राज्य में कोविड-19 के संदिग्ध मरीज़ों की जांच के लिए शुरू की गई पूल्ड विधि-सोनी

-पूल्ड विधि के उत्साहजनक नतीजे सामने आए
-पूल्ड विधि से होगी टेस्ट सामथ्र्य में 3 से 4 गुना बढ़ोत्तरी
पंजाब राज्य की वायरल रिर्सच डायगनोस्टिक लैब (वी.आर.डी.एल.) में कोविड-19 के संदिग्ध मरीज़ों की जांच के लिए पूल्ड विधि शुरू की गई है जिसके नतीजे बहुत ही ज़्यादा उत्साहजनक हैं।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए पंजाब के चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान मंत्री श्री ओम प्रकाश सोनी ने बताया कि पंजाब राज्य की वी.आर.डी.एल. लैबों द्वारा जो पूल्ड टेस्टिंग के द्वारा मूल्यांकन किया गया, उनमें से कोई भी नतीजा गलत नहीं मिला।
इस विधि संबंधी जानकारी देते हुए श्री सोनी ने बताया कि इस विधि के अनुसार टेस्टिंग ऐल्गोरिदम में एक से अधिक मरीज़ों के नमूनों के पूल किये गए नमूनों को शामिल करके जांच की जाती है और यदि इस पूल्ड टेस्ट का नतीजा पाजि़टिव आए, तो इसके बाद पूल में शामिल व्यक्तियों के व्यक्तिगत टेस्ट किए जाते हैं। रिपोर्ट नेगेटिव होने की स्थिति में टेस्ट में शामिल संदिग्ध मरीज़ों की रिपोर्ट को नेगेटिव घोषित कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि पूल्ड टेस्टिंग नमूनों में वायरस की जांच बहुत सटीकता से हो रही है, जिसके परिणाम स्वरूप मौजूदा स्रोतों के साथ ही टेस्टिंग सामथ्र्य में 3 से 4 गुना विस्तार होगा।
मंत्री ने कहा कि जर्मनी और इजऱाइल के शोधकर्ताओं ने इस विधि की पहले ही पुष्टी कर दी है और आई.सी.एम.आर. ने पूल्ड टेस्टिंग सम्बन्धी 13 अप्रैल को सलाह जारी की थी जिसमें बताया गया था कि इस विधि का प्रयोग कैसे करना है, जिसकी पंजाब की वी.आर.डी. लैब्स द्वारा हू-ब-हू पालना की जा रही है और तुरंत इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया था, इससे न केवल लागत में बल्कि टेस्ट किटों की भी बचत हो रही है, जिसकी पूरे विश्व में सीमित आपूत्तर््िा है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री ओ.पी. सोनी ने प्रयोगशालाओं में दिन-रात मेहनत करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ की सराहना करते हुए कहा कि इस तकनीक का सफल तजुर्बा करके उन्होंने राज्य के निवासियों को स्वास्थ्य सुरक्षा देने की दिशा में बड़ा काम किया है, इसके साथ ही कीमती संसाधनों की भी बचत करने के लिए काम किया है।
इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के प्रमुख सचिव श्री डी.के. तिवाड़ी भी उपस्थित थे।

LEAVE A REPLY