यहां हनुमान जी की नाभि से निकलता है चमत्कारिक जल… होता है रोगों का इलाज

भारतीय जन मानस में श्री राम भक्त हनुमान जी के प्रति अथाह श्रद्धा है। श्री हनुमान जी अपने भक्तों की बिगड़ी बनाने के साथ ही उनके सारे संकट हर लेते हैं। पूरे भारत में हनुमान जी को समर्पित प्राचीन मंदिर मौजूद हैं। इन मंदिरों में हनुमान जी की पूरे विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है। आज हम आपको हनुमान जी के एक ऐसे ही प्राचीन मंदिर के बारे में जानकारी देंगे। यह प्राचीन मंदिर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित है।

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जामसांवली हनुमान मंदिर

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में स्थित है जामसांवली हनुमानजी मंदिर। इस मंदिर में हनुमान जी शयनमुद्रा में विराजमान हैं। यह मंदिर दण्डकारण्य-सतपुड़ा मैकल पर्वत श्रृंखलाओं के बीच जाम नदी और सर्पा नदी के संगम स्थल पर नागपुर-छिंदवाड़ा मार्ग पर जामसांवली में स्थित है। मान्यता है कि यह प्रतिमा एक पीपल के पेड़ के नीचे से प्रकट हुई थी। लेकिन स्वयंभू हनुमान जी की मूर्ति को कब और किसने स्थापित किया, इसका कोई प्रमाण नहीं मिलता।

मंदिर से जुड़ी मान्यताएं

मान्यता है कि स्वयंभू श्री हनुमान जी की प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई थी । लोगों का मानना है कि स्वयंभू श्री हनुमान जी की मूर्ति पहले सीधी अवस्था में खड़ी हुई थी लेकिन बाद में कुछ लोगों द्वारा इस मूर्ति के नीचे धन छिपा होने के संदेह के चलते इसे हटाने की कोशिश की गई थी। तब श्री हनुमान जी की प्रतिमा स्वयं लेट गई और यह भी कहा जाता है कि कई घोड़ो व बैलों से खींचने पर भी मूर्ति अपने स्थान से हिली तक नहीं।

कुछ लोगों द्वारा इस मंदिर का संबंध रामायण काल से भी जोड़ा जाता है। उनका कहना है कि भगवान श्री राम और रावण के युद्ध के दौरान मेघनाद के बाण से लक्ष्मण जी मूर्छित हो गए थे तो संजीवनी बूटी से भरा पर्वत लेकर लेजाते समय श्री हनुमान जाम सांवली स्थित पीपल के पेड़ के नीचे विश्राम करने के लिए रुके थे। एक और कथा के अनुसार  महाभारत काल में इसी स्थान पर ही श्री हनुमान ने भीम का गर्वहरण किया था ।

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चमत्कारिक है मंदिर का जल

स्वयं प्रकट हुई श्री हनुमान प्रतिमा की नाभि से रहस्यमयी ढंग से चमत्कारिक जल निकलता है जिसके बारे में कहा जाता है कि इससे गंभीर रोगों का इलाज होता है। इस चमत्कारिक जल को प्रसाद के रूप में भक्तों को पिलाया जाता है। लोगों का विश्वास है कि इस मंदिर में श्री हनुमान के दर्शन करने से कैंसर, लकवा, मानसिक रोग और प्रेत बाधा भी दूर होती है।

मंदिर तक कैसे पहुंचें

चमत्कारिक जामसांवली श्री हनुमान मंदिर अपने चमत्कारों के कारण श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर में शनिवार और मंगलवार को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। लोगों का विश्वास है कि जहां आने वाले श्रद्धालुओं और भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। यह प्राचीन मंदिर नागपुर की उत्तर दिशा में 66 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस मंदिर तक सड़क व रेल मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। 

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धर्मेन्द्र संधू

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