सरकार के साथ बातचीत से पहले, कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने निकाली ट्रैक्टर रैली

नयी दिल्ली, 07 जनवरी

सरकार से बातचीत से पहले हजारों किसानों ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बृहस्पतिवार को प्रदर्शन स्थल-सिंघू, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर और हरियाणा के रेवासन में ट्रैक्टर रैली निकाली। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने कहा कि 26 जनवरी को हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले ट्रैक्टरों की प्रस्तावित परेड से पहले यह महज एक ‘‘रिहर्सल’’ है।

इस पावन स्थान का इतिहास जानना है जरूरी, आपकी आंखें हो जाएंगी नम

भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के प्रमुख जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि 3500 से ज्यादा ट्रैक्टरों और ट्रॉलियों के साथ किसान मार्च में हिस्सा ले रहे हैं। पंजाब के बड़े किसान संगठनों में से एक उगराहां ने कहा कि वह तीन कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी बात पर राजी नहीं होंगे।

इस आसान तरीके से घर बैठे दूर करें शरीर का हर दर्द || Acharya Mehul Shastri ||

केन्द्र सरकार और किसान संगठनों के बीच शुक्रवार को आठवें दौर की बातचीत होनी है। प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सोमवार को सातवें दौर की बैठक बेनतीजा रही थी क्योंकि किसान तीनों कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर डटे हुए हैं।

ये आसन कर लिया तो हर रोग से मिलेगा छुटकारा, जानें आसान तरीका || Dr. Vijata Arya ||

दिल्ली पुलिस और हरियाणा पुलिस के कर्मियों की भारी तैनाती के बीच ट्रैक्टर पर सवार किसानों ने सुबह 11 बजे कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे की ओर मार्च शुरू किया। अपने ट्रैक्टरों पर बैठे, प्रदर्शन कर रहे किसान अपने प्रदर्शन स्थलों से निकले, वाहनों पर उनका मनोबल बढ़ाने के लिए ‘स्पीकरों’’ में गाने बज रहे थे। उनके अन्य साथी किसान मूंगफली, नाश्ता, चाय, और समाचार पत्रों आदि सामान के साथ रास्तों में खड़े भी दिखे।

गाजीपुर से भाकियू नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में ट्रैक्टर मार्च पलवल की तरफ बढ़ा है। संयुक्त किसान मोर्चा के एक वरिष्ठ सदस्य अभिमन्यु कोहाड़ ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आगामी दिनों में हम तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज करेंगे। आज के मार्च में हरियाणा से करीब 2500 ट्रैक्टर आए हैं।’’

उन्होंने, ‘‘हम आगाह करना चाहते हैं कि अगर सरकार हमारी मांगें स्वीकार नहीं करेगी तो किसानों का प्रदर्शन आगे और तेज होगा।’’ सिंघू से टिकरी बॉर्डर, टिकरी से कुंडली, गाजीपुर से पलवल और रेवासन से पलवल की तरफ ट्रैक्टर रैलियां निकाली गयी है।

पंजाब के होशियापुर से ट्रैक्टर रैली में हिस्सा लेने पहुंचे हरजिंदर सिंह ने कहा, ‘‘ सरकार एक के बाद एक बैठक कर रही है। उन्हें पता है हमें क्या चाहिए। हम चाहते हैं कि कानून वापस लिए जाए लेकिन हमें सिर्फ बेकार की बैठकें मिल रही हैं। इस रैली के जरिए, हम 26 जनवरी को क्या करेंगे उसकी महज झलक दिखा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आज की रैली, केवल दिल्ली की सीमा पर हो रही है, लेकिन एक बार जब हमारे किसान नेता राजधानी में दाखिल होने का निर्णय करेंगे, तो हम वह भी करेंगे।’’

भीषण ठंड, बारिश के बावजूद पंजाब, हरियाणा और देश के कुछ अन्य भागों के हजारों किसान पिछले 40 दिनों से ज्यादा समय से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं। किसान कृषि कानूनों को निरस्त करने, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी देने तथा दो अन्य मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस साल सितम्बर में अमल में आए तीनों कानूनों को केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश किया है। उसका कहना है कि इन कानूनों के आने से बिचौलिए की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकेंगे।

दूसरी तरफ, प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि इन कानूनों से एमएसपी का सुरक्षा कवच खत्म हो जाएगा और मंडियां भी खत्म हो जाएंगी तथा खेती बड़े कारपोरेट समूहों के हाथ में चली जाएगी।

-Nav Gill/ Agency

LEAVE A REPLY