कृषि आर्डीनैंस संसद में पेश करने से अकाली दल का झूठा चेहरा पर्दाफाश हुआ – कैप्टन अमरिन्दर सिंह

चंडीगढ़, 15 सितम्बर:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने मंगलवार को कहा कि केंद्र की तरफ से कृषि आर्डीनैंसों को बीते दिन संसद में पेश करनेे के साथ ही शिरोमणि अकाली दल का राज्य की किसानी के हितों की रक्षा करने के दावों का झूठ का पर्दाफाश हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली दल द्वारा इन अध्यादेशों को आगे डालने की ऐसी अपील के बावजूद भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार ने इन अध्यादेशों को संसद के सैशन के पहले ही दिन पेश कर दिया, जिससे सिद्ध होता है कि अकाली इस मुद्दे सम्बन्धी ड्रामेबाज़ी कर रहे थे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वास्तविकता यह है कि सुखबीर सिंह बादल सोमवार को सदन से बाहर था, जब यह अध्यादेश संसद में कानून बनाने के लिए पेश हुए, जिससे सिद्ध होता है कि अकाली दल के प्रधान द्वारा सारा नाटक किसान जत्थेबंदियों को छलने के लिए रचा गया था, जिन्होंने इस समय पर अध्यादेशों का सख़्त विरोध करते हुये केंद्र सरकार के खि़लाफ़ कमर कसी हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे साफ़ झलकता है कि किसानों और राज्यों के हितों को आँखों से अनदेखा करते हुये साजिश रची गई जबकि कृषि संविधान के अनुसार राज्यों की जि़म्मेदारी है। उन्होंने कहा, ‘नहीं तो सुखबीर संसद के पहले ही दिन गायब क्यों रहता।’ अकाली दल के प्रधान को अच्छी तरह पता था कि यह आर्डीनैंस जिन पर अकाली दल ने भी मोहर लगाई है, कानून बनाने के लिए संसद में लाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इन अकालियों ने विधान सभा के एक दिवसीय सैशन के दौरान भी यही हत्थकंडे अपनाए थे और आर्डीनैंस विरोधी प्रस्ताव के हक में वोट से बचने के लिए उस समय अकाली दल ग़ैर उपस्थित रहा था।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अकाली दल जो केंद्र में सत्ताधारी गठजोड़ का हिस्सा बन कर किसान विरोधी और संघीय ढांचे विरोधी आर्डीनैंसों को हरी झंडी दी जाने में अग्रणी रहा, अब आर्डीनैंसों संबंधी स्पष्टीकरण और संशोधनों का नाटक रच रहा है जिससे किसान जत्थेबंदियाँ और यूनियनों को बहलाया जा सके परन्तु इन वर्गों ने अब अकाली दल के नाटक के पीछे छिपा असली सत्य देख लिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आप समझ रहे हो कि पंजाब के लोग और किसान नासमझ हैं? वह अब आपकी ड्रामेबाजिय़ों और मगरमच्छ के अश्रु डालने को अच्छी तरह समझ चुके हैं।’ उन्होंने आगे कहा कि अकाली दल की तरफ से यह कोशिशें 2022 के विधान सभा मतदान से पहले किसानों के वोट बैंक को अपने तरफ खींचने के लिए की जा रही हैं जिनका अकालियों को 2017 की तरह क्षतिपूर्ति भुगतनी पड़ेगी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, ‘पंजाब के हित में किसी भी बड़े मुद्दे पर एक बार सोच-विचार कर लेने के बाद आप यू. टर्न नहीं ले सकते और न ही अपना फ़ैसला बदल सकते हो और लोग आप से यह आशा कैसे करें कि आप संजीदा हो।’ उन्होंने सी.ए.ए. संबंधी अकालियों के दोगलेपन का भी जि़क्र किया जिसका पहले तो केंद्र में हिस्सेदार होने के नाते समर्थन किया और बाद में इस विवादित ग़ैर -संवैधानिक कानून की विरोध करने का नाटक रचा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली दल सतलुज यमुना लिंक नहर के लिए मंजूरी देकर पंजाब के पानियों के अधिकारों को बेचने से लेकर अब किसानों, जिन्होंने दशकों तक मुल्क के लिए अनाज पैदा किया, के हित बेच रहा है। उन्होंने कहा कि वास्तव में अकाली दल ने पंजाब के हितों के लिए कुछ नहीं किया बल्कि सालों से अपने संकुचित राजनैतिक लाभ आगे बढ़ाने के लिए राज्य के हितों के साथ सौदेबाज़ी की।
इसी दौरान मुख्यमंत्री ने हरपाल सिंह चीमा और अमन अरोड़ा की तरफ से कृषि आर्डीनैंसों में कांग्रेस और अकाली -भाजपा के दरमियान सांठगांठ के दोष लगाने के बयानों की खिल्ली उड़ाते हुये आप नेताओं को अपना मुँह खोलने से पहले तथ्यों की जांच करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की आलोचना करने के जल्दबाजी में आम आदमी पार्टी सच्चाई को जाने बिना बेसिर-पैर बयान दागने की आदत का शिकार हो चुकी है।
कोविड समेत कई मुद्दों आप के नेताओं की तरफ से हाल ही में दिए बयानों का हवाला देते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि इन कामों के कारण पंजाब में ‘आप’ मज़ाक का पात्र बनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) पर अकाली -भाजपा के साथ सांठगांठ होने के ताज़ा बयान न सिफऱ् बेहूदा हैं बल्कि इनका मकसद पंजाब के लोगों को गुमराह करना है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी अपने संकुचित राजनैतिक हितों की पूर्ति के लिए राज्य में गलत और बेबुनियाद जानकारी फैलाने के लिए आतुर हुई पड़ी है।
—-Nav Gill

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