यह मंत्र नहीं मेडिसन भी है…बस करें यह छोटा सा जाप

ढाई अक्षर के शब्द ॐ में पूरे ब्रह्माण्ड का सार समाहित है। ॐ को भारतीय सनातन संस्कृति का मूल आधार भी माना जाता है। कहा जाता है जब संसार अस्तित्व में नहीं आया था तब भी ॐ रूपी प्राकृतिक ध्वनि की गूँज विद्यमान थी । मान्यता है कि इस धरती और ब्रह्माण्ड में कुछ भी स्थिर नहीं है। सब कुछ नश्वर है, इसके बाद भी ॐ की पावन ध्वनि ब्रह्माण्ड में गूँजती रहेगी।

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ओम का जाप करने से मानव शरीर में नई चेतना व ऊर्जा का संचार होता है। इसके निरंतर जाप या उच्चारण से शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक और बौद्धिक शांति मिलती है और साथ ही आत्मा भी सक्रिय होती है। तीन अक्षरों के सुमेल से बने इस मंत्र को अन्य मंत्रों का बीज मंत्र माना जाता है। ॐ के उच्चारण से मन-मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जिससे मानव मन आनन्द से भर जाता है। ॐ के उच्चारण व जाप को लेकर किए गए अध्ययनों में पाया गया है कि इसका उच्चारण शरीर को रोग और तनाव मुक्त करने में सहायक सिद्ध होता है।

किसी भी धार्मिक कार्य को शुरू करने से पहले सर्वप्रथम ॐ का उच्चारण करने का विधान है। धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ या शादी-विवाह में सबसे पहले ॐ का उच्चारण किया जाता है। धार्मिक ग्रन्थों में भी ओम का उल्लेख है साथ ही इन ग्रन्थों का आरंभ व अंत भी ओम से ही किया गया है।

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ॐ का अर्थ

ॐ शब्द मुख्य रूप से तीन अक्षरों से मिलकर बना है। इसमें का अर्थ उत्पन्न होना, “का अर्थ उठना व विकास, और का अर्थ मौन है। इसके अलावा भी ॐ शब्द में सम्मिलित अक्षरों का अर्थ वर्तमान, भूत और भविष्य भी किया जाता है। साथ ही इन तीन अक्षरों को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक भी माना जाता है। अगर ओम शब्द का सम्पूर्ण अर्थ किया जाए तो इसका अर्थ होता है-आदि, मध्य और अंत।

ओम का जाप या उच्चारण करने की विधि

सुबह के समय स्नान आदि करने के बाद इस पावन मंत्र का जाप किसी भी समय किया जा सकता है। लेकिन जमीन पर आसन लगाकर बैठकर पूर्व की तरफ मुख कर के किया गया जाप उत्तम माना जाता है। इसका उच्चारण 5, 7, 11 या 21 बार किया जा सकता है। ॐ का जाप माला से भी कर सकते हैं।

ॐ के जाप के आध्यात्मिक लाभ

धार्मिक व आध्यात्मिक दृष्टि से ॐ के जाप का विशेष महत्व है। ओम में त्रिदेवों का वास माना जाता है। इसीलिए अन्य मंत्रों के उच्चारण के पहले ॐ का उच्चारण होता है। जैसे ओम नमः शिवाय। ओम के उच्चारण से आत्मिक शांति मिलती है और मन एकाग्र हो जाता है। ओम के जाप के लिए एकांत व शांत माहौल होना जरूरी है। इसके निरंतर जाप से मन का विश्वास दृढ़ होता है और मन के डर दूर होते हैं। इंसान खुद को परमात्मा के नजदीक समझता है। ओम के उच्चारण से मन में अच्छे विचार आते हैं और इंसान जीवन चक्र व आत्मा-परमात्मा के रहस्य को अच्छी तरह से समझने लगता है।

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ॐ के जाप के स्वास्थ्य लाभ

तनाव होता है दूर

ॐ का निरंतर जाप करने से आत्मिक शांति तो मिलती ही है साथ ही स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। कई स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ होता है। मन की बेचैनी व मानसिक तनाव को दूर करने के लिए ओम का जाप करना चाहिए। इससे नकारात्मक विचार आने बंद होते हैं और सकारात्मक विचार पैदा होते हैं।

अच्छी नींद के लिए

दिन भर की थकावट को दूर करने के लिए आप रात को सोने से पहले ओम का उच्चारण कर सकते हैं। इससे मन शांत हो जाता है और शरीर व दिमाग को आराम मिलता है। जिससे बढ़िया व भरपूर नींद आती है।

सांस संबंधी समस्याओं में है लाभकारी

ॐ का उच्चारण करने से सांस संबंधी समस्याओं में फायदा होता है। खासकर फेफड़ों के स्वास्थ्य के लिए इसका उच्चारण लाभकारी है। इससे शरीर में कंपन पैदा होती है जो सांस संबंधी समस्याओं में आराम देती है।

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बढ़ती है स्मरण शक्ति

ॐ के निरंतर उच्चारण से दिमाग की कार्य क्षमता में सुधार होता है। जिससे स्मरण शक्ति तेज होती है। इसके उच्चारण से दिमाग से संबंधित रोगों का खतरा भी कम हो जाता है। बच्चों के दिमागी विकास, एकाग्रता बढ़ाने के लिए व उन्हें आध्यात्म से जोड़ने के लिए ॐ के उच्चारण का अभ्यास जरूर करवाना चाहिए।

दिल की कार्य क्षमता को बढ़ाए

ॐ का उच्चारण दिल के लिए भी लाभदायक सिद्ध होता है। इसके उच्चारण से खून का प्रवाह सही रहता है जिससे शरीर में आक्सीजन का स्तर बढ़ता है। और साथ ही ब्लड प्रेशर की समस्या में भी धीरे-धीरे आराम मिलना शुरू हो जाता है।

पाचन तंत्र होता है मज़बूत

इसका उच्चारण पाचन तंत्र पर भी प्रभाव डालता है। इससे पाचन शक्ति बढ़ती है और पेट की समस्याओं में आराम मिलता है। ॐ के उच्चारण से पैदा होने वाली कंपन से पाचन शक्ति मज़बूत होती है।

रीढ़ की हड्डी के लिए है उपयोगी

ओम का जाप करने से रीढ़ की हड्डी पर भी प्रभाव पड़ता है। उच्चारण करने के लिए जमीन पर आसन लगाकर बैठने से रीढ़ की हड्डी की कार्य क्षमता बढ़ती है। उच्चारण के समय पैदा होने वाली कंपन भी रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद सिद्ध होती है।

थाइरायड की समस्या से दिलाए छुटकारा

थाइरायड की समस्या में भी ओम का उच्चारण करने से फायदा होता है। उच्चारण के समय गले में होने वाली कंपन थायरायड ग्रंथि को प्रभावित करती है। निरंतर ओम का उच्चारण करके थाइरायड की समस्या से निजात पाई जा सकती है।

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धर्मेन्द्र संधू

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