मोदी सरकार किसान विरोधी बिल पास करके लोगों के साथ धोखा कर रही है – केबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला

चंडीगढ़, 19 सितम्बरः
पंजाब के शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने शनिवार को मोदी सरकार पर बरसते हुए कृषि सुधारों की आड़ में तीन बिल पास करके लोगों को धोखा देने के लिए केंद्र को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यह बिल देश के अन्नदाता के तौर पर जाने जाते पंजाब की रीढ़ऽकी हड्डी तोड़कर रख देंगे। कैबिनेट मंत्री ने बिलों को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि यह बिल प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर कृषि के साथ जुड़े लोगों के लिए बड़ा खतरा हैं। श्री सिंगला ने कहा कि केंद्र के इस कदम को जायज ठहराने के लिए भाजपा नेता अपनी राजनैतिक सुविधा अनुसार तथ्यों को निरंतर तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं।
श्री सिंगला ने कहा कि इन काले बिलों के आने से किसानों, आढ़तियों और मजदूरों के दशकों से चल रहे आपसी रिश्ते खत्म हो जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि कृषि क्षेत्र में समाज के इन वर्गों के साझे यत्नों ने ही पंजाब को भारत के अन्नदाता के तौर पर स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि खुले मंडीकरण की आजादी के साथ स्थानीय व्यापारियों को अनाज कारोबार से बाहर निकाला जा रहा है और बाद में वह अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों की काला बाजारी शुरू कर देंगे।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इन बिलों का कड़ा विरोध किया है और सोमवार को कांग्रेस पार्टी के नेता और वर्कर पूरे पंजाब में धरने देंगे। उन्होंने समाज के सभी वर्गों, किसानों, आढ़तियों (कमीशन एजेंट), मजदूरों और चुने हुए नुमायंदों को भी अपील की कि वह भाजपा सरकार की लोक विरोधी नीति के विरुद्ध डटकर खड़े हों।
श्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने 1,800 से अधिक मंडियों में सभ्यक बुनियादी ढांचे को यकीनी बनाया है और 28,000 आढ़तियों के हितों की रक्षा की है। श्री सिंगला ने आगे कहा कि ये बिल राज्यों की कार्य प्रणाली पर प्रत्यक्ष आक्रमण और संविधान में निर्धारित सहकारी संघीय ढांचे के विरूद्ध हैं। उन्होंने कहा क्योंकि ये बिल नोटीफाईड एग्रीकल्चरल प्रड्यूस मार्केट कमेटी (ए.पी.एम.सी) के बाहर कृषि बिक्री और मंडीकरण की आजादी देने वाले हैं, इससे राज्य सरकार पर ए.पी.एम.सी से बाहर व्यापार करने के लिए आढ़तियों से मार्केट फीस, सैस या टैक्स वसूलने और कमीशन लेने से भी रोक लग जायेगी। उन्होंने कहा कि मुख्य तौर पर मंडी बोर्ड की आय लिंक सड़कों और अन्य ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए इस्तेमाल की जाती है परन्तु इन बिलों के लोक विरोधी प्रबंधों से राज्य संचालित बोर्डों के राजस्व जुटाने में भारी गिरावट आयेगी। उन्होंने कहा कि मंडी बोर्डों की आय का घटना ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को प्रभावित करेगी।
श्री सिंगला ने कहा कि केंद्रीय कृषि मंत्री ने जुबानी भरोसा दिया है कि उनकी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को वापस नहीं लेगी परन्तु अगर वह वास्तव में किसानों की सुरक्षा की रक्षा करना चाहते हैं तो उनको इस व्यवस्था को लिखित रूप में बिलों में शामिल करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि खाने पीने की वस्तुओं के नियम को आसान करने से यह एक्सपोर्टरों, प्रोसैसरों और व्यापारियों को कटाई के सीजन के दौरान जब कीमतें आम तौर पर कम होती हैं, खेती उत्पादों की जमाखोरी करने के लिए बढ़ावा देगा। बाद में कीमतें बढ़ने पर वह इन खेती उत्पादों को बेचेंगे।
-NAV GILL

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