किसानों को मानक कृषि दवाएँ और उर्वरक यकीनी बनाने के लिए कृषि विभाग की निवेकली मुहिम

-2000 से अधिक किसानों द्वारा खऱीदी गई कृषि सामग्री के बिल किये चैक
-बिल की अनुपस्थिति वाले किसानों को किया जागरूक, डीलरों को लताड़ा
चंडीगढ़, 1जुलाई: सरकार के मिशन तंदरुस्त पंजाब अधीन फसलों की सेहतयाबी को यकीनी बनाने के लिए यह ज़रूरी है कि किसानों को मानक कृषि दवाएँ और उर्वरकें वाजिब दरों पर उपलब्ध हों। इस लिए कृषि विभाग द्वारा नवीन मुहिम चलाई जा रही है, जिसके अधीन प्राईवेट डीलरों द्वारा किसानों को बेची जा रही कृषि दवाएँ, उर्वरकों आदि के लिए पक्का बिल काटना लाजि़मी किया गया है।
कृषि विभाग के संज्ञान में आया थी कि कई बार डीलरों द्वारा ग़ैर मानक कृषि दवा और उर्वरक किसानों को नकद या उधार, बिना किसी बिल से बेच दी जाती हैं जोकि खेतों में पूरा असर नहीं करती। इससे न केवल किसान का आर्थिक नुक्सान होता है बल्कि बिल की अनुपस्थिति में किसान ज़रूरत पडऩे पर डीलर से नुक्सान की भरपाई भी नहीं कर पाता।
यह जानकारी देते हुए तंदरुस्त पंजाब के मिशन डायरैक्टर काहन सिंह पन्नूं ने बताया कि पंजाब भर में किसानों को कृषि वस्तुएँ बिल पर देने संबंधी चलाई गई मुहिम का किसानों द्वारा भरपूर प्रोत्साहन मिल रहा है।
उन्होंने बताया पिछले दिनों में इस मुहिम के दौरान राज्य में किसानों द्वारा खरीद की गई कृषि सामग्री के कोई 2000 से अधिक किसानों से बिल चैक किये। जहाँ बिल की अनुपस्थिति वाले किसानों को इस संबंधी जागरूक किया, वहीं लापरवाही करन वाले डीलरों को लताड़ा भी गया।
स. पन्नूं ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा गाँवों में कैंप लगा कर किसानों को इन बिलों की महत्ता संबंधी जागरूक किया जायेगा। उन्होंने आगे बताया कि कच्ची पर्ची या एस्टीमेट बिल कोई बिल नहीं होता। उन्होंने किसानों से अपील की कि कोई भी कृषि वस्तु बिना पके बिल से न खऱीदी जाये क्योंकि ऐसी वस्तु ग़ैर मानक होती हुई किसान के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
डीलरोंं से अपील करते उन्होंने कहा कि डीलर भी बिना बिल की गैर-कानून्नी प्रक्रिया से हट कर कृषि वस्तुएँ बेचतेे समय पक्का बिल देने के लिए शुरु की गई मुहिम में अपना बनता योगदान डालेें।

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