पंजाब सरकार द्वारा ओमिदयार नैटवर्क इंडिया की हिस्सेदारी से सूक्षम, छोटे और दर्मियाने स्तर के उद्योगों की सहायता के लिए गेम के साथ समझौता सहीबद्ध

चंडीगढ़, 2 नवंबर:
पंजाब सरकार की तरफ से राज्य में कारोबार को और आसान बनाने के कदम के तौर पर, ग्लोबल अलायंस फॉर मास एंटरप्रेन्योरशिप (गेम) के साथ समझौता सहीबद्ध किया गया है। यह समझौता सामाजिक प्रभाव पर केन्द्रित एक निवेश फर्म ओमिदयार नैटवर्क इंडिया (ओ.एन.आई.) की तरफ से अपने हाल ही में ऐलाने रिसौलव इनीशीएटिव के अंतर्गत किया गया है।

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पंजाब में 2.59 लाख बहुत सूक्ष्म, छोटे और दर्मियाने स्तर के उद्योगों (एमएसएमईज़) हैं जिनमें कुल 20.29 लाख कर्मचारी काम करते हैं। कोविड महामारी के फैलाव ने कई चुनौतियां पैदा कर दी हैं जिससे एमएसएमईज़ का कामकाज प्रभावित हुआ है और इनके समर्थन के लिए ठोस यत्न ज़रुरी हैं। इस दो वर्षीय प्रोजैक्ट का उद्देश्य पंजाब को एमएसएमई के लिए कारोबार करने में सरलता (इज ऑफ डुईंग बिजऩस) के पक्ष से अग्रणी राज्य बनाना है।
इस प्रोजैक्ट का नेतृत्व एमएसएमई के लिए गेम टास्कफोर्स के चेयरपरसन डा. के.पी. कृष्णन करेंगे जो कि भारत सरकार के पूर्व सचिव हैं। ओमिदयार नैटवर्क इंडिया की तरफ से इसका मुख्य तौर पर समर्थन किया जायेगा और इसमें गेम, द सैंटर फॉर सिवल सोसायटी और अवंतीस रैग टैक के माहिर शामिल होंगे। यह समूह श्रीमती विनी महाजन, मुख्य सचिव और श्री आलोक शेखर, प्रमुख सचिव उद्योग और वाणिज्य, पंजाब सरकार के नेतृत्व अधीन पंजाब सरकार के साथ नजदीकी से काम करेगा।

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इस समझौते संबंधी बात करते हुये पंजाब के मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने कहा, ‘यह उम्मीद की गई है कि दो सालों की मियाद के अंत में, कारोबारों की औपचारिक रजिस्ट्रेशन में विस्तार होगा और एमएसएमईज़ के लिए मंजूरियां लेने की लागत में कमी आयेगी। गेम, सीसीएस, और अवैंतीस की विलक्षण और पूरक महारत और ओ.एन.आई. के समर्थन से हम पंजाब के ग़ैर -कृषि क्षेत्र में रोजग़ार सृजन करने वालों के जीवन में प्रगति की आशा करते हैं। इसके अलावा, हम आशा करते हैं कि पंजाब की यह तबदीली पूरे भारत में एमएसएमई पर केन्द्रित इज ऑफ डुईंग बिजऩस (ईओडीबी) के सर्वेक्षणों, हस्तक्षेप, दर्जाबन्दी और नीतियों का एक दौर कायम करेगी।’
डा. के.पी. कृष्णन ने कहा कि पंजाब को निवेश के लिए एक उपयुक्त जगह के तौर पर पेश करके हम इज ऑफ डुईंग बिजऩस (ईओडीबी) के सामथ्र्य को दर्शाने की उम्मीद करते हैं जिससे औपचारिक उद्यमियता, उत्पादकता में सुधार और रोजग़ार सृजन के दौर की शुरुआत हो सके।

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ओमिदयार नैटवर्क इंडिया के मैनेजिंग डायरैक्टर रूपा कूदवा ने कहा, ‘रिसौलव पहलकदमी के अंतर्गत, हम लम्बे समय से चल रहे दो विषयों -एमएसएमईज़ का सशक्तिकरण और प्रवासी मज़दूरों के समर्थन को प्राथमिकता दी है जिन पर महामारी के कारण फिर ध्यान केन्द्रित किया गया है। यह दोनों अधूरे एजंडे लम्बे समय से चले आ रहे हैं और मौजूदा माहौल के कारण इनको भारी नुक्सान का सामना करना पड़ा है। इस विशेष प्रोजैक्ट के साथ, हमारा उद्देश्य पंजाब में एमएसएमईओं की सहायता करना है क्योंकि वह इन मुश्किलों से निजात पाने की कोशिश करते हैं। भारत में एक आम एमएसएमई को 750 से अधिक मंजूरियां, 120 से अधिक फाईलिंग और 23 से अधिक रजिस्ट्रेशन और लायसैंसों से निपटना पड़ता है। इन मुद्दों को हल करने के लिए पंजाब सरकार की पूरी वचनबद्धता और इस पर काम में लगे माहिरों की एक उच्च योग्यता से यह प्रोजैक्ट पंजाब के एमएसएमई के लिए कारोबारी माहौल को बदल सकता है और देश के बाकी हिस्सों के लिए एक मिसाल बन सकता है।’
पंजाब राज्य जि़ला स्तरीय बैंकर कमेटियों के ज़रिये केंद्र सरकार की एमरजैंसी क्रेडिट लाईन गारंटी स्कीम (ईसीएलजीऐस) के लागूकरन की निगरानी करने और राइट टू बिजनस एक्ट की घोषणा के कारणएमएसएमईज़ के समर्थन में सबसे अग्रणी रहा है। दो सालों की मियाद के अंत में, कारोबार की औपचारिक रजिस्ट्रेशन में विस्तार होगा और एमएसएमईज़ के लिए मंजूरियां लेने की लागत में कमी आयेगी।

-NAV GILL

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