पेट की इस समस्या को हल्के में लेना.. पड़ सकता है महंगा…

धर्मेन्द्र संधू

आज हमारी जीवन शैली में बड़ा परिवर्तन आया है जिसका प्रभाव हमारी शारीरिक संरचना पर भी पड़ा है। तरह-तरह की बीमारियों से हमारा जीवन प्रभावित हो रहा है। अक्सर आपने अपने बुजुर्गों को यह कहते हुए सुना होगा कि आजकल तो नई-नई तरह की बीमारियां सुनने को मिलती हैं। हमारे समय में तो ऐसा नहीं था। बात उनकी भी सही है आज से 8-10 दशक पहले पर्यावरण प्रदूषण इस हद तक नहीं फैला था, जिससे कि हालात काफी बेहतर थे। आजकल जिन बीमारियों से हमारा रोज का टाकरा होता है, उनमें से एक ‘हर्निया‘ भी है। आज हम इस बीमारी के कारणों तथा बचाव के पक्षों पर विचार करेंगे।

इसे भी देखें…लोगों के पैरों तले से खिसकी जमीन… इस विद्वान ने खोली आंखें, अब तक क्या खा रहे थे हम!!

हर्निया क्या है ?

हर्निया शरीर की अंदरूनी बीमारी है। हमारे शरीर के अंदरूनी अंग जो खोखले स्थानों में होते हैं अर्थात् इन अंगों को किसी हड्डी का सहारा नहीं होता। यह अंग बस एक चमड़ी की परत से घिरे रहते हैं। कई बार ज्यादा खांसी या भारी समान उठाते हुए यह चमड़ी फट जाती है, जिससे यह अंग बाहर आने लगते हैं। इसी समस्या को हर्निया कहा जाता है। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति जहां तक कि नवजात शिशु को भी हो सकता है।

हर्निया के लक्षण

हर्निया का समय पर पता लगाया जाना बहुत जरूरी है। नहीं तो स्थिति गंभीर हो सकती है। इसके प्रमुख लक्षणों में शरीर की उस जगह पर सूजन जाती है और उसमें दर्द की शिकायत रहने लगती है। उठते-बैठते कुछ काम करते हुए बहुत तेज दर्द होता है। खांसी या छींक आने पर भी उस जगह तेज दर्द होने लगता है।

हर्निया के कारण

हर्निया होने के कई कारण हो सकते हैं। शरीर के बढ़ते वजन के कारण, बढ़ती उम्र में कमजोर होती मांसपेशियां, किसी सर्जरी वाली जगह पर हुए घाव पर दबाव पड़ने के कारण और गर्भ में बच्चे के पेट की दीवार ठीक से बनना आदि हर्निया के प्रमुख कारण हैं।

इसे भी देखें…शरीर बनेगा बलवान… हर कमजोरी होगी दूर… रोजाना खाएं यह चीज

हर्निया से बचने के आसान तरीके

जब कारणों का पता चल जाता है तो उससे बचाव के तरीके खोजना ज्यादा कठिन नहीं होता। अगर इसका कारण मोटापा है तो जाहिर सी बात है कि शरीर को फिट रख कर हर्निया से बचा जा सकता है। साथ ही उन कामों को करने से बचें, जिनसे पेट पर ज्यादा दबाव पड़ता हो। कब्ज से बचें। इसके लिए आहार में ज्यादा फाइबर युक्त पदार्थ शामिल करें। ज्यादा से ज्यादा पानी का सेवन करें। अगर आप खांसी की समस्या से परेशान हैं तो इसका तुरंत इलाज करवाएं।

हर्निया का इलाज

हर्निया की स्थिति गंभीर होने पर ऑपरेशन ही इसका एक सटीक इलाज है किंतु यदि स्थिति इतनी गंभीर नहीं है तो आप इन घरेलू उपायों को अपना सकते हैं।

अदरक का इस्तेमाल

अदरक हर्निया में बेहतर साबित होता है। इसका रस बनाकर या खाने में शामिल कर हर्निया के दर्द में काफी राहत मिलती है।

इसे भी देखें…शरीर में दिखाई दें यह बदलाव तो हो सकती है यह एलर्जी…

बर्फ का प्रयोग

अगर ज्यादा दर्द है तो बर्फ आपको इससे राहत दिला सकती है। दर्द वाले स्थान पर बर्फ लगाने से दर्द में तो कमी आती ही है साथ ही सूजन भी कम होती है।

अजवाइन और पुदीने के रस का सेवन

अजवाइन और पुदीने के रस को निकाल कर इसका पानी के साथ सेवन करने पर इस समस्या में राहत मिलती है।

फिर भी आप डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अगर स्थिति ऑपरेशन जैसे गंभीर हालातों तक नहीं पहुंची है तो आप यह घरेलू उपाय आजमा सकते हैं। समस्या ज्यादा बढ़ने पर तुरंत डाक्टर से जांच करवाएं।

इसे भी देखें…अगर आपको होने लगी है शारीरिक और मानसिक थकान तो समझ लें होने वाले हैं Hepatitis C के शिकार…

LEAVE A REPLY