याददाश्त के साथ कई और बीमारियां करे ठीक, घर में बना….

वंदना
जैम यानि मुरब्बा जिसे सभी खाना पसंद करते हैं| कुछ ऐसे जैम हैं जिनको हम घर में आसानी से बना सकते हैं | उन्हीं में से एक हैं गुलकंद | गुलकंद जिसे गुलाब की पत्तियों से बनाया जाता है| गुलकंद को अक्सर मिठाईयों, पान आदि में खाया जाता है। आयुर्वेद में गुलकंद का सेवन करना काफी लाभकारी माना गया है।


गुलकंद के फायदे

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मोटापा करे कम
गुलकंद के औषधीय गुण के कारण वजन घटाने के लिए गुलकंद का प्रयोग किया जा सकता है।गुलाब की पत्तियों में फैट नहीं होता है इसलिए वजन घटाने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है| लो फैट होने के कारण मोटापा भी नहीं बढ़ता है।

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आंखों की सूजन करे दूर
गुलकंद की तासीर ठंडी होती है इसलिए दिन में दो बार एक एक चम्मच गुलकंद खाने से आंखों में होने वाली सूजन और आंखों के लाल होने की समस्या से छुटकारा मिल जाता है |

मुंह के छालों को करे ठीक
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी से मुंह में छाले हो सकते हैं और गुलकंद में विटामिन-बी की कुछ मात्रा पाई जाती है जो मुंह के छालों से आसानी से छुटकारा दिला सकती है | गुलकंद की तासीर ठंडी होती है जिससे मुंह के छालों की गर्मी को कम हो जाती है और छाले जल्दी ठीक हो जाते है।

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याददाश्त करे ठीक
गुलकंद में एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो याददाश्त बढ़ाने में फायदेमंद साबित होते है। एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार एंटी-ऑक्सीडेंट गुण सीखने और याददाश्त क्षमता को बेहतर करने के लिए सकारात्मक असर दिखाते है |

हृदय रखे ठीक
गुलाब की पत्तियों से बने गुलकंद में मैग्नीशियम होता है। मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर और ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कंट्रोल करता है। जिससे हृदय स्वस्थ रहता है |

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पेट की समस्याएं करे दूर
गुलाब की पत्तियां बहुत ही गुणकारी मानी जाती हैं। इससे बने गुलकंद का प्रयोग पाचन तंत्र को सुधारने और कब्ज जैसी समस्या को ठीक करने के लिए किया जा सकता है| नियमित रूप से दिन में दो बार एक एक चम्मच गुलकंद खाने से पेट में बन रही गैस भी खत्म हो जाती है क्योंकि गैस की समस्या का एक मुख्य कारण अपच (Indigestion) भी है। गुलकंद में मैग्नीशियम होता है जो कब्ज की समस्या को दूर करता है| यह पेट के अल्सर और आंतों की सूजन को कम करने के लिए भी लाभकारी होता है। कब्ज़ होने पर इसे रात में खाना चाहिए | एक चम्मच गुलकंद को दूध में उबालकर रात में लेने से कब्ज़ दूर होती है |

थकान और मानसिक तनाव जल्द करे ठीक
गुलकंद में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट ,शरीर को ऊर्जावान बनाने और तंत्रिका तंत्र को शांत रहने में मदद करते है जिससे तनाव दूर होता है। इसके अलावा, गुलकंद की तासीर ठंडी होने के कारण यह थकान दूर करने में भी मददगार साबित होता है | इससे बना जैम सुबह नाश्ते में खाने से थकान नहीं होती है |

सन-स्ट्रोक से करे रक्षा
गर्मियों में गुलकंद का सेवन करने से शरीर को ठंडक मिलती है| जिससे सन-स्ट्रोक, नाक से खून निकलने जैसी बीमारियों से रक्षा होती है |

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त्वचा के लिए उपयोगी
रोजाना गुलकंद खाने से शरीर से सभी तरह के टॉक्सिन निकल जाते हैं जिससे रक्त शुद्ध होता है और ब्लैक-हेड्स, मुंहासे और पिंपल्स जैसी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। गुलकंद स्किन के लिए एक टॉनिक की तरह काम करता है।

कैसे बनाएं गुलकंद
गुलकंद को बड़ी आसानी से घर में बनाया जा सकता है। सबसे पहले गुलाब की पंखुड़ियों को अच्छी तरह धो कर एक कपड़े पर फैला कर सूखा लेना चाहिए वरना फंगस लग सकती है। अब इन सूखी हुई पंखुड़ियों को चौडें आकार वाले कांच के बर्तन में रख लेना चाहिए और ढक्कन भी ठीक से टाइट बंद कर देना चाहिए ।
अब इस बर्तन में रखी गई गुलाब की पंखुड़ियों पर मिश्री डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें या फिर एक परत गुलाब की पंखुड़ियां और एक परत मिश्री की डाल कर भी रख सकते है | फिर इसमें ऊपर से पीसी हुई इलाइची और पीसी हुई सौंफ मिलाकर कांच के बर्तन को अच्छी तरह से कसकर बंद कर दें। इसे आठ से दस दिनों तक धूप में रखें और बीच-बीच में इसे हिलाते रहें। मिश्री से रस निकल जाने के बाद, गुलाब की पंखुड़ियां इसमें पिघल जाएंगी और अब यह खाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है | गुलकंद को ब्रेड पर लगाकर या दूध के साथ उबालकर या लड्डू के रूप में या सीधे तौर पर भी खाया जा सकता है।

गुलकंद के फायदे तो हैं पर कुछ नुकसान भी हैं| गुलकंद में मिश्री या चीनी होती है जो कि डायबिटीज को और भी बढ़ा सकती है| शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ने से हृदय रोग का जोखिम भी बढ़ सकता है इसलिए डायबिटीज के रोगी गुलकंद ना खाएं या डॉक्टर की सलाह लेकर ही खाएं। साथ ही अधिक मोटे लोगों को भी कम मात्रा में गुलकंद खाना चाहिए |

स्वस्थ रखने के साथ-साथ, रिफ्रेश रहने के लिए गुलकंद का सेवन करना लाभदायक होता है परन्तु गुलकंद किसी परेशानी का कारण ना बने इसलिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें |

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