इस ‘चमत्कारी पेड़’ का हर हिस्सा करता है…पुराने से पुराने रोग को दूर

-डॉ.धर्मेन्द्र संधू

प्रकृति द्वारा मानव को दिया गया सबसे खूबसूरत उपहार पेड़-पौधे हैं। इन पेड़ों में सबसे ज्यादा बढ़ने वाला पेड़ है ‘बरगद‘। बरगद के पत्ते, जड़ और इसके तने से निकलने वाला दूध शरीर के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। लेकिन बरगद के यह हिस्से तभी फायदेमंद सिद्ध होते हैं अगर इनके इस्तेमाल के बारे में पूरी जानकारी हो।

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बरगद का वैज्ञानिक नाम फाइकस वेनगैलेंसिस है जबकि इसे अंग्रेजी में ‘बनियन ट्री’ कहा जाता है। बरगद के पेड़ से जुड़ी खास बात जो इसे अन्य पेड़ों से अलग करती है वह यह है कि बरगद का पेड़ कई सालों तक जीवित रहता है इसलिए इसे सदाबहार पेड़ कहा जाता है। इसकी जड़, छाल, पत्ते, फूल और फल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं। आयुर्वेद में बरगद के इन हिस्सों का उपयोग कई प्रकार के रोगों व सेहत समस्याओं के उपचार के लिए किया जाता है।

बरगद के पेड़ के फायदे

पेट की समस्याओं व दस्त में दिलाए आराम

बरगद के पेड़ के कोमल पत्ते पेट की समस्याओं में आराम देते हैं। इन पत्तों में पेट की जलन व गैस से राहत दिलाने वाले गुण पाए जाते हैं। दस्त की समस्या में बरगद के कोमल और नए निकले पत्तों को खाकर पानी पीने से फायदा होता है। साथ ही पत्तों के अलावा एक बताशे में दो-तीन बूंदें बरगद का दूध डालकर दिन में दो-तीन बार खाने से दस्त आने बंद हो जाते हैं। इसके अलावा बच्चों को दस्त लगने पर उनकी नाभि में बरगद का दूध लगाने से फायदा होता है।

दांतों और मसूढ़ों की समस्याओं में गुणकारी है बरगद की जड़

दांतों और मसूड़ों की समस्याओं को दूर करने के लिए बरगद के पेड़ की जड़ बेहद उपयोगी है। इस जड़ को नियमित रूप में चबाने से दांत मज़बूत बनते हैं और मसूड़ों से खून आना बंद होता है। इसके अलावा मुंह की बदबू से भी छुटकारा मिलता है।

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बालों को पोषण प्रदान करते हैं बरगद के पत्ते

बरगद के पत्ते चाहे सूखे हों चाहे हरे हर प्रकार से बालों के लिए लाभकारी हैं। बालों के झड़ने के बाद भी दोबारा बाल उगाने वाले गुण इन पत्तों में पाए जाते हैं। फिर से बाल उगाने के लिए बरगद के सूखे पत्तों को जलाकर राख बना लें। इस राख में अलसी का तेल मिलाकर लगातार मालिश करने से कुछ दिनों में ही फर्क दिखने लगता है। इसके अलावा बालों को मज़बूती प्रदान करने के लिए बरगद के पत्तों का रस निकालकर सरसों के तेल में मिलाकर गर्म करके मालिश की जा सकती है। ध्यान रखें कि रस केवल कोमल पत्तियों का ही निकालें।

शुगर के रोगियों के लिए फायदेमंद है बरगद की जड़

शुगर के रोग में बरगद का पेड़ फायदेमंद है। बरगद के पेड़ की जड़ का रस निकालकर पीने से ब्लड में शुगर लेवल कम होता है। लेकिन फिर भी इस प्रयोग को करने से पहले शुगर यानि मधुमेह के रोगी डाक्टर की सलाह जरूर लें।

मोच आने पर बरगद का दूध है उपयोगी

शरीर के किसी भी हिस्से पर चोट लगने या मोच आने पर बरगद का दूध फायदेमंद है। अंदरूनी चोट या मोच वाले स्थान पर बरगद के पत्तों व टहनियों से निकलने वाले दूध की मालिश करने से फायदा होता है। इस दूध का इस्तेमाल दिन में दो या तीन बार किया जा सकता है। इससे सूजन भी दूर होती है। साथ ही शरीर के बाहरी हिस्से पर चोट लगने पर बरगद के पेड़ के दूध में हल्दी मिलाकर बांधने से घाव जल्दी ठीक होता है।

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कमर दर्द से छुटकारा दिलाता है बरगद का दूध

कमर दर्द से छुटकारा दिलाने में बरगद का दूध मदद करता है। नियमित रूप में कमर को सेक देने के बाद बरगद के दूध की मालिश करने से फायदा होता है। अधिक लाभ के लिए बरगद के दूध में अलसी का तेल मिलाकर दिन में तीन बार मालिश कर सकते हैं। इस प्रकार मालिश करने से धीरे-धीरे कमर दर्द ठीक होने लगता है।

आलस व नींद को कम करते हैं बरगद के पत्ते

अगर आप को नींद ज्यादा आती है और आप आलस का शिकार हैं तो बरगद के पत्ते इस समस्या से निजात दिला सकते हैं। इसके लिए बरगद के सूखे हरे पत्तों का चूर्ण बना लें और एक चम्मच चूर्ण को पानी में डालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े में स्वाद अनुसार काला नमक मिलाकर पीने से ज्यादा नींद आने की समस्या दूर हो जाती है।

डिप्रेशन से छुटकारा दिलाता है बरगद का फल

मानसिक तनाव के चलते इंसान डिप्रेशन यानि अवसाद का शिकार हो जाता है। इससे छुटकारा पाने के लिए बरगद के पेड़ के फल खा सकते हैं। बरगद के फलों में पाए जाने वाले तत्व दिमाग में सेरोटोनिन के लेवल को बढ़ा देते हैं जिससे डिप्रेशन से निजात मिलती है।

फटी एडियों को ठीक करता है बरगद के पेड़ का दूध

फटी एडियों के उपचार में बरगद के पेड़ का दूध काफी कारगर है। इस दूध को फटी एडियों पर लगाकर तब तक मालिश करें जब तक यह दूध एडियों की दरारों तक पहुंचकर पूरी तरह से रच न जाए। लेकिन बरगद के दूध का इस्तेमाल करने से पहले पैरों को अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें।

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शरीर का कोई अंग जलने पर दवा का काम करते हैं पत्ते

शरीर का कोई हिस्सा अचानक जल जाए तो उस पर बरगद के कोमल पत्तों को पीसकर इसमें दहीं मिलाकर लगाएं। जले हिस्से पर इस लेप को लगाने से आराम और ठंडक मिलती है।
नोट
बरगद के पत्ते, फल, छाल, दूध व जड़ चाहे कई प्रकार के रोगों में फायदेमंद हैं फिर भी इनका उपयोग व सेवन किसी डाक्टर या आयुर्वेद के विशेषज्ञ की देखरेख व सलाह से करें।

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