उद्धव की सरकार खतरे मे है ?

आदित्य ठाकरे की नींद उड़ी हुई है,
सूरज पंचोली की सांसें उखड़ी हुई हैं,
महेश भट्ट की पोल खुल रही है,
पूरी बॉलीवुड मुसीबत में है,
मुंबई पुलिस पर शक के बादल मंडरा रहे हैं,
उसकी विश्वसनीयता खतरे में है,
सबसे तेज चैनल की टीआरपी 60 परसेंट तक घट गई है।

अब नहीं होगी नाक, कान व गले की कोई समस्या अपनाएं ये आसान तरीका || Dr Amar Singh Azad||

एक गुमनाम सी स्ट्रगलर रिया चक्रवर्ती के कारण मुंबई की शान बॉलीवुड
और
उसकी स्कॉटलैंडयार्ड सरीखी पुलिस दोनों की छवि तार-तार हो चुकी है।

माता-पिता न घबराएं, इस तरीके से बढ़ेगी बच्चों की रुकी हुई हाईट || Dr Sujata Arya ||

क्या लगता है ?! यह सिर्फ सुशांत सिंह की हत्या के कारण हो रहा है?
नहीं, यह तो एक बहाना है,
एक मौका है जिसकी तलाश बहुत दिनों से देश का बहुसंख्यक हिंदू समाज प्रतीक्षा कर रहा था।
यह आक्रोश है पिछले दो पीढ़ियों के नैतिक
और
सामाजिक पतन की जिम्मेदार उस बॉलीवुड का,
जिसने नंगाई और उच्श्रृंखलता के ऐसे प्रतिमान गढ़े कि कमाठीपुरा की नगरवधुएं भी शर्मा जाएं।
कमीनगी को धर्म और बेहूदगी को ईमान बनाओगे तो ये दिन तो देखने ही पड़ेंगे।

बिना दवाई के मज़बूत होंगे आपके फेफड़े बस दिमाग में बिठा लें ये बातें || Dr HK Kharbanda ||

तुम्हारी छीछालेदारी से हम बहुत खुश हो रहे हैं,
और
खुश भी क्यों ना हों।

बॉलीवुड ने जो दोहरी मानसिकता दिखाई है
उसका पाप तो तुम्हें भोगना ही था।
पादरी और मौलवी को दीन का पक्का
और
साधु-संतों को हमेशा चोर,
बेईमान और अत्याचारी दिखाना,
हर मुस्लिम देशभक्त और हिंदू गद्दार,
बिल्ला नo 786 से पाकिस्तगी
और
श्री108 से घृणा,
भजन से दूरी
और
अली मौला से लगाव,
शंकर भगवान का अपमान, और
अजान से मुहब्बत…..
ड्रग्स…..
नारकोटिक्स…..
माफिया….
मर्डर….
आतंकवाद……
उफ्फ तेरी कुकर्मों की फेहरिस्त तो खत्म होने का नाम ही नही ले रही।
जो बोओगे वही तो काटोगे।

असल में अब आया है ‘ऊंट’ पहाड़ के नीचे,
आज ये अवार्ड वापसी,
अर्बन नक्सली,
वामी,
कामी,
खान्ग्रेसी,
सपाई,
मैमुना(ममता),
माया,
तथाकथित बुद्धूजीवी आदि चुप हैं,
डर है कहीं अगला नंबर हमारा न लग जाये।

अब लग रहा है मेरे देश की जनता अब जाग रही है,
देश वास्तव में अंगड़ाई ले रहा है।

खेल का मज़ा तो अब आ रहा है।

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