यह घरेलु नुस्खा…बदलते मौसम में भी रखेगा आपको सेहतमंद

वनस्पति में कुछ ऐसे पेड़-पौधे मौजूद हैं जिनके प्रत्येक भाग का प्रयोग किसी ना किसी रूप में किया जाता है। साथ ही यह पेड़-पौधे कई प्रकार के रोगों के इलाज में भी फायदेमंद होते हैं। भारतीय आयुर्वेद में भी इन औषधीय गुणों से भरपूर पेड़-पौधों के कुछ हिस्सों का प्रयोग रोगों के निदान के लिए किया जाता है। एक ऐसा ही पौधा है ‘सहजन’ जिसे ड्रमस्टिक और मोरिंगा के नाम से भी जाना जाता है। मोरिंगा शब्द तमिल भाषा के शब्द मुरुंगई से बना है  जिसका शाब्दिक अर्थ त्रिकोणीय रूप में मुड़ा हुआ फल होता है। सहजन के पेड़ पर साल में एक बार फूल आने के बाद आकार में पतला और लम्बा हरे रंग का फल लगता है। इस पेड़ का हर हिस्सा कई प्रकार के रोगों के इलाज में लाभदायक सिद्ध होता है। इसके अलावा इसके फल का प्रयोग सब्ज़ी के रूप में भी किया जाता है। साथ ही सहजन की जड़ और तेल का इस्तेमाल इत्र और दवाईयां बनाने के लिए होता है।

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सहजन का पौधा बीज के द्वारा भी उगाया जा सकता है और खास बात यह कि इसके पहले से लगे पौधे की टहनी से भी नया पौधा तैयार किया जा सकता है। इसकी जड़ व बीजों को हल्का पीसकर पानी में मिलाने से पानी में मौजूद हानिकारक तत्व अलग हो जाते हैं। सहजन का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में भी किया जाता है। इससे पशुओं का दूध बढ़ता है।

कहा जाता है कि सहजन की 100 ग्राम पत्तियों में 5 गिलास दूध के बराबर कैल्शियम और नींबू की बजाए 5 गुना अधिक विटामिन सी होता है। इसके अतिरिक्त सहजन में आयरन, प्रोटीन, मैंग्नीशियम और पोटैशियम आदि तत्व भी पाए जाते हैं।

सहजन के फायदे

बवासीर में है फायदेमंद

बवासीर के रोग में सहजन का सेवन करने से फायदा होता है। इसका नियमित रूप से सेवन करने से कब्ज और बवासीर जैसी समस्याओं में आराम मिलता है।

सर्दी-जुकाम में दे आराम

सर्दी-जुकाम होने पर सहजन की पत्तियां और फल फायदेमंद हैं। सहजन की पत्तियों और फल को पानी में उबालकर भाप लेने से बंद नाक खुलती है और सीने की जकड़न में भी आराम मिलता है।

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पाचन तंत्र में होता है सुधार

सहजन की पत्तियों में पाए जाने वाले तत्व फोलिक एसिड और विटामिन-बी काम्पलेक्स पाचन तंत्र में सुधार करते हैं जिससे भोजन आसानी से पचता है। इसके लिए सहजन की सूखी पत्तियों के पाउडर का गर्म पानी के साथ सेवन करने से फायदा होता है। इसके सेवन से पेट में पाए जाने ंवाले राउंड वर्म यानि पेट के कीड़े भी खत्म होते हैं।

बालों और चेहरे के लिए है लाभदायक

सहजन में प्रो-विटामिन, विटामिन-बी, बीटा-कैरोटीन और प्रोटीन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो चेहरे की चमक को बढ़ाते हैं और कील-मुंहासों के बाद पड़ने वाले दाग-धब्बे भी दूर होते हैं। साथ इसमें मौजूद यह पोषक तत्व बालों को मज़बूत बनाते हैं। इसके लिए सहजन की पत्तियों को पीसकर चेहरे व बालों में लगाने से फायदा होता होता है।

शरीर के विकास में है फायदेमंद

सहजन में मौजूद एंटी-आक्सीडेंट शरीर की कोशिकाओें की मरम्मत करने में मदद करते हैं। इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व शरीर की एनर्जी को को पूरा करते हैं जिससे जल्दी थकावट नहीं होती। नए टिशूस का निर्माण होता है और शरीर का विकास होता है।

महिलाओं के लिए है गुणकारी

सहजन के फूल महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद और गुणकारी हैं। बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए इसके फूलों का सेवन करना फायदेमंद रहता है क्योंकि इसके सेवन से दूध बढ़ता है। साथ ही सहजन के फूलों की चाय बनाकर पीने से महिलाओं में यूटीआई की समस्या में लाभ होता है।

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गुर्दे की पथरी से दिलाए निजात

सहजन के सेवन से गुर्दो में जमा फालतु कैल्शियम बाहर निकल जाता है। जिससे गुर्दों में पथरी नहीं बनती। साथ ही पथरी के कारण होने वाले दर्द और जलन से भी राहत मिलती है।

कैंसर से होता है बचाव

सहजन में पाए जाने वाले एंटीआक्सीडेंट कैंसर जैसे भयानक रोग से बचाव करते हैं। यह तत्व स्किन,फेफड़ों, लीवर और गर्भाशय के कैंसर से रक्षा करते हैं।

वजन घटाने में है फायदेमंद

सहजन को एक प्रभावशाली मूत्रवर्धक माना जाता है इसलिए यह वजन घटाने में सहायता करता है। इसके सेवन से शरीर में मौजूद फालतु पानी बाहर निकल जाता है। इसके सेवन से इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम होती है जिससे फालतु चर्बी या फैट जमा नहीं होती ।

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शूगर और कोलेस्ट्रोल के लेवल को करे कंट्रोल

सहजन शूगर के रोगियों के लिए फायदेमंद है। इसके सेवन से ब्लड शूगर का लेवल कम होता है और साथ ही कोलेस्ट्रोल के लेवल में कमी आती है। क्योंकि कोलेस्ट्रोल का सही लेवल होने से दिल के रोगों का खतरा कम हो जाता है।

रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए

सहजन की पत्तियों और फलियों को पानीे में उबालकर पीने या दाल इत्यादि में पत्तियों को डालकर सेवन करने से शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और बदलते मौसम के प्रभाव से शरीर का बचाव होता है।

सहजन सेवन के नुकसान

सहजन की पत्तियों में लैक्जेटिव तत्व पाया जाता है जिसके कारण इसका अधिक सेवन करने से पेट में गड़बड़ी हो सकती है और साथ ही सीने में जलन आदि समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके सेवन से खून पतला होता है इसलिए जिन लोगों का खून ज्यादा पतला है उन्हें सहजन के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं को सहजन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से गर्भपात का खतरा हो सकता है।

धर्मेन्द्र संधू

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