कम कीमत पर बिजली मुहैया करवा रही है रुफ टॉप सौर प्रणाली

– प्रदेश में 1105  लाभार्थी  24075 किलो वाट के रुफ टाप सोलर प्लांट लगा चुके हैं
– एक किलोवाट से एक मैगावाट तक बिजली कर सकता है रुफ टाप सौर सिस्टम
चंडीगढ़ :  लोगों को सस्ती बिजली मुहैया करवाने के उद्देश्य से पंजाब एनर्जी डेवलेपमेंट एजेंसी की ओर से बेहतरीन प्रयास किया जा रहा है। विभाग की ओर से रुफ टाप नैट मीटरिंग सौर परियोजना चलाई जा रही है जिसको लोग खासा पंसद कर रहे हैं।
बिजली व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री गुरप्रीत सिंह कांगड़  ने कहा कि रुप टॉप नैट मिटरिंग सौर प्रणाली ऐसा उपाय है जिसमें हम जरुरत के मुताबिक बिजली का प्रयोग कर सकते हैं जिससे बिजली के बिल में भारी कमी आ जाती है। रुफ टॉप सौर प्रणाली उपभोक्ता की छत पर या खाली स्थान पर लगा सोलर फोटोवालटिक पावर सिस्टम है, जो सूर्य की रोशनी से बिजली पैदा करता है। पंजाब में रुफ टाप सोलर पावर जनरेशन को उत्साहित करने के लिए नैट मीटरिंग व टैक्नीकल स्टैंडर्ड पालिसी 2014 में जारी की गई थी।
 इस स्कीम के अंतर्गत 2017-18 में लगभग 250 के करीब लाभार्थी व अब तक कुल 1105  लाभार्थी  24075 किलो वाट के रुफ टाप सोलर प्लांट लगा चुके हैं। लगभग 3000  किलोवाट के रुफ टाप सोलर प्लांट अभी निर्माणाधीन है। अगर सोलर प्लांट 80 प्रतिशत सेंक्शन लोड के हिसाब से लगाया गया है तो उपभोक्ता का बिजली का बिल 80 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
श्री कांगड़ ने कहा कि सौर ऊर्जा उन्नति का प्रमुख स्त्रोत है। आबादी, उद्योग, व्यापार बढऩे के कारण ऊर्जा की जरुरत भी हर दिन बढ़ रही है। इसके साथ ऊर्जा के साधन जैसे कि डीजल, कोयला व पैट्रोल बड़ी तेजी से कम हो रहे है व अधिक समय के लिए यह ऊर्जा की जरुरत पूरी नहीं कर सकेंगे व बढ़ती हुई ऊर्जा की जरुरत को पूरा करने के लिए हमें नए व नवीकरणीय तरीके अपनाने होंगे। इस कारण आज के समय में हमें सौर ऊर्जा का पूरा प्रयोग करना चाहिए।
 उपभोक्ता खाली स्थान, घरों की छतों, फैक्ट्रियों , सरकारी, अर्ध सरकारी, लोकल बाडी द तरों , व्यापारिक स्थानों, इंस्टीट्यूटों, घरेलू कांप्लेक्स आदि व सौर ऊर्जा के एक किलोवाट से एक मैगावाट(एसी साइड) बैटरी के साथ बिना बैटरी वाले प्लांट स्थापित कर सकते हैं। इस सिस्टम के मुताबिक उपभोक्ता सौर ऊर्जा का निजी उपयोग कर सकता है व अतिरिक्त बिजली पी.एस.पी.सी.एल के ग्रिड में भेज सकता है। इसमें ऊर्जा की बैकिंग की सुविधा भी प्रदान की जाती है व यदि नैट मीटिरिंग पी.एस.पी.सी.एल की तरफ होता है भाव उपभोक्ता अतिरिक्त बिजली पी.एस.पी.सी.एल को देता और अतिरिक्त बिजली को एकत्र ऊर्जा के तौर पर उपभोक्ता  की ओर से उपयोग किया जाएगा। यह एकत्र की हुई ऊर्जा को अगले बिल में दर्शाया जाता है। प्रचून सप्लाई दर जो कि पी.एस.पी.सी.एल की ओर से मंजूर है के आधार पर ऊर्जा बिल दोनों आयात व निर्यात खपतकारों को जिस श्रेणी से संबंधित होंगे तैयार किया जाता है।
पेडा के सीईओ नरिंदर पाल सिंह रंधावा ने कहा कि पंजाब में सौर ऊर्जा का भंडार है जिसका उपयोग हम बिजली के तौर पर कर सकते हैं जो कि हमारे घरों व गलियों को रोशन कर सकता है। सोलर सिस्टम का फायदा यह है कि कम समय में लगाया जा सकता है व प्रति दिन इसकी मेटनेंस भी कम है। दूसरे रिवायती सिस्टमों के अलावा यह सिस्टम वातावरण अनुकूल है व एक बार लगाने के बाद यह सारा दिन बिजली पैदा करता है।  जो उपभोक्ता सोलर रुफ टाप प्रोजेक्ट लगाना चाहते हैं वह पेडा के पास पहुंच करें ताकि एम.एन.आर.ई भारत सरकार से निर्धारित शर्तों व हिदायतों के अनुसार मंजूरी प्राप्त की जा सकें। भारत सरकार एस.पी. वी सिस्टम लगाने के लिए 30 प्रतिशत कैपीटल सब्सिडी  दे रही है।

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