मुख्यमंत्री ने कोविड संपर्क ट्रेसिंग 15 व्यक्तियों तक बढ़ाई, आर.टी.-पी.सी.आर. अनिवार्य किया और आर.ए.टी. में छूट

चंडीगढ़, 3 नवंबर:

कोविड के घटते जा रहे मामलों के बावजूद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को पॉजि़टिव मरीज़ों की संपर्क ट्रेसिंग की संख्या बढ़ाकर 15 व्यक्तियों तक कर दी है और सी.टी. स्कैन करने वाले अस्पतालों और रेडीयोलॉजी लैबारेटरियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि ऐसे मरीज़ों बारे, कोरोनावायरस का शक होने पर, राज्य प्रशासन को जानकारी दी जाये। यह कदम कोविड की दूसरी लहर की आशंका के मद्देनजऱ कोविड प्रबंधन प्रणालियों को मज़बूत करने के हिस्से के तौर पर उठाए गए हैं। कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया को सभ्यक ढंग के साथ चलाने और प्राथमिकता देने के लिए मुख्यमंत्री ने एक राज्य स्तरीय तीन स्तरीय दवा निगरानी प्रणाली विकसित किये जाने के हुक्म दिए हैं जिसमें एक संचालन समिति और राज्य और जि़ला स्तरीय टास्क फोर्स शामिल होगी।

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कुछ अन्य राज्यों के उलट जहाँ कि कम विश्वसनीय रैपिड एंटीजन टेस्टिंग (आर.ए.टी.) का इस्तेमाल किया जाता है, कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि आर.टी.-पी.सी.आर. को अनिवार्य कर दिया जाये जबकि आर.ए.टी. में छूट दी जाये और इसके साथ ही उन्होंने ज़मीनी स्थिति का आकलन करने के लिए एक और ‘सीरो’ सर्वेक्षण करवाने के हुक्म दिए। अन्य उठाएगए कदमों में उन्होंने जि़ला अस्पतालों में 24 घंटे टेस्टिंग की सुविधा मुहैया करवाने के निर्देश दिए और इसके साथ ही यह भी हुक्म दिए कि स्वास्थ्य संस्थाओं में आने वाले बुख़ार/अन्य लक्षणों वाले सभी मामलों की आर.टी.-पी.सी.आर. टेस्टिंग की जाये और फ्लू कॉर्नरों में आने वाले समूह मरीज़ों की भी आर.टी.-पी.सी.आर टेस्टिंग की जाये। उन्होंने इस बात की ज़रूरत पर ज़ोर दिया कि कई स्थानों पर वॉक-इन-टेस्टिंग का प्रबंध किया जाये और स्वास्थ्य विभाग को कहा कि मोहाली में होती आउटडोर टेस्टिंग जैसे स्थानीय प्रयासों के द्वारा टेस्टिंग बढ़ाने पर विचार किया जाये।

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मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को कहा कि निजी और सरकारी अस्पतालों से कोविड की मृत्युदर सम्बन्धी जानकारी हासिल की जाये और 9 नवंबर तक ऑडिट पूरा किया जाये जिससे नवंबर के मध्य तक इस सम्बन्धी ज़रूरी कदम उठाए जा सकें। दूसरी लहर की तैयारी यकीनी बनाने की महत्ता पर ज़ोर देते हुए उन्होंने विभाग को यह निर्देश भी दिए कि अमले की कमी, ख़ासकर एल-2 संस्थानों में, को पूरा करने के लिए पूरा बल लगाया जाये। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू द्वारा प्रकट की गई आशंका बाबत यह भी कहा कि जिनका चयन हो चुका है, उनको तुरंत ही नियुक्ति पत्र दिए जाएँ और ज्वाइन करने के लिए कहा जाये।

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मैडीकल और स्वास्थ्य माहिरों और अधिकारियों की एक मीटिंग की वर्चुअल माध्यम से अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने वैश्विक रुझान के मद्देनजऱ और भी ज़्यादा ख़तरनाक दूसरी लहर की संभावना के मद्देनजऱ कोई भी ढील बरतने के खि़लाफ़ चेतावनी दी। उन्होंने समूह सामाजिक और धार्मिक जलसा करने वाले प्रबंधकों, जिनको इन जमावड़ों की इजाज़त दी गई है, को इनमें शामिल होने वाले लोगों को अपनी जांच करवाने के लिए प्रेरित करने का न्योता भी दिया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि नागरिक संगठनों और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं को प्रोत्साहन दिया जाये और लोक साझेदारी प्रोग्राम के द्वारा लोगों तक पहुँच बनाई जाये जिससे इस दिवाली के अवसर पर पटाख़ों के इस्तेमाल से परहेज़ करने के लिए लोगों को उत्साहित किया जा सके।

इस बात पर विशेष ध्यान देते हुए कि लोग अब कोविड जांच करवाने की जगह बड़े स्तर पर सी.टी. स्कैनों पर भरोसा कर रहे हैं, मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि सी.टी. स्कैन करवाने के लिए आने वाले लोगों बारे जानकारी स्वास्थ्य विभाग के साथ साझा की जाये। राज्य सरकार की स्वास्थ्य सम्बन्धी माहिर समिति के प्रमुख डॉ. के.के. तलवार ने इससे पहले कहा कि यदि रोक न लगाई गई तो लोगों की तरफ से ख़ुद की जांच सिफऱ् सी.टी. स्कैनों तक सीमित रखे जाने का रुझान राज्य के लिए ख़तरनाक साबित हो सकता है।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वैक्सीन मौजूद हो जाने पर इसके वितरण को यकीनी बनाने के लिए स्वास्थ्य कामगारों और अलग-अलग बीमारियों से पीडि़त लोगों समेत अन्य जरूरतमंद वर्गों को पहल दी जायेगी। उन्होंने मुख्य सचिव के नेतृत्व में प्रांतीय संचालन समिति का गठन करने और प्रगति की निगारनी के लिए मासिक बैठकों के हुक्म दिए। इसी तरह स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव के नेतृत्व में प्रांतीय टास्क फोर्स की तरफ से हर 15 दिनों बाद मीटिंग की जाया करेगी जबकि जि़ला स्तर पर जि़ला टास्क फोर्स का नेतृत्व जि़ला मैजिस्ट्रेट करेंगे जो साप्ताहिक बैठकें करेंगे।

मुख्यमंत्री ने पूरी तरह सचेत रहने और टेस्टिंग बढ़ाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया जिससे स्थिति जो पिछले कुछ हफ़्तों में सुधरी है, फिर से खऱाब न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉजि़टिव दर कम होकर लगभग 2 प्रतिशत पर आ गई है परन्तु राज्य किसी भी सूरत में लापरवाह नहीं हो सकता। उन्होंने उस समय तक लोगों को कोविड सम्बन्धी सभी स्वास्थ्य प्रोटोकॉलों का पालन यकीनी बनाने के लिए कहा जब तक कि कोई असरदार दवा नहीं आ जाती है।

मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित विभागों को नवंबर महीने में समर्पित तौर पर स्वास्थ्य, पुलिस, राजस्व विभाग के स्टाफ और अन्य सिविलीयन स्टाफ की टेस्टिंग करवाने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कोविड रिस्पांस के लिए पहले ही लगभग 900 करोड़ रुपए मंजूर कर दिए हैं और पुख़्ता तैयारियों और बेहतर रिस्पांस को यकीनी बनाने के लिए फंड को रुकावट नहीं बनने दिया जायेगा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को एक लाख की आबादी के पीछे कम से कम 100 टैस्टों के साथ एक दिन में टेस्टिंग की क्षमता 30000 तक बढ़ाने के लिए कहा।

मासिक टेस्टिंग के लिए प्रमुख क्षेत्रों में स्वास्थ्य वर्कर, सरकारी अमला, औद्योगिक कामगार, प्रवासी मज़दूर (मंडियों, मज़दूरों के रिहायशी इलाके, भट्टों आदि), दफ़्तरों और व्यापारिक स्थानों, मार्केट, स्कूलों /कॉलेज मल्टीप्लेक्स, कंटेनमैंट /माईक्रो कंटेनमैंट जोन, अन्य बीमारी से पीडि़त व्यक्ति, ढाबा /रैस्टोरैंटों के टैस्ट किये जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन वर्गों में से कम से कम 50 प्रतिशत सैंपल लिए जाने चाहिएं। उन्होंने स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभागों को प्रमुख इलाकों को दर्शाते साप्ताहिक सैंपलिंग/निगरानी के लिए योजना तैयार करने के लिए कहा।

स्वास्थ्य सचिव हुस्न लाल ने कहा कि बठिंडा, फरीदकोट, फाजिल्का, फिऱोज़पुर, मोहाली, मुक्तसर और पठानकोट में विशेष तौर पर टेस्टिंग बढ़ाने की ज़रूरत है। चिकित्सा शिक्षा सचिव डी.के. तिवारी ने कहा कि इस समय तीन मैडीकल कॉलेजों में 95 मरीज़ दाखि़ल हैं और पिछले एक हफ़्ते में इन संस्थाओं में कोई मौत नहीं हुई। उन्होंने मीटिंग में यह भी बताया कि कुल 462 स्वास्थ्य वर्कर पॉजि़विट पाए गए जिनमें से 17 अभी भी पीडि़त हैं परन्तु खुशकिस्मती से इनमें से किसी की भी मौत नहीं हुई। उन्होंने आगे खुलासा किया कि मैडीकल कॉलेजों में क्लासें फिर से शुरू करने के लिए भारत सरकार की मंज़ूरी का इन्तज़ार किया जा रहा है।

इसी दौरान मुख्यमंत्री ने आज लॉकडाउन के समय से कोविड के विरुद्ध लड़ाई में राज्य सरकार के यत्नों को दर्शाती एक पुस्तक जारी की। इस पुस्तक को मगसीपा द्वारा अर्नेस्ट एंड यंग के सहयोग से तैयार किया गया है।

-Nav Gill

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