पुलिस फोर्स में ठहराव को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री की ओर से ‘वन रैंक अप प्रमोशन’ स्कीम की शुरुआत

-राज्य के बजट में से पीआरटीसी के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 5 करोड़ रुपये देने की घोष्णा
-निजी फंड से सैंटर के पुलिस जवानों तथा उनके परिवारों के कल्याण के लिए भी 50 लाख रुपये देने की घोषणा
होशियारपुर: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को पुलिस कर्मचारियों के लिए यकीनन सेवा तरक्की (एशयोरड करियर प्रोग्रैशन) के लिए ‘वन रैंक अप प्रमोशन’ स्कीम की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के लागू होने से पुलिस में तैनात कोई भी कर्मचारी ए.एस.आई के पद से पदोन्नत होने से पहले सेवा मुक्त नहीं होगा। मुख्यमंत्री आज पी.आर.टी.सी जहानखेलां में सिखलाई हासिल कर चुके कांस्टेबलों की पासिंग आउट परेड में एकत्र समुह को संबोधित कर रहे थे। 
मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि पुलिस में हैड कांस्टेबल तथा नॉन गज़टिड अफसरों के रैंकों में ठहराव आ जाने के कारण फोर्स में निराशा बढ़ रही थी, क्योंकि बहुत सारे पद खाली पड़े होने तथा योग्य पुलिस मुलाजिम होने के बावजूद उनको पदोन्नति नहीं मिल पा रही थी।
एैशियोरड करियर प्रोगैशन (ए.सी.पी) स्कीम को औपचारिक तौर पर जारी करते हुए उन्होंने उन्नति करने वाले 14 नए पुलिस अधिकारियों के कंधों पर स्टार लगाए। इस स्कीम के तहित 16 साल की नौकरी के बाद हैड कांस्टेबल से असिस्टैंट सब इंस्पैक्टर (ए.एस.आई), 24 साल की नौकरी होने के बाद असिस्टैंट सब इंस्पैक्टर (ए.एस.आई) से सब इंस्पैक्टर (एस.आई) तथा 30 साल की नौकरी के बाद सब इंस्पैक्टर (एसआई) से इंस्पैक्टर के तौर पर उन्नति का प्रावधान किया गया है। 
पी.आर.टी.सी में भर्ती जवानों को दी जाने वाली ट्रैनिंग को इंडियन मिल्ट्री एकेडमी तथा नैश्नल डिफैंस एकेडमी जैसी बड़ी संस्थाओं के बराबर बताते हुए मुख्यमंत्री ने ट्रैनिंग सैंटर के मौजूदा ढांचे की अपग्रेडशन के लिए राज्य के बजट में से 5 करोड़ तथा अपने निजी फंड से 50 लाख रुपये पुलिस अधिकारियों तथा उनके परिवारों के कल्याण के लिए दिए जाने की घोषणा की।
इस दौरान मुख्यमंत्री को 9 महीनों की सख्त ट्रैनिंग के बाद पास आउट कर चुके 255 बैच के जवानों की ओर से शानदार सलामी दी गई। उन्होंने अपनी जवानी के दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने भी मिल्ट्री कैरियर के दौरान नैश्नल डिफैंस एकेडमी (एन.डी.ए) से तीन साल तथा इसके बाद इंडियन मिल्ट्री एकेडमी (आई.एम.ए) से एक साल की ट्रैनिंग ली थी।
मुख्यमंत्री ने पुलिस की ओर से राज्य में से आतंकवाद को खत्म करने के लिए लड़ी लड़ाई के समय को याद करते हुए कहा कि पंजाब पुलिस ने 1800 शहादतें देकर राज्य में अमन शांति कायम की। उन्होंने कहा कि साल 1964 में पंजाब पुलिस की 4 टुकडिय़ों को हजरत बल में कानून व अमन शांति को कायम रखने के लिए भेजा गया था तथा उस समय के दौरान वे भी आर्मी अफसर के तौर पर वहां मौजूद थे।
उन्होंने राज्य के बुरे हालातों वाले समय को याद करते हुए कहा कि राज्य के माहौल को खराब करने में आई.एस.आई का मुख्य तौर पर हाथ रहा है तथा अब नशा बेचने तथा गैंगसटरों जैसी गतिविधियों को अंजाम देने वाले अनसर राज्य के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे है। उन्होंने गैंगस्टरों को साफ तौर पर चेतावनी दी है कि या तो वे रास्ता छोड़ दें या नतीजे भुगतने के लिए तैयार रहे। उन्होंने कहा कि नवनियुक्त पुलिस जवान इन गैंगस्टरों तथा नशा विरोधी अनसरों से निपटने में मुख्य भूमिका निभाएंगे।
इस समारोह के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से पास आउट हुए 2068 नवनियुक्त कांस्टेबलों को भारतीय संविधान तथा अपनी ड्यूटी के प्रति समर्पण रहने के प्रति शपथ भी दिलाई गई। इस दौरान उनकी ओर से मार्शल आर्ट तथा पी.टी. शो के अलावा पंजाब का प्रसिद्घ लोकनाच भंगड़ा भी पेश किया गया, जो आर्कषण का केंद्र रहा।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तथा डी.जी.पी श्री सुरेश अरोड़ा की ओर से इनडोर विषय में ओवर आल टॉपर रहे फाजिलका के कांस्टेबल मनप्रीत सिंह तथा आउटडोर विषय में टापर रहे लुधियाना के सुरिंदर सिंह को सम्मानित किया गया। उन्होंने पासिंग आउट परेड के परेड कमांडर बलजीत सिंह को भी सम्मानित किया। मुख्यमंत्री की ओर से सैंटर के उप जिला अटार्नी कंवलप्रीत सिंह, डी.एस.पी श्री हरजीत सिंह तथा श्री मलकीत सिंह को भी सम्मानित किया।
इस मौके पर कैबनिट मंत्री राणा गुरजीत सिंह, श्री सुंदर शाम अरोड़ा, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार श्री रवीन ठुकराल, डी.जी.पी पंजाब पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन श्री एमके तिवाड़ी, ए.डी.जी.पी (एच.आर.डी) श्री शशि प्रभा दिवेदी, डिप्टी कमिश्नर श्री विपुल उज्जवल, एस.एस.पी श्री जे एलनचेलियन, श्री विधायक संगत सिंह गिलजियां, श्री रजनीश कुमार बब्बी, श्री अरुण कुमार डोगरा, डा. राज कुमार, विधायक व जिला कांग्रेस प्रधान श्री पवन कुमार आदिया, यूथ कांग्रेस के पंजाब प्रधान श्री अमरप्रीत सिंह लाली तथा साबका एमपी श्रीमती संतोष चौधरी के अलावा अन्य भी मौजूद थे

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