मुख्य सचिव द्वारा ‘अनीमिया मुक्त पंजाब’ मुहिम की शुरूआत

-100 प्रतिशत टेस्टिंग, सप्लीमेंट के साथ इलाज और मिड डे मील की पौष्टिकता बढ़ाने के लिए कहा
-स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा विभाग साझे तौर पर लागू करेंगे मुहिम
चंडीगढ़, 10 जुलाईः
मुख्य सचिव पंजाब श्रीमती विनी महाजन ने राज्य में किशेरियों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली महिलाओं को अनीमिया (ख़ून की कमी) से निजात दिलाने के लिए ‘अनीमिया मुक्त पंजाब’ मुहिम की शुरूआत की है।
राज्य में अनीमिया घटाने बारे स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास और स्कूल शिक्षा विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव ने तीनों विभागों को प्राथमिकता के आधार पर बच्चों, किशेरियों, गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली महिलाओं की टेस्टिंग और इलाज पर ध्यान केंद्रित करते हुए मुहिम को संगठित तौर पर लागू करने के निर्देश दिए।
उन्होंने लाभार्थीयों के व्यवहार और जीवन शैली में तबदीली लाने के लिए भी ठोस मुहिम लागू करने पर ज़ोर दिया।
श्रीमती महाजन ने कहा कि अनीमिया खासकर गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली महिलाओं के साथ-साथ किशोरियों में एक प्रमुख समस्या है परन्तु आयरन और फोलिक एसिड सप्लीमेंटों और सही पौष्टिक ख़ुराक के साथ इसकी आसानी के साथ रोकथाम की जा सकती है।
उन्होंने तीनों सम्बन्धित विभागों को आयरन-फोलिक एसिड (आई.एफ.ए.) की गोलियाँ मुहैया करवाने के साथ-साथ स्कूलों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में बच्चों के लिए मिड-डे-मील की पौष्टिकता के स्तर को बढ़ाने के लिए कहा।
इसके अलावा, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को हिदायत की कि वह इस मुहिम के अंतर्गत बच्चों में अनीमिया की रोकथाम के लिए सभी प्राईवेट स्कूलों के विद्यार्थियों को भी कवर करें।
‘अनीमिया मुक्त पंजाब’ मुहिम की सफलता के लिए रूप रेखा बनाते हुए मुख्य सचिव ने प्रमुख स्वास्थ्य सचिव हुस्न लाल को हिदायत की कि वह सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में अनीमिया जांच को यकीनी बनाएं और इसके अलावा राज्य में कोविड टीकाकरण केन्द्रों में जागरूकता मुहिम शुरू करें।
इस मुहिम के अंतर्गत 9वीं से 12वीं कक्षा तक की सभी छात्राओं को कवर करने पर ज़ोर देते हुए मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग को सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्रों और आशा वर्करों को आई.एफ.ए. की गोलियाँ देने के लिए कहा।
उन्होंने इस मुहिम में शामिल तीनों विभागों को अनीमिया से प्रभावित बच्चों की टेस्टिंग सम्बन्धी आंकड़ों को साझा करने और वैबसाईट पर अपलोड करने की हिदायत की। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लाभार्थीयों को आई.एफ.ए. की गोलियों का 100 प्रतिशत वितरण यकीनी बनाने के लिए निर्देश दिए।
प्रमुख सचिव सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास राज़ी पी. श्रीवास्तव ने बताया कि स्कूल स्तर और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में अनीमिया की जांच संबंधी योजना स्वास्थ्य और स्कूल शिक्षा विभागों के तालमेल के साथ बनाई जायेगी। उन्होंने बताया कि छह महीने से 5 साल की उम्र के लगभग 7.27 लाख बच्चों के अलावा लगभग 2.06 लाख गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं को पहले ही आंगनवाड़ी केन्द्रों में नामांकित किया जा चुका है। उनको अनीमिया के विरुद्ध लड़ाई में आई.एफ.ए. गोलियों की निर्विघ्न सप्लाई को यकीनी बनाकर इस मुहिम अधीन कवर किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि विभाग ने सप्लीमेंटरी ख़ुराक की पौष्टिकता के मानक में सुधार के लिए सुधारे हुए तौर-तरीके पेश किये हैं। इसके अलावा, मोगा, फ़िरोज़पुर और लुधियाना जिलों में चावलों की पौष्टिकता में सुधार के लिए एक पायलट प्रोजैक्ट भी चल रहा है। इसके इलावा, यू.एन.डी.पी. के सहयोग से एक और पायलट प्रोजैक्ट की योजना भी बनाई गई है, जिसका उद्देश्य राज्य के तीन जिलों के 100 गाँवों में अनीमिया के प्रति एक व्यापक योजना को बनाना और लागू करना है।
मीटिंग में यह फ़ैसला किया गया कि आई.एफ.ए. की गोलियों के प्रबंधन की ज़िम्मेदारी मुख्य तौर पर स्वास्थ्य विभाग की होगी, परन्तु स्कूल शिक्षा विभाग के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग ज़मीनी स्तर पर बाँटने में सहयोगी कदम उठाएंगे और तालमेल करेंगे।
मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को कहा कि वह सी.डी.पी.ओज़, सुपरवाईज़रों, आंगनवाड़ी वर्करों, आशा वर्करों, एएनएम और अध्यापकों को जागरूक करें जिससे वह व्यवहार में तबदीली संबंधी संचार तकनीकों की योजना बनाने के साथ-साथ बच्चों और किशोरियों में जीवन शैली में तबदीली के लिए प्रेरित कर सकें।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सभी आंगनवाड़ी वर्करों के साथ-साथ स्कूल के अध्यापकों और स्टाफ के कोविड टीकाकरण को यकीनी बनाने की हिदायत की जिससे वह वायरस फैलने के बिना किसी डर के बच्चों के साथ सुरक्षित ढंग और आसनी से बातचीत कर सकें।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि आई.एफ.ए. की गोलियों के वितरण के लिए आर.बी.एस.के. की टीमों के साथ फार्मासिस्टों को नियुक्त किया जायेगा और इन गोलियों की कोई कमी नहीं आयेगी क्योंकि टेंडर पहले ही जारी किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इस राज्य-व्यापक मुहिम का प्रभावशीलता संबंधी मुल्यांकन करने के लिए इसके नतीजों की जांच की जाएगी।
मीटिंग में दूसरों के अलावा स्कूल शिक्षा के सचिव कृष्ण कुमार और डायरेक्टर सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विपुल उज्जवल भी मौजूद थे

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