590.97 करोड़ की लागत से राज्य के 30 स्थान बनेंगे पर्यटन के लिए आकर्षण का केंद्र-नवजोत सिंह सिद्धू

-सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री ने पर्यटन स्थानों के कायाकल्प करने के लिए उच्च अधिकारी के साथ की मीटिंग

-अधिकारियों और संबंधित पक्षों को एक वर्ष के अंदर प्रोजैकट मुकम्मल करने के निर्देश

-लैंड स्केपिंग, रैस्टोरैंट, पर्यटन की सुविधा पर विशेष ध्यान देने को कहा ; फंडों की कोई कमी नहीं रहेगी।

-सिद्धू ने अधिकारियों, नाइट फ्रैंक के प्रतिनिधियों और आभा नारायण लांबा के साथ प्रमुख स्थानों का टूर प्रोग्राम बनाया

-अहम स्थानों को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए होटल उद्योग के बड़े पक्षों का दिया निमंत्रण

-पी.पी.पी. मोड पर सरकारी रैस्टोरैंटें को कामयाबी के साथ चलाया जाएगा

-पर्यटन विभाग को पैरों पर खड़ा करने के लिए व्यापक और कारगर प्रोग्राम बनाया

-प्रवासी पंजाबियों को जड़ों के साथ जोडऩे के लिए पंजाब छह महीनों के अन्दर

-मुख्यमंत्री की स्वीकृति से कैनेडा, अमरीका और इंग्लैंड में अंतरराष्ट्रीय टूर आप्ररेटरों के साथ मीटिंग जल्द-सिद्धू

चंडीगढ़: पर्यटन विभाग को पैरों पर खड़ा करने और राज्य के अहम स्थानों को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए पंजाब के सांस्कृतिक और पर्यटन मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू ने आज विभाग के उच्च अधिकारियों को संबंधित पक्षों के साथ मीटिंग करके व्यापक और कारगर नक्शा बनाया। 

मीटिंग के विवरण जारी करते हुए स. सिद्धू ने बताया कि राज्य में स्थित विभिन्न 30 स्थानों को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए 590.97 करोड़ रुपए से मुकम्मल कायाकल्प की जायेगी। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा सभी स्थानों को पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने के लिए विभिन्न स्कीमों के अधीन प्रोजैकट बनाऐ गए हैं और इनके कायाकल्प करने के लिए फंडों की कोई कमी नहीं आयेगी। उन्होंने कहा कि अमृतसर पर्यटन केन्द्रों का केन्द्र होगा जहाँ इन 30 स्थानों में से 11 स्थान अमृतसर के आस-पास हैं। उन्होंने कहा कि सभी प्रोजैकट एक साल के अंदर मुकम्मल होंगे जिस संबंधित अधिकारियों को निर्देश के दिए हैं। इन स्थानों पर पर्यटन की सुविधा को ध्यान में रखते लैंड स्केप, रैस्टोरैंट और प्राथमिक सहूलताएं जैसे कि पार्किंग, शोचालय आदि का विशेष ध्यान रखा जायेगा।

सिद्धू ने ख़र्च किये जाने वाले फंडों का विवरण देते हुए बताया कि 590.97 करोड़ में से 344 करोड़ रुपए एशियन डिवैल्पमैंट बैंक से कजऱ्े के द्वारा लिए जा रहे हैं जिसकी स्वीकृति मिल गई है। इसके अलावा भारत सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम के द्वारा धार्मिक और ऐतिहासिक शहरों के विकास के लिए 96.97 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल गई है जिसको जारी करने का काम आखिरी पढ़ाव पर है।  इसी तरह अमृतसर शहर के लिए प्रसाद स्कीम के अंतर्गत 50 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में स्थित मुग़ल काल के साथ संबंधित ऐतिहासिक पर्यटन स्थानों को विकसित करने के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रोजैकट ‘मुग़ल सर्कट’ अधीन बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रोजेक्टों की कुल लागत 590.97 करोड़ रुपए है और इनके मुकम्मल होने के बाद ‘महाराजा सर्कट’ अधीन पंजाब के रियासती शहरों के लिए 100 करोड़ रुपए की अतिरिक्त प्रोजैकट रिपोर्ट बना कर भारत सरकार को भेजी जायेगी।

सिद्धू ने कहा कि आज की मीटिंग में अधिकारियों को कहा गया है कि वह सभी स्थानों का टूर प्रोग्राम बनाएं जिसमें वह ख़ुद सभी अधिकारियों और संबंधित कंसलटेंट पक्षों के साथ मिलकर दौरा करेंगे। पहले पड़ाव में 15 जून से अमृतसर, कलानौर, हरीके पत्तन, कपूरथला, हुसैनीवाला का चार दिवसीय दौरा किया जा रहा है जिसके दौरान स्थानों को देखने के अलावा स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भी मीटिंग की जायेगी जिससे प्रोजेक्टों का काम सुचारू तरीकों के साथ चले।

सिद्धू ने कहा कि विरासती और पुरातन इमारतों का संरक्षण करने में माहिर आभा नारायण लांबा जो आज की मीटिंग में विशेष तौर पर उपस्थित थे और नामी कंपनी फ्रैंक के प्रतिनिधि भी उनके साथ दौरा करेंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब में अहम पर्यटन थानों पर स्थित विभाग की सम्पत्तियोंं पर सरकारी होटल बनाने के लिए होटल उद्योग के बड़े संस्थानों को बुलाया गया है। उन्होंने कहा कि पिंकासिया (रोपड़) को पर्यटन के तौर पर विकसित करके फिर सरकार के लिए आय के साधन बनाना मुख्य उद्देश्य है। इसके अलावा राज्य के विभिन्न हिस्सों जैसे कि विरासत-ए-खालसा आनंदपुर साहिब, शहीद भगत सिंह म्युजिय़म खटकड़ कलाँ (नया शहर), मलोट -अबोहर रोड पर स्थित विभाग की जगह पर पी.पी.पी. मोड पर पर्यटन के लिए खाने -पीने के लिए रैस्टोरैंट आदि खोलने संबंधी भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अमृतसर में टाऊन हाल में उत्तम दर्जे की फूड स्ट्रीट पर्यटन के लिए आकर्षण का केंद्र होगी जिसके लिए टैंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है।

सिद्धू ने पर्यटन के लिए विकसित किए जाने वाले स्थानों के विवरण देते हुए बताया कि श्री दरबार साहिब अमृतसर में रोज़मर्रा के एक लाख से अधिक श्रद्धालू आते हैं। इसके अलावा अमृतसर में ही हेरिटेज स्ट्रीट, वागा-अटारी अंतरराष्ट्रीय सीमा, गोबिन्दगढ़ किला, जलियांवाला बाग़, पारटीशियन म्युजिय़म, बार मेमोरियल, पुल मोड़ां, भगवान वाल्मीक जी तीर्थ स्थान, फूड स्ट्रीट, महाराजा रणजीत सिंह स्मरण पैलेस (राम बाग़), साढा पिंड स्थित है। इसके अलावा रोपड़ में महाराजा रणजीत सिंह और लार्ड विलियम बैटिंग संधि स्थान, किला बठिंडा, किला पट्टी, बहादरगढ़ किला (पटियाला), थीम पार्क चमकौर साहिब, आम-ख़ास बाग़ सरहन्द, कलानौर (मुग़ल बादशाह अकबर का ताजपोशी स्थान), समाध बाबा आला सिंह जी, शहीद-ए-आजम स. भक्त सिंह म्युजिय़म खटकड़ कलाँ, जंग -ए -आज़ादी करतारपुर, सराए लश्करी खान दोराहा, सराए शंभू, सराए नूर महल, बनासर बाग़ संगरूर, राष्ट्रीय शहीदों की यादगार हुसैनीवाला, दरबार हाल कपूरथला, मौरिस मस्जिद कपूरथला शामिल हैं।

सिद्धू ने कहा कि प्रवासी पंजाबियों को जड़ों के साथ जोडऩे और राज्य को पर्यटन क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए पंजाब अगामी छह महीनों तक पूरी तरह तैयार हो जायेगा और अगामी शीत ऋतु के मौसम में पंजाब के पर्यटन स्थान आकर्षण का केंद्र होंगें। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की स्वीकृति के साथ कैनेडा, अमरीका, इंग्लैंड आदि देशों के अंतरराष्ट्रीय टूर आपरेटरों के साथ मुलाकात करने जाएंगे जिससे पंजाब विश्व स्तर पर पर्यटन को आकर्षित सके। उन्होंने कहा कि राज्य की आर्थिकता को सुधारने में पर्यटन विभाग अहम रोल निभाएगा।

आज की मीटिंग में विभाग के सचिव श्री विकास प्रताप, डायरैक्टर श्री शिव दुलार सिंह ढिल्लों, आभा नारायण लांबा समेत अन्य अधिकारी और कंसलटेंट उपस्थित थे।

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