-दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने जारी की रिपोर्ट
प्रदीप शाही
कोरोना वायरस (KOVID-19) से विश्व के 208 देशों के साढे 13 लाख नागरिक संक्रमित हो चुके हैं। जबकि 75 हजार 901 लोग काल का ग्रास बन चुके हैं। भारत में भी साढे 4858 लोग संक्रमित हो चुके हैं औऱ 137 लोगों की मौत भी हो चुकी है। वहीं देश की राजधानी दिल्ली की पुलिस के साइबर क्राइम विंग ने एक रिपोर्ट जारी कर सभी को चौंका दिया है कि पाकिस्तान टिक-टॉक सोशल साइट के माध्यम से भारत में मुस्लिम समुदाय के नागरिकों के माध्यम से नफरत का जहर फैलाने की कोशिशों में लगा हुआ है। ताकि मुस्लिम समुदाय के लोग कोरोना वायरस को रोकने के लिए भारत में लागू किए गए लॉकडाउन का उल्लंघन करें। रिपोर्ट अनुसार मौजूदा समय में कोरोना को फैलाने व नफरत की जहर उगलने वाले 35 हजार से अधिक वीडियो टिक-टॉक पर चल रही हैं। इतना ही नहीं इन टिक-कॉक वीडियो को 10 मिलियन से अधिक लोग देख भी चुके हैं। आईए, आपको विस्तार से दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के बारे जानकारी प्रदान करते हैं। हम एक बात साफ कर देना चाहते हैं कि हम केवल रिपोर्ट के बारे बता रहे हैं। हम किसी विशेष समुदाय के खिलाफ कोई भी टिप्पणी कर माहौल को खराब नहीं कर रहे हैं।
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दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम विंग ने एक सनसनीखेज 22 पेजों की रिपोर्ट को जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान मुसलमानों को भारत में कोविड-19 को रोकने के लिए लागू किए लॉकडाउन का उल्लंघन करने के लिए जानबूझ कर उकसा रहा है। यह एक दुष्प्रचार है। रिपोर्ट अनुसार टिक-ट़ॉक के अलावा व्हाटस-अप व फेसबुक पर चल रही यह वीडियो पाकिस्तान के अलावा मध्य पूर्व के क्षेत्र में फिल्माई गई हैं। यह वीडियो हिंदी में डब की गई है। वीडियो में चेहरों से मॉस्क को उतारना, सेहत मुलाजिमों की पिटाई करना, सोशल डिस्टेंस को न मानने की बातों को शूट किया गया है। साथ ही अन्य मुसलमानों को इस तरह से करने की अपील की जा रही है। गौर हो एक बात को बताना बेहद जरुरी है कि गाजियाबाद अस्पताल में तबलखी जमात के एक मुसलमान को नग्न अवस्था में घूमने औऱ अश्लील इशारे करने की खबर कुछ दिन पहले चर्चा में आई थी। जिसकी जानकारी सीएमओ ने पुलिस को दी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की वीडियो किसी के भी विचारों को प्रभावित कर सकती हैं।
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सबसे अधिक प्रचार टिक-टॉक पर हो रहा
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट अनुसार दुष्प्रचार वाली वीडियो सबसे अधिक टिक-टॉक पर देखी जा रही है। गौर हो टिक-टॉक कंपनी एक चाइनीज कंपनी है। इसके लिंक व्हाट-अप, फेसबुक, टिव्टर पर पाए जा रहे हैं। इस तरह की 35 हजार से अधिक वीडियो वायरल हो चुकी है। इन वीडियो क 10 मिलियन लोग देख भी चुके हैं। सबसे खास बात यह है कि यह 35 हजार वीडियो टिक-टॉक पर ही बनाई गई हैं। एक बात और भी बता दें कि मौलाना मौहम्मद साद (जमात के प्रमुख) की यू-टयूब पर जारी एक वीडियो में मरकज के किसी भी मुसलमान को कोरोना पॉजिटिव न होने का दुष्प्रचार किया जा रहा है। जबकि सेहत मंत्रालय की रिपोर्ट अनुसार मरकज के 650 लोग कोरोना के पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। यू-टयूब पर भी यह वीडियो लाखों की तादाद में लोगों की ओऱ से देखी जा चुकी है। इन वीडियो में सोशल डिस्टेंस का भी मजाक बनाया जा रहा है।
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रिपोर्ट ने दिए सुझाव
दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में 21 दिनों के लॉकडाउन कारण सोशल साइटस का प्रयोग आम दिनों में की तुलना में अधिक हो रहा है। ऐसे में सभी धर्मों के लोगों को चाहिए कि वह कानून का सही ढंग से पालन करें। साथ ही सोशल साइटस पर डाले गए दुषप्रचार करने वाले वीडियो को बिना देरी किए हटाएं। और इनका खंडन भी करें। साथ ही लॉकडाउन के नियमों का कड़ाई से पालन करें।
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टिक-ट़ॉक को क्यों न प्रतिबंधित किया जाए
टिक-टॉक के कारण समस्याएं उत्पन्न हो रही है। इस पर दुषप्रचार किया जा रहा है। जो देश के लिए किसी भी तरह से हित में नहीं है। ऐसे में क्यों न टिक-टॉक को प्रतिबंधित कर दिया जाए। आपको बता दें कि टिक-टॉक को बीते साल अप्रैल 2019 में दो सप्ताह के लिए भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया था। जिससे कंपनी को लाखों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा था। कुछ समय पहले यूएस के एक सेनेटर ने भी इस सोशल साइट पर प्रतिबंध लगाने का मामला उठाया था। क्योंकि टिक-टॉक एक चाइनिज कंपनी है। जो सारे डाटा को चीन सरकार से साझा करती है। भारत सरकार को भी इस मामले पर गंभीरता से विचार कर ठोस कदम उठाने चाहिए। ताकि भारत कोरोना के खिलाफ लड़ रही जंग को जीत सके।
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