मुख्यमंत्री के निर्देशों पर पंजाब सरकार द्वारा भीड़, जलूसों और धरनों आदि को नियंत्रित करने के लिए डिप्टी कमिश्नरों और पुलिस अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी

– अमृतसर जैसी दुखद घटना रोकने के लिए ज़रूरत अनुसार केंद्र सरकार के विभागों से आज्ञा लेना नये दिशा निर्देशों में लाजि़मी बनाया
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की हिदायतों पर कार्य करते हुए गृह मामलों और न्याय विभाग ने जलूसों, भीड़, प्रदर्शनों, धरनों और मारचों के साथ-साथ त्योहारों के दौरान बड़े स्तर पर लोगों के जलसे को नियंत्रित करने के लिए डिप्टी कमिशनरों, जि़ला पुलिस मुखियों और पुलिस कमिश्नरों को व्यापक दिशा निर्देश जारी किये हैं ।
अमृतसर रेल हादसे में अनेकों लोगों के मारे जाने और जख़़्मी होने के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने गृह सचिव को विस्तृत दिशा निर्देश तैयार करने के लिए कहा था । उन्होंने एन.एस.कलसी को धार्मिक और सामाजिक भीड़ के लिए आज्ञा लेने के लिए दिशा निर्देश तैयार करने के लिए कहा था जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके ।
इन चिंताओं को संबोधित करते हुए पंजाब असैंबलिंग एंड प्रोसैशन गाईडलाईन्ज़ /ऐडवाईजऱीज़ -2018 में कहा गया है कि समर्थ अथॉरिटी जिसको आज्ञा लेने के लिए अजऱ्ी दी गई है वह पुलिस, म्युंसिपल कार्पोरेशन, पी.डब्ल्यू.डी., पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड आदि जैसे अन्य सम्बन्धित विभागों /अथारिटियों से एन.ओ.सी., आज्ञा या टिप्पणियाँ प्राप्त करें ।
इन दिशा -निर्देशों में एक और महत्वपूर्ण फ़ैसले में ज़रूरी बनाया गया है कि अगर किसी मामले में उस स्थान के नज़दीक पेट्रोल पंप या तेल डीपू स्थित है तो इसी तरह का एन.ओ.सी /आज्ञा आदि सम्बन्धित जि़ला मैजिस्ट्रेट / पुलिस कमिशनर से प्राप्त किया जाये । इसी तरह, रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग, हवाई अलग आदि जैसे केंद्र सरकार के अन्य विभाग से भी अपेक्षित इजाज़त की ज़रूरत है ।  यदि भारत सरकार के किसी भी विभाग की स्वामित्व वाली जगह या बुनियादी ढांचे पर कोई समारोह या जुलूस का प्रस्ताव है तो उससे आज्ञा प्राप्त की जाये ।
      दिशा -निर्देशों के अनुसार इजाज़त देते हुए समर्थ अथॉरिटी आयोजकों के रूट पर सार्वजनिक आर्डर, सार्वजनिक सुरक्षा, साफ़ -सफ़ाई और वातावरण की सुरक्षा के अलावा संकटकालीन स्थिति आदि से निपटने के लिए उचित प्रबंधों के साथ जुड़े हुए कारक को विचारेगी । इसके साथ ही समर्थ अथॉरिटी यह भी यकीनी बनाऐगी कि आयोजक और इसमें शमूलियत करने वाले सार्वजनिक और निजी जायदाद की तोड़ फोड़ में शामिल न हों और वह अलग अलग मामलों में अदालत की तरफ से दी गई निर्देशों और अलग अलग कानूनों का पालन करें ।
इसमें यह भी यकीनी बनाया जायेगा कि विस्फोटक एक्ट, विस्फोटक पदार्थ एक्ट का उल्लंघन न हो, खासकर पटाखों की बिक्री, खरीद, स्टोरेज, ढुलाई और पटाखों के चलाने के अलावा पेट्रोल / डीज़ल / गैस आदि जैसे तेज़ी के साथ आग लगने वाले पदार्थ के सम्बन्ध में । उस क्षेत्र के फायर आफिसर को आग लगने की किसी दुखद घटना को रोकने के लिए सभी हिफाजती और सुरक्षा उपाय यकीनी बनाने पड़ेंगे ।
      इन दिशा निर्देशों में यह भी यकीनी बनाया गया है कि समर्थ अथॉरिटी व्यक्ति /भाईचारा के आम जन जीवन में कोई भी विघ्न न पडऩे केने को ज़रूरी बनाऐगी । यातायात में रुकावट और अराजकता, आयोजकोंं के लाउड स्पीकर के द्वारा ध्वनि प्रदूषण, कूड़ा -कर्कट आदि फैंक कर वातावरण प्रदूषण न पैदा करने को भी अथॉरिटी यकीनी बनाऐगी ।
इसमें यह भी कहा गया है कि शुरू से लेकर आखिऱ तक समूचे समारोह की वीडीयोग्राफी जि़ला अथॉरिटी /पुलिस द्वारा आयोजकोंं की लागत पर आयोजकों से प्राप्त की जाये । अगर कोई व्यक्ति या ऑर्गनाईजेशन समेत राजनैतिक पार्टी सार्वजनिक या निजी जायदाद को नुक्सान पहुँचाने के उद्देश्य से किसी हिंसक विरोध का न्योता देती है या उसकी तरफ से बुलाए गए किसी विरोध प्रदर्शन के बाद नतीजे के तौर पर सार्वजनिक/निजी जायदाद को नुक्सान पहुँचता है तो उस सम्बन्ध में एफ.आई.आर नेता के नाम पर या उस विरोध प्रदर्शन का न्योता देने वाले व्यक्ति के विरुद्ध दर्ज की जाये ।
दिशा निर्देशों के अनुसार अगर किसी मामले में ऐसा न्योता अधिकृत व्यक्ति द्वारा या अधिकृत सोशल मीडिया अकाउंट /पेज के द्वारा व्यक्ति, राजनैतिक पार्टी या ऑर्गेनाईजेशन की तरफ से दिया जाता है तो उसके दोष उस राजनैतिक पार्टी या ऑर्गेनाईजेशन के मुख्य अधिकारी के विरुद्ध दर्ज किये जाएंगे ।
दिशा निर्देशों के अनुसार ऐसे जलसों /समारोहों की आज्ञा सात दिन पहले लेनी पड़ेगी । किसी तत्काल ज़रूरत के मद्देनजऱ इसको 5 दिन तक घटाया जा सकता है ।
लिखित कारण बताकर समर्थ अथॉरिटी आज्ञा से इन्कार कर सकती है । जिस मामले में आज्ञा दी गई है वहां जुलूस /समारोह की किस्म से सम्बन्धित शर्ते,ं दाखिल होने /बाहर निकलने वाले पुआइंटों और पार्किंग स्थानों, भाषणों की किस्म और यातायात के नियम आदि की भी शर्तों का पालन करना पड़ेगा ।
इन दिशा निर्देशों में पुलिस को विस्तृत हिदायतें दीं गई हैं जोकि भीड़ के प्रबंधन और योजनाबंदी से सम्बन्धित हैं जिसका उद्देश्य सुरक्षा को यकीनी बनाना है ।

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