पंजाब के मुख्यमंत्री द्वारा नशे के मामले पर आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग

-मोगा के नये एस.एस.पी. के विरुद्ध दोषों की रिपोर्ट माँगी – मुख्यमंत्री

-पूर्व एस.एस.पी. को बचाने के लिए डी.जी.पी. और डी.जी.पी. इंटेलिजेंस के विरुद्ध दोषों की जांच कराने से इनकार

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा है कि उन्होंने मोगा के नये एस.एस.पी. के विरुद्ध नशे में शामिल होने के लगे दोषों संबंधी रिपोर्ट माँगी है परन्तु इसके साथ ही उन्होंने मोगा के पूर्व एस.एस.पी. राज जीत सिंह को बचाने के लिए पंजाब पुलिस के डायरैक्टर जनरल (डी.जी.पी.) और डी.जी.पी. (इंटैलीजैंस) के विरुद्ध दोषों की जांच कराने से इन्कार किया है।

आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल की तरफ से जताई गई चिंता के जवाब में मुख्यमंत्री ने यह बयान जारी किया । यह प्रतिनिधिमंडल राज्य में नशे की समस्या ख़ासकर हाल ही में नशे से हुई मौतों के संदर्भ में विचार विमर्श करने के लिए मुख्यमंत्री को मिलने आया था ।

नशों की समस्या के सम्बन्ध में विरोधी पार्टी की चिंता को साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन बड़े डीलर भारत से फऱार हो गए हैं और इनकी पहचान कर ली गई है । पुलिस और अन्य एजेंसियाँ उनकी खोज कर रही हैं । उन्होंने आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि नशों की समस्या को नकेल डालने के लिए किसी भी तरह की ढील को सहन नहीं किया जायेगा । मुख्यमंत्री ने कहा कि नशों के व्यापार में शामिल किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध सख़्त कार्यवाही की जायेगी ।

मुख्यमंत्री ने नशों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने पर निगरानी रखने के लिए मंत्रीमंडल की तरफ से गठित किये वर्किंग ग्रुप बारे आम आदमी पार्टी के नेताओं को जानकारी दी । उन्होंने यह भी बताया कि वह हरेक सोमवार को निजी तौर पर इसकी प्रगति का जायज़ा लिया करेंगे । उन्होंने बताया कि जेलों में हथियारों और नशों की तस्करी को रोकने के लिए जेलों में तलाशी और सुरक्षा ड्यूटी के लिए सी.आई.एस.एफ की दो कंपनियाँ तैनात की गई हैं ।

नशों के तस्करों को मौत की सजा दिए जाने के लिए मंत्रीमंडल द्वारा किये गए संकल्प के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पहली बार अपराध करने वाले को भी मौत की सजा दिलवाना चाहती है । इस समय बार -बार अपराध करने के विरुद्ध मौत की सजा की व्यवस्था है ।

12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने एस.टी.एफ. रिपोर्ट पर कार्यवाही और अदालत की निगरानी में सी.बी.आई. जांच की माँग के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मामला अदालत के पास है जो पहले ही कार्यवाही पर निगरानी रख रही है । फिर भी बहुत सी केंद्रीय एजेंसियाँ जिनमें ई.डी. भी शामल है जांच में लगीं हुई हैं ।

डी.जी.पी. सुरेश अरोड़ा और डी.जी.पी.(इंटैलीजैंस) दिनकर गुप्ता के विरुद्ध दोषों की जांच की माँग के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने उनको ईमानदार अधिकारी बताया और कहा कि उनकी ईमानदारी पर उनको पूरा विश्वास है ।

नशों की समस्या के विरुद्ध लडऩे के लिए राज्य सरकार को पूरा सहयोग देने के लिए आम आदमी पार्टी की तरफ से दिलाऐ गए भरोसे का मुख्यमंत्री ने स्वागत किया । उन्होंने ऐसे मामले उजागर करने वालों की सुरक्षा का भी भरोसा दिलाया और कहा कि सूचना की प्राप्ति और फीडबैक के सम्बन्ध में जल्द ही एक हेल्पलाइन शुरू की जायेगी।

इस मुद्दे संबंधी विचार विमर्श करने के लिए आम आदमी पार्टी ने विधानसभा के विशेष समागम की माँग की । उन्होंने विशेष इलाकों में नशों के आसानी से उपलब्ध होने और नशों के साथ सम्बन्धित पैसों की पुलिस के साथ हिस्सेदारी बारे रिपोर्टों पर चिंता भी प्रकट की ।

खेतीबाड़ी संकट और बड़े स्तर पर बेरोजग़ारी के कारण एक दशक पहले शुरू हुई नशों की समस्या को सामाजिक चुनौती बताते हुए विरोधी पक्ष के नेता सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि इसके लिए अकेले कैप्टन अमरिन्दर सिंह और उनकी सरकार ही दोषी नहीं है।

औरतों को नशों और नशों की तस्करी में धकेलने के दोषों में दो पुलिस मुलाजिमों को बखऱ्ास्त करने का स्वागत करते हुए खैहरा ने कहा कि कोई भी मुख्यमंत्री यह नहीं चाहता कि उनके शासन के दौरान नशा मुद्दा बने । उन्होंने कहा कि एस.टी.एफ. अपना दबाव बनाने के लिए सफल रही है परन्तु यह समस्या निस्बत तौर पर गंभीर हो गई है क्योंकि पुलिस की तरफ से उनका फ़ायदा उठाया जा रहा है जो भुगतान कर सकते हैं ।  उन्होंने कहा कि नशा तस्करी वालों को पकड़ा जा रहा है । खैहरा ने इस बात पर चिंता प्रकट की कि न सिफऱ् औरतों को नशों में धकेला जा रहा है बल्कि उनको नशा एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के लिए भी इस्तेमाल करा जा रहा है ।

नशों के साथ सम्बन्धित मौतों के सम्बन्ध में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उनको कुछ नशे के आदियों की तरफ से बनावटी रूप में नसों में लगाऐ जाने वाले टीकों का प्रयोग करने का शक है ।  संगरूर से संसद मैंबर भगवंत मान ने कहा कि नशों के आदी लत लगने पर किसी भी हद तक जा सकते हैं । उनका विचार था कि गाँवों के पंचों, सरपंचों और शहरी इलाकों में म्युनिसिपल कौंसलरों को नशे के आदियों और भोलेभाले नौजवानों को नशा स्पलाई करने वालों की पहचान करने के लिए प्रेरित किया जाये ।

खैहरा और मान के अलावा प्रतिनिधमंडल में आम आदमी पार्टी पंजाब के सह प्रधान डा. बलबीर सिंह और पार्टी के नौ विधायक शामिल थे ।

डा. बलबीर सिंह ने कहा कि नशों के आदियों का इलाज करने वाले डाक्टरों की सरगर्मियोँ पर भी निगरानी रखने की सख़्त ज़रूरत है । उन्होंने इस सम्बन्ध में निजी नशा मुक्ति केन्द्रों के डाक्टरों पर ज़्यादा ज़ोर दिया जो उनका इलाज करने के नाम पर ड्रग की बिक्री कर रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने जागरूकता पैदा करने और इस समस्या के साथ लडऩे के लिए नौजवानों को प्रेरित करन की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

 इस अवसर पर मीटिंग में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल, मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार और राजनैतिक सचिव संदीप संधू भी उपस्थि

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