला है।
विशेष….
वर्ष 2020-21 के लिए बजट का कुल आकार 1,54,805 करोड़ रुपए है, परंतु वर्तमान वर्ष के लिए उपाय एवं साधन लेन-देन के लिए 35,000 करोड़ रुपए का बजटी प्रावधान करने के पश्चात वास्तविक बजट आकार 1,19,805 करोड़ रुपए है। कुल प्राप्तियां 1,53,048 करोड़ रुपए हो जाने की संभावना है। विवरण निम्नानुसार हैंः
क्रम. शीर्ष संशोधित अनुमान 2019-20
(करोड़ रुपए) बजट अनुमान
2019-20
(करोड़ रुपए)
1. राजस्व प्राप्तियां (2$3$4$5) 73975 88004
2. राज्य का अपना कर राजस्व 33739 35824
3. राज्य का अपना गैर-कर राजस्व 7962 8046
4. केन्द्रीय करों का हिस्सा 10346 14021
5. केन्द्र से ग्रांट-इन-एड 21928 30113
6. पूंजीगत प्राप्तियां (7$8$9) 75010 65043
7. उपाय एवं साधन अग्रिम के अलावा जनतक ऋण 26947 29998
8. उपाय एवं साधन अग्रिम 32000 35000
9. गैर ऋणों की वसूली 16064 45
10. कुल प्राप्तियां (1$6) 148986 153048
11. राजस्व व्यय (12$13$14$15) 86602 95716
12. वेतन एवं उजरतें (ग्रांट-इन-एड सहित) 25449 27639
13. पेंशन एवं रिटायरमेंट लाभ 10213 12267
14. ब्याज अदायगियां 17625 19075
15. अन्य राजस्व व्यय 33315 36735
16. पूंजीगत व्यय 19641 10280
17. उपाय एवं साधन अग्रिम के अलावा जनतक ऋण का भुगतान 12633 12928
18. उपाय एवं साधन अग्रिमों का भुगतान 32000 35000
19. ऋण अग्रिम 821 882
20. कुल व्यय (11$16$17$18$19) 151697 154805
21. राजस्व व्यय (11-1) 12627 7712
जी.एस.डी.पी. की प्रतिशत के तौर राजस्व व्यय 2.20 1.20
22. वित्तीय घाटा (21$19$16-9) 17025 18828
जी.एस.डी.पी. की प्रतिशत के तौर वित्तीय घाटा 2.96 2.92
23. प्राथमिक घाटा ($)/प्राथमिक वृद्धि (.) (22-14) . 600 . 247
24. ब्काया ऋण 228906 248236
जी.एस.डी.पी. की प्रतिशत के तौर बकाया ऋण 39.83 38.53

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