जानिए कहां दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग ?

भारतीय जन मानस में आरंभ से ही ईश्वर के प्रति श्रद्धा व आस्था रही है। हिन्दू धर्म में ईश्वर के कई रूपों की अराधना की जाती है। हिन्दू धर्म से संबंधित प्राचीन मंदिर भक्तों की आस्था का केन्द्र हैं। पूरे भारत में विभिन्न देवी-देवताओं से संबंधित मंदिर मौजूद हैं। कुछ मंदिर इतने प्राचीन व रहस्यमयी हैं कि विज्ञान भी इन मंदिरों का रहस्य जानने में असफल रहा है। पूरे देश में भगवान शिव से संबंधित मंदिर मौजूद हैं। प्रत्येक मंदिर का अपना इतिहास है और अपनी मान्यता है। देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु इन मंदिरों में भगवान शिव के दर्शन करने के लिए आते हैं। ज्यादातर मंदिरों में भगवान शिव शिवलिंग रूप में दर्शन देते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव की महिमा अपरम्पार है। आज हम आपको भगवान शिव के एक ऐसे अदभुत मंदिर के बारे में बताएंगे जहां पर स्थापित शिवलिंग रंग बदलता है। विज्ञान भी आज तक इस रहस्य को नहीं समझ पाया कि आखिर क्यों इस शिवलिंग का रंग बदलता रहता है। यह मंदिर राजस्थान में स्थित है।

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दिन में तीन बार बदलता है शिवलिंग का रंग
राजस्थान के धौलपुर में स्थित भगवान शिव से संबंधित ‘अचलेश्वर महादेव मंदिर’ में स्थापित शिवलिंग का रंग दिन में तीन बार बदलता है। चमत्कारी ढंग से सुबह के समय इस शिवलिंग का रंग लाल, दोपहर को केसरिया और शाम को सांवला हो जाता है। शिवलिंग का रंग बदलने के पीछे क्या कारण हैं? इसके पीछे क्या रहस्य है? यह आज भी वैज्ञानिकों के लिए पहेली बनी हुई है। कहा जाता है कि यह रहस्यमयी मंदिर हज़ारों साल पुराना है।

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बीहड़ में मौजूद है यह मंदिर
भगवान शिव का यह रहस्यमयी मंदिर राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। यह इलाका चंबल के बीहड़ों के लिए काफी प्रसिद्ध है। इस इलाके में किसी समय में डाकूओं व लुटेरों का राज हुआ करता था।

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नहीं जान पाया कोई गहराई
आसपास के लोगों का कहना है कि शिवलिंग के रंग बदलने के इस रहस्य को समझने के लिए खुदाई की गई थी तो इस मंदिर के एक और रहस्य का पता चला कि इस अदभुत शिवलिंग की गहराई का भी कोई अंत नहीं है। काफी देर खुदाई करने के बाद भी गहराई नापी नहीं जा सकी। इस मंदिर के बारे में एक और रहस्मयी बात यह है कि शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल धरती में ही समा जाता है।

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पूजा करने से मिलता है मनचाहा जीवन साथी
माना जाता है कि अचलेश्वर महादेव मंदिर में पूजा करने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है। शिवलिंग के दर्शन करने से अविवाहित लोगों की अच्छा जीवन साथी पाने की मनोकामना पूरी होती है। खासकर युवा लड़के-लड़कियां विवाह, नौकरी इत्यादि की मन्नतें मांगने इस मंदिर में आते हैं। मान्यता है कि भगवान शिव सभी की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
इस मंदिर तक बहुत कम लोग ही आते हैं क्योंकि मंदिर तक पहुंचने का रास्ता ऊबड़-खाबड़, कच्चा व पत्थरीला है। अचलेश्वर महादेव मंदिर में पंच धातु से बनी नंदी जी की विशाल मूर्ति भी आकर्षण का केन्द्र है।
अचलेश्वर महादेव मंदिर के शिवलिंग के रंग बदलने के पीछे कौन सा रहस्य है? कौन सा विज्ञान है? आज तक कोई नहीं समझ पाया। पुरातत्व विभाग भी यहां पर कार्य कर चुका है। लेकिन हर कोई इस ईश्वरीय रहस्य व शक्ति के आगे हार मान चुका है।
धर्मेन्द्र संधू

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