यह पत्ता देता है रोगों को मात… इसे चबाकर भूल जाएंगे सारे स्वाद

-देवी-देवता भी करते हैं इस पत्ते में वास

-दो दर्जन रोगों से बचना है तो इसे चबाएं…

आज हम आपको एक ऐसी औषधि के बारे में जानकारी देंगे जिसका प्रयोग व सेवन सदियों से किया जा रहा है। एक ओर तो इसका  धार्मिक अनुष्ठानों में विशेष महत्व है तो दूसरी ओर यह औषधीय गुणों से भरपूर है। यह औषधि ‘पान का पत्ता’ है जिसे शौक से चबाया जाता है। संस्कृत भाषा में इसे ‘तांबुल’ कहते हैं। हिन्दू मान्यता के अनुसार पान के पत्ते में विभिन्न देवी देवताओं का वास होता है। स्कंद पुराण के अनुसार देवताओं द्वारा किए गए समुद्र मंथन के दौरान पान के पत्ते का प्रयोग किया गया था। इस लिए धार्मिक अनुष्ठानों में प्रयुक्त होने वाली पूजा सामग्री में पान के पत्ते का विशेष महत्व है। किन्तु आज हम आपको पान के पत्ते के औषधीय गुणों के बारे में बताएंगे। पान के पत्ते में कार्बोहाइड्रेटस, विटामिनस और अमीनो एसिड के साथ ही वाष्पशील तेल पाए जाते हैं।

पान के पत्ते के औषधीय गुण

बेहतरीन एंटीसेप्टिक

पान के पत्तें में एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं। पान के पत्ते का प्रयोग केवल खाने के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि इसमें एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं। छोटी-मोटी खरोंच या चोट लगने पर उस जगह पर पान का पत्ता बांधने से आराम मिलता है और घाव जल्दी भरता है।

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मसूडों की समस्याओं से दिलाए राहत

मसूडों से खून आने पर भी पान का पत्ता लाभदायक सिद्ध होता है। इस समस्या में पान के पत्ते को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ला करने से फायदा होता है। इस पानी के गरारे भी किए जा सकते हैं। इससे मसूड़ों की सूजन भी कम होती है।

पाचन तंत्र को करे ठीक

पान का पत्ता खाने से पाचन तंत्र में सुधार होता है। पान के सेवन से सेल्विरी ग्लैंड सक्रिय हो जाते हैं जिससे लार ज्यादा बनती है। जिससे भोजन को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ने में आसानी होती है। कब्ज़ की समस्या में भी पान के पत्ते चबाने से राहत मिलती है और गैस्ट्रिक अल्सर में भी फायदा होता है।

मुंह की दुर्गन्ध को करे दूर

पान के पत्ते में पाए जाने वाले तत्व मुंह में दुर्गन्ध पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करते हैं। पान के पत्ते के साथ प्रयोग होने वाले इलायची, लौंग और कत्था भी मुंह की दुर्गंध को दूर करते हैं। पान खाने से लार में एस्कार्बिक एसिड का लेवल सही बना रहता है और मुंह की बीमारियों का खतरा कम होता है।

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शरीर की बदबू और खुजली से दिलाए राहत

शरीर पर हो रही खुजली को दूर करने के लिए पान के पत्तों को पानी में उबालकर नहाने से राहत मिलती है। साथ ही अगर आपके शरीर से बदबू आती है तो दोपहर के समय पान के दो पत्तों को उबालकर उस पानी का सेवन करने से फायदा होता है।

गले संबंधी समस्याओं में दिलाए आराम

गले की खराश व सर्दी-जुकाम में भी पान के पत्ते फायदेमंद हैं। खासकर गायकों के लिए पान का सेवन अधिक फायदेमंद रहता है। पान के पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से गले की खराश में आराम मिलता है। पान के पत्ते का नियमित रूप से सेवन करने से मोटी हो रही आवाज़ पतली हो जाती है। इसके साथ ही कफ से निजात पाने के लिए पान के पत्तों और चीनी को पानी में उबालकर पीने से कफ की समस्या में लाभ होता है।

आंखों की लाली को करे कम

थकान के कारण या फिर रात को ज्यादा देर तक जागने के कारण अक्सर आंखों में लाली आ जाती है और आंखें एकदम लाल हो जाती हैं। इस समस्या में पान के पत्तों को पानी में उबालकर उस पानी के आंखों पर छींटे मारने से आराम मिलता है।

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नकसीर फूटने पर करें इसका प्रयोग

कुछ लोग नकसीर फूटने की समस्या से परेशान रहते हैं। इसके लिए पान के पत्ते को सूंघने से फायदा होता है और बहती हुई नकसीर बंद हो जाती है।

मुंह के कैंसर से करे बचाव

पान के पत्ते में पाए जाने वाले एब्सकोर्बिक एसिड और एंटी आक्सीडेंट मुंह के कैंसर के लिए जिम्मेदार तत्वों को खत्म करते हैं लेकिन इसके लिए बिना तम्बाकू के पान के पत्ते को चबाना लाभदायक रहता है।

वजन कम करने में करे मदद

जो लोग अपना वजन कम कर रहे हैं उनके लिए पान के पत्ते चबाना लाभदायक हो सकता है। इसके सेवन से शरीर का मेटाबोलिज्म बढ़ता है। पान के पत्ते चबाने से शरीर की फालतु चर्बी खत्म होती है और मोटापा कम होता है।

पान के सेवन के नुकसान

पान के पत्ते के सेवन से सेहत संबंधी समस्याओं में फायदा होता है साथ ही ज्यादा समय तक पान खाने से दांत खराब होने, मसूड़ों में सड़न होने और मुंह में अल्सर हो सकते हैं। रात के भोजन के बाद पान खाना फायदेमंद रहता है लेकिन इसके बाद सोने से पहले दांतों को अच्छे से साफ करना जरूरी है नहीं तो दांत खराब हो सकते हैं।

धर्मेन्द्र संधू

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